अब कम मैली होगी यमुना, दिल्ली की अनऑथराइज्ड कॉलोनियों में 575 किलोमीटर सीवर लाइन बिछेगी

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अब कम मैली होगी यमुना, दिल्ली की अनऑथराइज्ड कॉलोनियों में 575 किलोमीटर सीवर लाइन बिछेगी

नई दिल्ली : यमुना नदी में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए एक बड़े कदम के तहत दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने राष्ट्रीय राजधानी में अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर 575 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाने की एक परियोजना को शनिवार को मंजूरी दी। बोर्ड ने कहा कि शाहबाद, संगम विहार, जाफरपुर, गालिबपुर, सारंगपुर, गोयल विहार, किलोकरी, कंगनहेड़ी आदि कॉलोनी में सीवर लाइन बिछायी जाएगी।

बारापुला नाले के मुहाने पर ‘इंटरसेप्टर सीवर’ बनेगा
दिल्ली में 1799 अनधिकृत कॉलोनी हैं। उनमें से 685 में पिछले साल अक्टूबर में सीवर लाइन चालू हो गयी थी। सरकार की योजना बाकी कॉलोनी को दिसंबर, 2024 तक सीवर नेटवर्क के तहत लाने की है। दिल्ली के जल मंत्री सत्येंद्र जैन की अध्यक्षता में हुई बैठक में बोर्ड ने बारापुला नाले के मुहाने पर ‘इंटरसेप्टर सीवर’ बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। बारापुला नाला यमुना में गिरने वाले चार बड़े नालों में एक है।

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सीवर नेटवर्क से जुड़ेंगे संगम विहार और देवली के घर
जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कोरोनेशन पिलर के पास स्थित एक वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट का उद्घाटन किया। इस प्लांट की दैनिक क्षमता 31.80 करोड़ लीटर गंदे पानी को साफ करने की है। जैन ने कहा कि इस संयंत्र का उद्घाटन यमुना को साफ करने में महत्वपूर्ण कदम निभाएगा। संगम विहार और देवली विधानसभा क्षेत्र के सभी घरों को सीवर नेटवर्क से जोड़ने के लिए 71.51 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाने के कार्य की आधारशिला भी रखी गई।

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इन इलाकों का सीवेज वाटर होगा साफ
सत्येंद्र जैन ने कहा कि नवनिर्मित कोरोनेशन पिलर वेस्ट-वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट, कोरोनेशन पिलर ड्रेनेज जोन के लिए सीवेज ट्रीटमेंट की जरूरतों को पूरा करेगा। शक्ति नगर, कमला नगर, रूप नगर, दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर, नेहरू विहार और विश्वविद्यालय के क्षेत्रों से उत्पन्न होने वाले अपशिष्ट जल का ट्रीटमेंट इस संयंत्र में किया जाएगा। इसके अलावा, स्वरूप नगर, भलस्वा, संत नगर और वजीराबाद ग्रुप ऑफ कॉलोनियों जैसी अनधिकृत कॉलोनियों से उत्पन्न सीवेज का भी अब यहां ट्रीटमेंट किया जा सकेगा।

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स्काडा प्रणाली के आधार पर करता है काम
वर्तमान में सीवेज जो सीधे नाले में गिरता है, अब बुराड़ी में उपलब्ध पंपिंग स्टेशन के माध्यम से कोरोनेशन पिलर वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट में जाएगा और यहां उपचारित किया जाएगा। इस प्लांट का निर्माण बीओडी और टीडीएस के मानकों के साथ अत्याधुनिक तकनीक से किया गया है। इसमें नाइट्रोजन और फास्फोरस को हटाने के साथ-साथ कीटों को नष्ट भी किया जाता है। यह प्लांट स्काडा प्रणाली के आधार पर काम करता है। इसमे गाद और सीवेज के डी वॉटरिंग का प्रावधान है।

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90 हजार लोगों को फायदा
इसके अलावा मौजूदा सीवरेज प्रणाली को मजबूत करने के लिए संगम विहार और देवली विधानसभा क्षेत्र की 20 अनधिकृत कॉलोनियों में 71.51 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया है। जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यहां मौजूद नाले नजफगढ़ ड्रेन के माध्यम से यमुना में जाता है। इस कार्य पर 42.36 करोड़ की लागत आएगी और यह काम पंद्रह महीने में पूरा होगा। 20 अनधिकृत कॉलोनियों के इन क्षेत्रों में रहने वाले 90 हजार लोगों को इससे लाभ होगा।

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