अमृत’ सहेजने में बेपरवाह हम | SaveWater | Patrika News

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अमृत’ सहेजने में बेपरवाह हम | SaveWater | Patrika News


इंदौर. आकाश से बरसने वाली अमृत को सहेजने में इंदौर पिछड़ता जा रहा है। इसकी वजह अफसरों की लापरवाही है। पिछले साल नगर निगम ने शहर भर में 101798 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाए थे, जबकि इस साल यह आंकड़ा महज 3054 तक ही पहुंचा है। इस मानसून सीजन में करोड़ों लीटर पानी व्यर्थ बह जाएगा। इसका खमियाजा गर्मी में भुगतना पड़ेगा। पिछले साल बारिश से पहले रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर जोर दिया गया था। इसके लिए निगम ने हार्वेस्टिंग करवाने पर 6 प्रतिशत तक की संपत्तिकर में छूट की घोषणा की थी। असर रहा कि 101798 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे। इस बार अभी तक कोई छूट की घोषणा नहीं हुई है।
हार्वेस्टिंग की शर्त पर ही मकान बनाने की अनुमति
अफसरों के मुताबिक, भवन बनवाने से पहले जो नक्शा पास करवाया जाता है, उसकी अनुमति सशर्त दी जाती है। यदि प्लॉट 1500 वर्गफीट से बड़ा है, उस पर बहुमंजिला भवन निर्मित होना हो या ऐसे भवन जहां बोरिंग है, वहां अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग करवाना जरूरी है।
जोन-8 में सर्वाधिक
इस साल सबसे ज्यादा ४५५ रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जोन-8 में लगे हंै। सबसे कम जोन-6 में महज 30 सिस्टम इंस्टॉल हुए। ्रसिलिकॉन सिटी जोन-14 में 125 और अनुराधा नगर जोन 13 में 75 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ही लग चुके हैं, जबकि यहां भी शत प्रतिशत का दावा किया गया था।
शर्त उल्लंघन पर जुर्माने का प्रावधान
भवन बनवाने के लिए नक्शा पास करते वक्त रेन वाटर हार्वेस्टिंग करवाने की शर्त अनिवार्य की जाती है। नक्शा पास हो जाने के बाद भी ऐसा न करने वाले भवन मालिकों पर 500 से 5000 रुपए तक का जुर्माना निगम द्वारा वसूला जाता है।
टारगेट तय किए फिर भी पिछड़े
बीते वर्ष की तरह इस बार भी एक लाख रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का टारगेट निगम ने रखा था, लेकिन अफसरों की अनदेखी के कारण यह आंकड़ा पांच फीसदी भी पूरा नहीं हो सका है। मसलन, अब तक सिर्फ 3054 रेन वाटर हार्वेस्टिंग ही लग चुके हैं।
पिछले साल यहां लगे इतने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
अपार्टमेंट््स 75915
बैंक 63
गार्डन 385
नगर निगम बोरिंग 376
धर्म स्थल 218
व्यवसायिक प्रतिष्ठान 6325
जल स्रोत 531

समीक्षा की जाएगी
रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति जागरूक कर रहे हैं। तालाबों के गहरीकरण पर जोर है। हालांकि, आपने जो आंकड़े बताए हैं, वह चौंकाने वाले हैं। जल्द बैठक कर समीक्षा करेंगे।
-अभिषेक शर्मा, जलकार्य समिति प्रभारी

अफसरों को निर्देश दिए
रेन वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर इस बार काम कम हो पाया है। दो दिन पहले ही समीक्षा बैठक कर अफसरों को चिन्हित किया है। उन्हें पुन: तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं।
हर्षिका सिंह, निगमायुक्त

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