अग्निपथ योजना से छह माह की ट्रेनिंग से होगी स्किल डेवलप, ट्रेंड युवाओं को मिलेंगे जॉब के नए अवसर | Skill development will be done by six months training | Patrika News
जिंदगी में अनुशासन बढ़ेगा
रितिक सिंह ठाकुर ने बताया कि मैंने एनसीसी सी सर्टिफिकेट किया है और वाटर स्पोर्ट्स भी खेलता हूं। मैं सेना में जाने की तैयारी कर रहा हूं। इस योजना के तहत भर्ती होने का प्रयास भी करूंगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे हर यूथ को ट्रेंड होने का मौका मिलेगा। इससे उनकी जिंदगी में अनुशासन आएगा। ये यूथ के लिए एडवेंचर्स भी होगा। चार साल बाद सेना में स्थायी होने का मौका भी मिलेगा तो इससे सैनिकों का परफॉर्मेंस लेवल भी हाई होगा।
बाद में तनाव भी बढ़ेगा
निमेश नागर ने बताया कि मैं अभी बीए सेकंड ईयर में हूं और एनसीसी से भी जुड़ा हूं। भर्ती से युवाओं को प्रोत्साहन तो मिलेगा और देश के प्रति भावनाएं भी जाग्रत होंगी। लेकिन चार बाद वो घर आएगा तो क्या काम करेगा। यदि रोगजार नहीं मिलेगा तो मानसिक तनाव बढ़ेगा। सेना की ट्रेङ्क्षनग अन्य बलों की अपेक्षा काफी हाई लेवल की होती है, इसमें वह इसका दुरुपयोग भी कर सकता है। राज्य स्तर पर उनके रोजगार के लिए नए अवसर पैदा करने होंगे। वहीं, अतिथ शुक्ला का कहना है कि अभी पेंशन स्कीम के कारण सेना का आधुनिकीकरण करने में परेशानी आती है क्योंकि रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा इसमें जाता है। युवा चार साल में वहां जो सीखेगा उसका उपयोग कॉर्पोरेट सेक्टर से लेकर अन्य बलों में भर्ती होने में कर सकता है। इससे युवाओं में स्किल डेवलप होगी तो स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
सेना में भर्ती के लिए औसत आयु कम होगी
सुदर्शन चक्र में जनरल ऑफिसर कमाडिंग लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने बताया कि यह योजना सेना और राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है और इसका उद्देश्य भारतीय सेना के मानव संसाधन प्रबंधन में परिवर्तन लाकर, सेना को भविष्य की लड़ाई के लिए तैयार करना और सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाना है। इससे आधुनिक, टेक्नोलोजी से संचालित, आत्मनिर्भर और युद्ध योग्य बल तैयार होगा। चार साल के लिए युवा जब सेना में सेवाएं देंगे, तो उन्हें गौरव का एहसास होगा और जब कार्यकाल पूरा करेंगे तब भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। सेना में भर्ती के लिए औसत आयु 32 से घटकर 26 तक हो जाएगी।
प्रमोशन के चांस बढ़ेंगे
रिटायर्ड ब्रिगेडियर आर विनायक ने कहा कि वर्तमान में सैनिक जब रिटायर होता है तो उसकी उम्र 32 से 40 साल होती है। इस उम्र में दूसरी नौकरी तलाशना मुश्किल होता है। अभी जो युवा कम उम्र में नौकरी करते हैं उन्हें प्राइवेट सेक्टर में 6 से 12 हजार का वेतन ही मिल पाता है। यहां वेतन भी ज्यादा मिलेगा। उन्हें सेंट्रल और दूसरे फोर्सेस की भर्ती में प्राथमिक मिलेगी। उन्हें एक डिग्री भी दी जाएगी, ये डिग्री किस तरह की होगी, इसकी घोषणा नहीं की गई है। अभी सेना में ऊपरी स्तर पर वैकेंसी कम होने से प्रमोशन मुश्किल होता है। अब प्रमोशन के चांस भी बढ़ेंगे।
जिंदगी में अनुशासन बढ़ेगा
रितिक सिंह ठाकुर ने बताया कि मैंने एनसीसी सी सर्टिफिकेट किया है और वाटर स्पोर्ट्स भी खेलता हूं। मैं सेना में जाने की तैयारी कर रहा हूं। इस योजना के तहत भर्ती होने का प्रयास भी करूंगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे हर यूथ को ट्रेंड होने का मौका मिलेगा। इससे उनकी जिंदगी में अनुशासन आएगा। ये यूथ के लिए एडवेंचर्स भी होगा। चार साल बाद सेना में स्थायी होने का मौका भी मिलेगा तो इससे सैनिकों का परफॉर्मेंस लेवल भी हाई होगा।
बाद में तनाव भी बढ़ेगा
निमेश नागर ने बताया कि मैं अभी बीए सेकंड ईयर में हूं और एनसीसी से भी जुड़ा हूं। भर्ती से युवाओं को प्रोत्साहन तो मिलेगा और देश के प्रति भावनाएं भी जाग्रत होंगी। लेकिन चार बाद वो घर आएगा तो क्या काम करेगा। यदि रोगजार नहीं मिलेगा तो मानसिक तनाव बढ़ेगा। सेना की ट्रेङ्क्षनग अन्य बलों की अपेक्षा काफी हाई लेवल की होती है, इसमें वह इसका दुरुपयोग भी कर सकता है। राज्य स्तर पर उनके रोजगार के लिए नए अवसर पैदा करने होंगे। वहीं, अतिथ शुक्ला का कहना है कि अभी पेंशन स्कीम के कारण सेना का आधुनिकीकरण करने में परेशानी आती है क्योंकि रक्षा बजट का बड़ा हिस्सा इसमें जाता है। युवा चार साल में वहां जो सीखेगा उसका उपयोग कॉर्पोरेट सेक्टर से लेकर अन्य बलों में भर्ती होने में कर सकता है। इससे युवाओं में स्किल डेवलप होगी तो स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
सेना में भर्ती के लिए औसत आयु कम होगी
सुदर्शन चक्र में जनरल ऑफिसर कमाडिंग लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ ने बताया कि यह योजना सेना और राष्ट्र के लिए एक सकारात्मक कदम है और इसका उद्देश्य भारतीय सेना के मानव संसाधन प्रबंधन में परिवर्तन लाकर, सेना को भविष्य की लड़ाई के लिए तैयार करना और सभी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाना है। इससे आधुनिक, टेक्नोलोजी से संचालित, आत्मनिर्भर और युद्ध योग्य बल तैयार होगा। चार साल के लिए युवा जब सेना में सेवाएं देंगे, तो उन्हें गौरव का एहसास होगा और जब कार्यकाल पूरा करेंगे तब भी आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। सेना में भर्ती के लिए औसत आयु 32 से घटकर 26 तक हो जाएगी।
प्रमोशन के चांस बढ़ेंगे
रिटायर्ड ब्रिगेडियर आर विनायक ने कहा कि वर्तमान में सैनिक जब रिटायर होता है तो उसकी उम्र 32 से 40 साल होती है। इस उम्र में दूसरी नौकरी तलाशना मुश्किल होता है। अभी जो युवा कम उम्र में नौकरी करते हैं उन्हें प्राइवेट सेक्टर में 6 से 12 हजार का वेतन ही मिल पाता है। यहां वेतन भी ज्यादा मिलेगा। उन्हें सेंट्रल और दूसरे फोर्सेस की भर्ती में प्राथमिक मिलेगी। उन्हें एक डिग्री भी दी जाएगी, ये डिग्री किस तरह की होगी, इसकी घोषणा नहीं की गई है। अभी सेना में ऊपरी स्तर पर वैकेंसी कम होने से प्रमोशन मुश्किल होता है। अब प्रमोशन के चांस भी बढ़ेंगे।