आमजन खुद पता कर सकेगा संपत्ति की कीमत, आधार से जुड़ेगी रजिस्ट्री
प्रदेश में नक्शा आधारित कलेक्टर गाइडलाइन
प्रवेंद्र तोमर भोपाल. जमीन, मकान और प्लॉट की बाजार में कितनी कीमत है, यह पता लगाने लोग चकरघिन्नी हो जाते हैं। सरकारी विभागों में जाओ तो वे अलग कीमत बताते हैं, बिल्डरों से संपर्क करें तो वे अलग बताते हैं। लोगों को इस परेशानी से निजात दिलाने सरकार प्रदेश में एक सिस्टम लागू करने जा रही है। इसके तहत आम आदमी संपत्ति का बाजार मूल्य खुद पता कर सकेगा।
इसके लिए पंजीयन विभाग संपदा टू सॉफ्टवेयर में कलेक्टर गाइडलाइन को देखना आसान कर रहा है। एक्सल शीट की जगह गूगल मैप से लिंक करते हुए जिले के नक्शे पर गाइडलाइन बनाई जाएगी। आमजन पंजीयन विभाग की वेबसाइट पर जाकर गाइडलाइन के विकल्प पर अपने क्षेत्र, कॉलोनी के नाम से उस जगह के सर्किल रेट नक्शे पर देख सकेंगे। जैसे गूगल अर्थ पर कोई भी लोकेशन देख सकते हैं। यह सिस्टम अगले वित्तीय वर्ष तक लागू हो रजाएगा।
अभी ये दिक्कत…
वर्तमान गाइडलाइन में प्रॉपर्टी की कीमत देख पाना आम आदमी के लिए टेढ़ी खीर है। पहले गाइडलाइन को डाउनलोड करना होता है, जो की चार—पांच सौ पन्नों की है। इसमें शहरी सीमा में वार्ड वार और ग्रामीण क्षेत्र में पटवारी हल्के में टेबल देखनी पड़ती है। कहीं कॉर्नर का प्लॉट है, तो उसकी कीमत अलग से निकालना होती है। नक्शे पर गाइडलाइन बनते ही इन सबसे छुटकारा मिलेगा। कॉर्नर, रोड साइड, कौन सा मुखी सब इस पर ही दिखेगा। रजिस्ट्री में कितना स्टाम्प शुल्क लगेगा, इसकी गणना भी खुद कर सकेंगे।
ये है सम्पदा टू
मप्र में मेप आइटी की ओर से तैयार सम्पदा सॉफ्टवेयर पर इ-रजिस्ट्री होती है। एक जुलाई को छह वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस बीच रियल एस्टेट करोबार भी बढ़ा है, तमाम रजिस्ट्री, रेरा, टीएंडसीपी, गाइडलाइन, खसरे, नामांतरण खोजने के विकल्पों से ये सॉफ्टवेयर ओवरलोड हो गया है। सम्पद टू इसका अपडेट वर्शन है।
अभी यह होता है
मौजूदा कलेक्टर गाइडलाइन बनाने पंजीयन अफसर, सब रजिस्ट्रार पहले चरण में लोकेशन निकालते हैं, फिर एक्सल शीट में भरा जाता है। पीडीएफ फाइल तैयार की जाती है। इसके बाद एक बड़े डाटा की फाइल को पंजीयन की साइट पर अपलोड करते हैं। प्रदेश भर के डाटा से ही सर्वर पर काफी लोड पड़ जाता है।
आधार से जुड़ेगी रजिस्ट्री, बढ़ेगी परदर्शिता
काफी समय से रजिस्ट्री को आधार से जोडऩे की कोशिश हो रही है। सम्पदा टू में रजिस्ट्री को आधार से लिंक करेंगे, इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, ब्लैक मनी से प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त कम होगी। लोन, सब्सिडी व प्रॉपर्टी डिटेल पता करना आसान होगा। भू-अभिलेख,टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का रिकॉर्ड भी जुड़ेगा। एक ही विंडो में पूरी जानकारी मिलेगी।
&सम्पदा टू में कलेक्टर गाइडलाइन नक्शा आधारित होगी। वेबसाइट पर प्रॉपर्टी और क्षेत्र की डिटेल डालकर आम आदमी खुद रेट पता कर सकेंगे, नक्शे पर ही रेट डिजाइन होंगे। रजिस्ट्री को आधार से जोड़ा जाएगा। क्लाउड का ऑप्शन भी इसमें रख रहे हैं, स्पीड तेज होगी।
प्रदेश में नक्शा आधारित कलेक्टर गाइडलाइन
प्रवेंद्र तोमर भोपाल. जमीन, मकान और प्लॉट की बाजार में कितनी कीमत है, यह पता लगाने लोग चकरघिन्नी हो जाते हैं। सरकारी विभागों में जाओ तो वे अलग कीमत बताते हैं, बिल्डरों से संपर्क करें तो वे अलग बताते हैं। लोगों को इस परेशानी से निजात दिलाने सरकार प्रदेश में एक सिस्टम लागू करने जा रही है। इसके तहत आम आदमी संपत्ति का बाजार मूल्य खुद पता कर सकेगा।
इसके लिए पंजीयन विभाग संपदा टू सॉफ्टवेयर में कलेक्टर गाइडलाइन को देखना आसान कर रहा है। एक्सल शीट की जगह गूगल मैप से लिंक करते हुए जिले के नक्शे पर गाइडलाइन बनाई जाएगी। आमजन पंजीयन विभाग की वेबसाइट पर जाकर गाइडलाइन के विकल्प पर अपने क्षेत्र, कॉलोनी के नाम से उस जगह के सर्किल रेट नक्शे पर देख सकेंगे। जैसे गूगल अर्थ पर कोई भी लोकेशन देख सकते हैं। यह सिस्टम अगले वित्तीय वर्ष तक लागू हो रजाएगा।
अभी ये दिक्कत…
वर्तमान गाइडलाइन में प्रॉपर्टी की कीमत देख पाना आम आदमी के लिए टेढ़ी खीर है। पहले गाइडलाइन को डाउनलोड करना होता है, जो की चार—पांच सौ पन्नों की है। इसमें शहरी सीमा में वार्ड वार और ग्रामीण क्षेत्र में पटवारी हल्के में टेबल देखनी पड़ती है। कहीं कॉर्नर का प्लॉट है, तो उसकी कीमत अलग से निकालना होती है। नक्शे पर गाइडलाइन बनते ही इन सबसे छुटकारा मिलेगा। कॉर्नर, रोड साइड, कौन सा मुखी सब इस पर ही दिखेगा। रजिस्ट्री में कितना स्टाम्प शुल्क लगेगा, इसकी गणना भी खुद कर सकेंगे।
ये है सम्पदा टू
मप्र में मेप आइटी की ओर से तैयार सम्पदा सॉफ्टवेयर पर इ-रजिस्ट्री होती है। एक जुलाई को छह वर्ष पूरे हो जाएंगे। इस बीच रियल एस्टेट करोबार भी बढ़ा है, तमाम रजिस्ट्री, रेरा, टीएंडसीपी, गाइडलाइन, खसरे, नामांतरण खोजने के विकल्पों से ये सॉफ्टवेयर ओवरलोड हो गया है। सम्पद टू इसका अपडेट वर्शन है।
अभी यह होता है
मौजूदा कलेक्टर गाइडलाइन बनाने पंजीयन अफसर, सब रजिस्ट्रार पहले चरण में लोकेशन निकालते हैं, फिर एक्सल शीट में भरा जाता है। पीडीएफ फाइल तैयार की जाती है। इसके बाद एक बड़े डाटा की फाइल को पंजीयन की साइट पर अपलोड करते हैं। प्रदेश भर के डाटा से ही सर्वर पर काफी लोड पड़ जाता है।
आधार से जुड़ेगी रजिस्ट्री, बढ़ेगी परदर्शिता
काफी समय से रजिस्ट्री को आधार से जोडऩे की कोशिश हो रही है। सम्पदा टू में रजिस्ट्री को आधार से लिंक करेंगे, इससे पारदर्शिता बढ़ेगी, ब्लैक मनी से प्रॉपर्टी खरीद फरोख्त कम होगी। लोन, सब्सिडी व प्रॉपर्टी डिटेल पता करना आसान होगा। भू-अभिलेख,टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का रिकॉर्ड भी जुड़ेगा। एक ही विंडो में पूरी जानकारी मिलेगी।
&सम्पदा टू में कलेक्टर गाइडलाइन नक्शा आधारित होगी। वेबसाइट पर प्रॉपर्टी और क्षेत्र की डिटेल डालकर आम आदमी खुद रेट पता कर सकेंगे, नक्शे पर ही रेट डिजाइन होंगे। रजिस्ट्री को आधार से जोड़ा जाएगा। क्लाउड का ऑप्शन भी इसमें रख रहे हैं, स्पीड तेज होगी।