अपनी ही पंचायत के हाईस्कूल में नौवीं में नामांकन की अनिवार्यता से बच्चे व अभिभावक परेशान

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अपनी ही पंचायत के हाईस्कूल में नौवीं में नामांकन की अनिवार्यता से बच्चे व अभिभावक परेशान

अपनी ही पंचायत के हाईस्कूल में नौवीं में नामांकन की अनिवार्यता से बच्चे व अभिभावक परेशान

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सीतामढ़ी। हिन्दुस्तान प्रतिनिधि
जिले में शिक्षा विभाग द्वारा नये शैक्षणिक सत्र से लागू की गई नई व्यवस्था के तहत आठवीं पास बच्चों का नौवीं कक्षा में नामांकन अपने पंचायत अवस्थित उच्च माध्यमिक स्कूल में ही कराने की अनिवार्यता के शर्त से बच्चों व अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है। यह परेशानी मुख्य रुप से पोषक क्षेत्रों का निर्धारित व पंचातयों का परिसीमन को लेकर हो रही है। इस समस्या को लेकर बुधवार को विभिन्न पंचातयों के दर्जनों छात्र व उनके अभिभावक डीईओ कार्यालय पहुंचे थे। छात्रों ने कार्यालय में काफी प्रतीक्षा के बाद डीईओ से मिलकर अपने-अपने समस्याओं का बताया। मानिक चौक उत्तरी पंचायत के छात्र कमलेश, प्रेम कुमार, रंजीत आदि का कहना था कि वे लोग पश्चिमी पंचायत के मिडिल स्कूल से आठवीं पास किया है और अब दक्षिणी पंचायत के हाईस्कूल में नामांकन लेना चाहते है। इसी तरह कई छात्रों ने बताया कि दक्षिणी पंचायत स्थित मिडिल स्कूल से आठवीं पास हुए है और अब सुविधा के अनुसार दूसरे पंचायत में नौवीं में नामांकन लेना चाहते है, लेकिन संबंधित हाईस्कूलों द्वारा विभागीय आदेश का हवाला देकर दूसरे पंचायत के बच्चों का नामांकन लेने से इंकार किया जा रहा है। इसी तरह बाचोपट्टी नरहा व परिहार के कई अभिभावकों के भी इसी तरह की समस्या थी। हालांकि डीईओ प्रमोद कुमार साहु ने सभी समस्याओं का सुविधाजनक समाधान किए जाने का आश्वासन दिया।

प्राइवेट स्कूलों व संस्कृत स्कूलों से आठवीं पास बच्चों के भी नौवीं नामांकन को हो रही समस्या:

शिक्षा विभाग द्वारा नौवीं कक्षा में नामांकन को लेकर जारी नये प्रावधान से प्राइवेट स्कूलों, संस्कृत स्कूलों के आठवीं पास बच्चों को भी नौवीं कक्षा में नामांकन लेने में समस्या हो रही है। इसको लेकर बुधवार को जिला प्राइवेट स्कूल एसोसियशन के अध्यक्ष बीके मिश्रा ने डीईओ से मिलकर समस्या को रखा। अघ्यक्ष श्री मिश्रा का कहना था कि प्राइवेट स्कूल शिक्षा विभाग से स्वीकृति व डायस कोड प्राप्त है। इसके बावजूद पोषक क्षेत्र का हवाला देकर सरकारी हाईस्कूल बच्चों का नौवीं में नामांकन लेने में आनाकानी कर रहे है। इसकी शिकायत अभिभावकों द्वारा प्राइवेट स्कूल प्रबंधन से की गई है। इसी तरह अनुदानित गुरुकुल आर्य समाज संस्कृत हाईस्कूल बैरगनिया के हेडमास्टर मनोज कुमार ने डीईओ को ज्ञापन देकर संस्कृत स्कूल से आठवीं पास करने वाले बच्चों को दूसरे सामान्य हाईस्कूलों में नामांकन कराने की अनुमति देने की मांग की है। हेडमास्टर ने बताया है कि अभिभावकों का कहना है कि संस्कृत स्कूल में बच्चों को अन्य छात्र लाभुक योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है, इस परिस्थिति में संस्कृत स्कूल के बच्चे सामान्य स्कूल में नामांकन करना चाहते है। इसी तरह नौवीं कक्षा में नामांकन को लेकर पंचायत का परिसीमन के चक्कर में कस्तूरबा विद्यालय के बालिकाओं की भी समस्या बढ़ गई है।

‘ ‘ नौवीं कक्षा में नामांकन कराने को लेकर छात्र-छात्राएं परेशासन न हो, छात्र-छात्राओं की सुविधा को ध्यान में रखकर पंचायतवार स्कूल टैग करने की कार्रवाई की जा रही है। कुछ त्रुटियों के निराकरण को लेकर टैगिंन करने में देरी हो रही है। जल्द ही समस्याओं का समाधान किया जाएगा। विभाग ने जिले के सभी पंचायतों में एक-एक उच्च माध्यमिक स्कूल की स्थापना बच्चों के सुविधा को लेकर ही की है। विषयवार योग्य शिक्षकों का पदस्थापन की प्रक्रिया भी चल रही है। बच्चे व अभिभावक इसका लाभ उठाए। विशेष परिस्थिति में पंचायत से बाहर के स्कूल में नामांकन कराने वाले बच्चों को कारण सहित अनुमति लेना अनिवार्य है।

प्रमोद कुमार साहु

डीईओ, सीतामढ़ी

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