अपने ही गढ़ में समर्थक नेताओं को क्यों नहीं रोक पा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया? दो महीने में लगे तीन बड़े झटके

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अपने ही गढ़ में समर्थक नेताओं को क्यों नहीं रोक पा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया? दो महीने में लगे तीन बड़े झटके

अपने ही गढ़ में समर्थक नेताओं को क्यों नहीं रोक पा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया? दो महीने में लगे तीन बड़े झटके

शिवपुरी: मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेताओं के पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है। खासकर शिवपुरी जिले में दो महीने में ही पार्टी के चार बड़े स्थानीय नेताओं ने साथ छोड़ दिया है। इनमें से तीन सिंधिया समर्थक नेता शामिल हैं, जबकि एक नेता मूल बीजेपी से जुड़े हुए हैं। इन नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ जाने के पीछे राजनीतिक रूप से चर्चा यह है कि इस समय जिले की पांच विधानसभा सीटों में से अधिकांश सीटों पर बीजेपी से टिकट मांगने वालों की लंबी लिस्ट है। कहा जा रहा कि पार्टी छोड़ने का एक कारण ये भी है कि इन नेताओं को फिलहाल टिकट मिलने के चांस बहुत कम थे।

शिवपुरी जिले में पांच विधानसभा सीट आती हैं। वर्ष 2020 में प्रदेश में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कई समर्थक बीजेपी में आए। इस दौरान इन सिंधिया समर्थक नेताओं ने उन कार्यकर्ताओं का गणित बिगाड़ दिया जो शुरू से बीजेपी से जुड़े थे। जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर देखा जाए तो इस समय हालत यह हैं कि है एक टिकट के लिए 5 से 6 प्रमुख दावेदार हैं। हर प्रमुख दावेदार अपने आप को जिताऊ उम्मीदवार बता रहा है।

सिंधिया समर्थक छोड़ रहे हैं पार्टी
सिंधिया समर्थक नेताओं के पार्टी में आने के बाद बीजेपी में टिकट चाहने वालों की यह लाइन और लंबी हो गई। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए नेताओं को अब लगने लगा है कि बीजेपी में पहले से ज्यादा नेता हैं और उनका नंबर वहां पर लगने वाला नहीं है इसलिए अब बीजेपी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम रहे हैं। कोलारस विधानसभा सीट पर सिंधिया समर्थक नेता बैजनाथ सिंह यादव, रघुराज धाकड़ ने पार्टी छोड़ दी। इसके अलावा शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र से सिंधिया समर्थक राकेश गुप्ता ने भी ज्योतिरादित्य का साथ छोड़ दिया। इन तीनों नेताओं ने कांग्रेस की सदस्यता ली है।

कोलारस विधानसभा सीट से ही टिकट चाह रहे मूल बीजेपी ई जितेंद्र जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने भी एक दिन पहले ही पार्टी छोड़ी है। फिलहाल अभी उन्होंने किसी पार्टी को ज्वाइन नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि वो भी कांग्रेस ज्वाइन कर सकते हैं।

पार्टी छोड़ने वाले नेता बढ़ा सकते हैं बीजेपी की मुसीबत
पिछले कुछ दिनों में कई बीजेपी नेताओं ने पार्टी से नाता तोड़ा है। जानकारों का कहना है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में यह नेता बीजेपी की मुसीबत बढ़ा सकते हैं। कारण यह है कि जिन नेताओं ने पार्टी छोड़ी है वह अपने-अपने इलाके में कद्दावर नेता के तौर पर जाने जाते हैं। कोलारस में ही देखा जाए तो बीते एक महीने में यहां पर दो सिंधिया समर्थक नेताओं ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है। इनमें एक बैजनाथ सिंह यादव जो पूर्व में भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं और इनकी पत्नी कमला यादव जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। एक और सिंधिया समर्थक जो कोलारस विधानसभा सीट से आते हैं रघुराज धाकड़ वह भी कोलारस में जिला पंचायत के सदस्य रह चुके हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया

कोलारस विधानसभा क्षेत्र में धाकड़ बाहुल्य वोटों पर अच्छी पकड़ है। इसके अलावा शिवपुरी विधानसभा सीट पर देखा जाए तो सिंधिया समर्थक नेता राकेश गुप्ता जो पूर्व कांग्रेस के जिला अध्यक्ष रह चुके थे सिंधिया के साथ बीजेपी में चले गए थे।

डैमेज कंट्रोल करने में नाकाम हुई बीजेपी
शिवपुरी जिले में पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि लगातार बीजेपी के कुछ नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। इस डैमेज को कंट्रोल करने के लिए वरिष्ठ बीजेपी नेता भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र जैन गोटू को मनाने के लिए प्रभात झा जरूर आए थे लेकिन उनके प्रयास भी नाकाम साबित हुए। दूसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार बीजेपी के असंतुष्ट नेताओं के संपर्क में हैं। अभी पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह जब शिवपुरी के दौरे पर आए तो उसके बाद कोलारस विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी नेता रघुराज धाकड़ को वह स्वयं भोपाल लेकर गए और वहां कांग्रेस ज्वाइन कराई।

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