‘आतंकवाद बाघ है, पालने वाले को भी खाता है’, भारत की तो नहीं सुनी, क्या चीन का इशारा समझेगा पाकिस्तान?

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‘आतंकवाद बाघ है, पालने वाले को भी खाता है’, भारत की तो नहीं सुनी, क्या चीन का इशारा समझेगा पाकिस्तान?

हाइलाइट्स

  • चीन ने आतंकवाद को लेकर पहली बार बोली भारत की भाषा
  • चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि गुड और बैड टेररिज्म जैसा कुछ नहीं
  • वांग यी ने आतंकवाद के राजनीतिकरण का भी विरोध किया, बोले यह नुकसान पहुंचाएगा

पेइचिंग
अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होते ही चीन को भी आतंकवाद पर अपनी सोच बदलनी पड़ी है। अबतक आतंकवाद पर दो तरफा नीति रखने वाला चीन अब भारत की भाषा बोल रहा है। ग्लोबल काउंटर टेररिज्म फोरम की 11वीं बैठक में शामिल हुए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने दुनिया को आतंकवाद पर दोहरे मापदंड को छोड़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अच्छे और बुरे आतंकवाद जैसा कोई भी भेद नहीं होता है। उन्होंने आतंकवाद की तुलना जंगली बाघ से करते हुए कहा कि यह पालने वाले को ही खाता है।

क्या पाकिस्तान पर था वांग यी का निशाना?
वांग यी ने पाकिस्तान या अफगानिस्तान का नाम तो नहीं लिया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा इन्हीं दोनों देशों की तरफ था। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला एक जटिल और गंभीर चुनौती बनी हुई है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सभी देशों के संयुक्त प्रयासों की तारीफ भी की। वांग यी ने चेतावनी देते हुए यह कहा कि इसके बावजूद आतंकी ताकतों का सफाया अभी बाकी है। उनका नेटवर्क अभी भी बढ़ रहा है।

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आतंकवाद के बढ़ते कारकों पर चीन का ज्ञान
चीनी विदेश मंत्री ने इस बैठक में आतंकवाद के बढ़ने के कारकों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी संगठन आतंकी गतिविधियों को चलाने के लिए सोशल नेटवर्क, एन्क्रिप्टेड कम्यूनिकेशन, वर्चुअल करेंसी, ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी का फायदा उठाते हैं। इस कारण आतंकवाद का रोकधाम और उसके खिलाफ कार्रवाई और अधिक कठिन हो जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी प्रयास काफी कमजोर हुए हैं।

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वांग यी ने अमेरिका पर साधा निशाना
वांग यी ने आतंकवाद पर अपने भाषण के दौरान अमेरिका पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अफगान युद्ध एक बार फिर अपने परिणाम से साबित करता है कि अकेले सैन्य साधन आतंकवाद को शायद ही खत्म कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद के नाम पर लोगों पर थोपा गया लोकतंत्र स्थानीय परिस्थितियों के हिसाब से सही नहीं है और टिक नहीं सकता है।

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आतंकवाद को बताया जंगली बाघ
चीनी विदेश मंत्री ने आतंकवाद पर दोहरे मापदंड को छोड़ने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अच्छे और बुरे आतंकवादियों का ऐसा कोई भेद नहीं है। आतंकवाद का राजनीतिकरण करना या इसे अपनी राजनीतिक जरूरतों को पूरा करने के लिए एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करना भी खतरनाक है। उन्होंने कहा कि यह एक जंगली बाघ को पालतू जानवर के रूप में पालने जैसा है, जो केवल आपदा लाएगा।

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ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट पर बरसे वांग यी
वांग यी ने शिनजियांग में सक्रिय ईस्ट तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) के विद्रोहियों पर भी जमकर गुस्सा दिखाया। उन्होंने कहा कि इटीआईएम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति द्वारा सूचीबद्ध एक आतंकवादी संगठन है। ETIM लंबे समय से सक्रिय है, और कई जघन्य अपराधों के लिए जिम्मेदार है। यह न केवल चीन की सुरक्षा और स्थिरता के लिए हानिकारक है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी एक वास्तविक खतरा है। ईटीआईएम को खत्म करने में जीरो टॉलरेंस होना चाहिए।



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