अंग्रेजी का डर नहीं, युवा क्षेत्रीय भाषा में बनेंगे एक्सपर्ट | UGC | Patrika News

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अंग्रेजी का डर नहीं, युवा क्षेत्रीय भाषा में बनेंगे एक्सपर्ट | UGC | Patrika News

अंग्रेजी का डर नहीं, युवा क्षेत्रीय भाषा में बनेंगे एक्सपर्ट | UGC | News 4 Social

इंदौरPublished: Oct 06, 2023 07:59:06 pm

यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार ने बताई नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी की खासियत

अंग्रेजी का डर नहीं, युवा क्षेत्रीय भाषा में बनेंगे एक्सपर्ट

इंदौर. ग्रामीण अंचल के लोग भी पढ़ाई से दूर न रहें, इसलिए भारत सरकार और यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (यूजीसी) नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी लाने की तैयारी कर रहे हैं।
यह कहना है यूजीसी चेयरमैन एम. जगदीश कुमार का। पत्रिका से चर्चा में उन्होंने कहा कि साल 2047 तक हम भारत को विकसित देश के रूप में देखना चाहते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के 65 फीसदी लोग आज भी इस दौड़ से दूर हैं। इनमें से 50 फीसदी 25 साल से कम उम्र हैं। ये युवा शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं। कुछ युवा शहरों में पढऩे आते हैं, लेकिन भाषा की दिक्कत के कारण पढ़ नहीं पाते। यूनिवर्सिटी युवाओं को पढ़ाई में मदद करेगी। वे यहां यूजी, पीजी, सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स कर सकेंगे। इसका खाका लगभग तैयार है। जल्द ही इसे संसद में पेश कर काम शुरू हो जाएगा।
भारतीय भाषा में तैयार कर रहे कोर्स: कुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले स्टूडेंट्स जब शहर में आते हैं तो अंग्रेजी समझने में दिक्कत होती है। अंग्रेजी कम्युनिकेशन टूल हो सकता है, लेकिन हमें भारतीय भाषा को सम्मान देने के साथ प्रमोट भी करना होगा। नेशनल डिजिटल यूनिवर्सिटी में हम परंपरागत कोर्सेस के साथ स्किल कोर्सेस को भी भारतीय भाषा में पढ़ाएंगे, ताकि स्टूडेंट्स को किसी भी क्षेत्र में एक्सपर्ट बनने मेंं भाषा की रुकावट न आए और वे अपनी रीजनल भाषा में पढ़ाई कर सकें।
ऑप्शन भी खूब
यूनिवर्सिटी में एडमिशन बाद स्टूडेंट 50 फीसदी कोर्स आइआइटी और बाकी कोर्स अन्य यूनिवर्सिटी से करता है तो उसे आइआइटी से डिग्री दी जाएगी। स्टूडेंट तीन साल के कोर्स की क्रेडिट दो साल में अर्न कर लेगा तो उसे उसी समय डिग्री मिल जाएगी। स्टूडेंट्स अपने फोकस्ड एरिया में क्रेडिट अर्न कर सर्टिफिकेट ले सकते हैं। यहां स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल करवाने के लिए वर्चुअल लैब शुरू करेंगे। उन्हें उनके एरिया की छोटी इंडस्ट्री में भेजकर नॉलेज गेन करने में मदद करेंगे। इसमें विदेश से भी स्टूडेंट्स एडमिशन ले सकेंगे।
हमारा लक्ष्य है कि हम एक सेशन में पांच करोड़ स्टूडेंट्स को क्वालिटी एजुकेशन दे पाएं। वीडियो लेक्चर्स को भी इंटरेस्टिंग
बनाएंगे। इसके लिए एनिमेशन, वीडियो इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक्स (एवीजीसी) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेंगे। लेक्चर्स बोरिंग न हो, इसलिए बीच-बीच में कुछ फीचर्स और टेस्ट रहेंगे। वीडियो लेक्चर्स भी भारतीय भाषाओं में रहेंगे।

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