अब २१४ निकायों की जंग, फोकस पर ५ नगर निगम, भाजपा-कांग्रेस में अब टक्कर कांटे की | cm shivraj singh | Patrika News

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अब २१४ निकायों की जंग, फोकस पर ५ नगर निगम, भाजपा-कांग्रेस में अब टक्कर कांटे की | cm shivraj singh | Patrika News

अब २१४ निकायों की जंग, फोकस पर ५ नगर निगम, भाजपा-कांग्रेस में अब टक्कर कांटे की | cm shivraj singh | Patrika News

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– भाजपा-कांग्रेस ने अपनी रणनीति में किया दूसरे चरण के लिए बदलाव, वोटिंग प्रतिशत को लेकर भी हाईअलर्ट, हर सीट पर जंग और तीखी
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[email protected]भोपाल। प्रदेश में अब शहरी सरकार के लिए २१४ निकायों की जंग बाकी है। इन २१४ में दूसरे चरण में वोटिंग होना है। इसके तहत इन २१४ निकायों में अब पूरा फोकस ५ नगर निगमों पर है। इन नगर निगमों के लिए भाजपा-कांग्रेस ने पूरी रणनीति बनाना शुरू कर दी है। खास बात ये कि इन नगर निगमों के लिए भाजपा और कांग्रेस ने पूरी रणनीति बदल दी है। अभी पहले चरण में वोटिंग कम हुई है, इस कारण अब दूसरे चरण को लेकर इस पहलू पर भी दोनों पार्टियों ने ध्यान देना तय किया है। दोनों ही पार्टियां अपने-अपने वोट बैंक वाले इलाकों पर अधिक ध्यान देने की रणनीति बना रही है। इसके तहत आने वाले दिनों में पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ता खुद घर-घर जाकर मतदाता पर्ची को लेकर जागरूकता लाने और मतदाता पर्ची ढूंढने में मदद करने का काम करेंगे।
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भाजपा : भोपाल सहित कई शहरी क्षेत्रों में पहले चरण में वोटिंग कम होने को लेकर भाजपा हाईअलर्ट पर है। भाजपा ने इसे चुनाव आयोग के स्तर की गलती मानने के साथ अब अपने संगठन स्तर पर भी इस पर काम शुरू करना तय किया है। इसके तहत दूसरे चरण में अब सबसे ज्यादा फोकस ज्यादा वोटिंग कराने पर रहेगा। इसके लिए भाजपा ने अपने बूथ नेटवर्क त्रिदेव को पूरी तरह अलर्ट कर दिया है। भाजपा ने स्थानीय स्तर पर भी चुनाव आयोग के बीएलओ से सम्पर्क करके मतदाताओं की मतदान पर्चियों की समस्या को हल कराना तय किया है। इसके अलावा रणनीतिक तौर पर पांचों नगर निगमों पर फोकस करना तय किया गया है। इसके लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा अगले वोटिंग चरण के पहले हर सीट पर तीन से चार बार पहुंच जाएंगे। वहीं चुनाव वाले निकायों के जिला मुख्यालय पर भी दोनों नेता पहुंचेंगे। इसके लिए आगामी प्रचार दौरों का पूरा रोडमैप तैयार किया जा रहा है। संबंधित नगर निगमों के अलावा निकायों का भी सियासी रोडमैप तैयार किया जा रहा है। पांचों नगर निगमों पर भाजपा स्थानीय क्षत्रप मंत्रियों को भी लगाएगी।
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कांगेस : निकाय चुनाव के दूसरे चरण के लिए कांग्रेस ने भी अपनी रणनीति में फेरबदल शुरू कर दिए हैं। पहले चरण के फीडबैक से कांग्रेस उत्साहित है। कांग्रेस ने भोपाल में इसे लेकर आगामी रणनीति भी बनाई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रचार के लिए मैदान में वापस उतर गए हैं। गुरुवार को वे रीवा में थे। इसके अलावा कांग्रेस ने बचे हुए निकाय व पंचायतों में मतदाताओं को परेशानी, डराने-धमकाने या अन्य किसी मामले में शिकायत के लिए वॉटसअप नंबर जारी किया है, ताकि उनकी समस्याओं को राज्य स्तर से हल करा सके। इसके अलावा रणनीतिक बदलाव भी किए जा रहे हैं। इसके तहत अब कांग्रेस उन इलाकों पर ज्यादा ध्यान देगी, जहां पर उसका परंपरागत वोटबैंक हैं। इसके तहत ऐसे इलाकों को चयनित करके बूथ स्तर की टीम को एक्टिव किया जा रहा है। कांग्रेस का मानना है कि वह मौजूदा स्थिति में और ज्यादा सीटें जीत सकती है। इसलिए कांग्रेस ने प्रचार में आक्रामकता लाने के साथ डोर-टू-डोर सम्पर्क पर भी फोकस करना तय किया है। इसमें इन इलाकों से वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने पर ज्यादा फोकस किया जाएगा। इसके अलावा भाजपा की गड़बडिय़ों को ज्यादा उठाने की तैयारी की है। कमलनाथ ने सभी चुनाव प्रभारियों को भाजपा समर्थित अफसरों की पूरी जानकारी भेजने के लिए भी कहा है। इसमें अब निकाय वार ऐसे अफसरों को देखा जाएगा। इतना ही नहीं चुनाव के दौरान भी इस पर ध्यान रखा जाएगा। कांग्रेस ने क्षेत्रीय नेताओं को समन्वय के साथ काम करने के लिए कहा है, ताकि निचले स्तर पर काम हो।
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इन ५ नगर निगमों में अब चुनाव-
देवास, कटनी, रीवा, रतलाम और मुरैना नगर निगम में अब दूसरे चरण में वोटिंग होना है। इन निगमों को लेकर दोनों पार्टियां अलर्ट हैं। इनमें रतलाम सीट कांग्रेस अपने लिए काफी मजबूत मानती है। इस सीट पर कांगे्रेस काफी जोर लगा रही है। इसके अलावा कटनी में भी तगड़ी फाइट है। अभी भाजपा इन सभी सीटों पर काबित है। भाजपा के सामने इन सीटों को बचाने की चुनौती है।
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ये रहेगा अब दोनों पार्टियों के लिए रणनीतिक दृष्टि से अहम-
– वोटिंग प्रतिशत को बढ़ाना
– बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की पहुंच बढ़ाना
– मतदाता पर्ची खोजने में मददगार बनना
– मतदाताओं को मतदान केंद्र तक पहुंचने में मददगार बनना
– अपने वोटबैंक वाले इलाकों पर फोकस करना
– चुनाव आयोग के बीएलओ से सम्पर्क में रहना
– बूथ स्तर की नेटवर्किंग करके अपने पक्ष में जागरूकता लाना
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