पुलिस के डर से युवक ने लगाई फांसी!

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पुलिस के डर से युवक ने लगाई फांसी!
पुलिस के डर से युवक ने लगाई फांसी!

देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के बुंदेलखंड के झांसी जिले में पुलिस के डर से एक युवक ने फांसी लगाने का मामला सामने आया है। जी हाँ, चौंकिए मत, खबर के मुताबिक यूपी के झांसी जिले में एक ने पुलिस के दहशत से फांसी लगा ली। आपको बता दें कि मृतक के पिता का कहना है कि बेटे को पुलिस पकड़ने आई और घर में जमकर उत्पात मचाया। पुलिस की इस हरकत से बेटा बुरी तरह डर गया और उसने फांसी लगा ली। हालांकि पुलिस इस आरोप को बेबुनियाद बताने के साथ कह रही है कि घर में कोई तोड़फोड़ नहीं की गई।


जानिये, क्या है पूरा मामला

पूरा मामला यूपी के झांसी जिले के नवाबाद थाना क्षेत्र का है। यहां रहने वाले आत्माराम के बेटे विवेक ने गुरुवार को घर में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। खबर के मुताबिक, 8 अगस्त की रात ऐबट मार्केट के पास स्थित पार्क में 2 पक्षों के बीच मारपीट हुई थी। जिसके बाद सदर बाजार थाना पुलिस ने मामले में सत्येंद्र, विवेक, इरफान और महमूद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। गुरुवार को नवाबाद और सदर बाजार थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से विवेक को पकड़ने के लिए 2 बार उसके घर में दबिश दी। हर कमरे की तलाशी के दौरान सामान की तोड़फोड़ की, दरवाजे तोड़ डाले। इतना ही नहीं बल्कि पुलिस ने चेतावनी भी थी दी कि अगर विवेक थाने नहीं पहुंचा, तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। मामले का पता जब मृतक विवेक को पता चला तो उसने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया और रस्सी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। निवासियोंने बताया कि विवेक और उसके साथी युवतियों से छेड़छाड़ की कोशिश करते हैं। साथ ही 8 अगस्त की शाम को भी विवाद का यही कारण बताया जा रहा है , लेकिन पुलिस ने एक पक्ष के ही 4 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की, उसमें विवेक का नाम भी शामिल था। जबकि खबर के मुताबिक विवेक मौके पर था ही नहीं, इस बात की पुष्टि सदर बाजार के विधायक ने की।

परिजनों ने लगाया पुलिस पर आरोप

मृतक के परिजनों ने मामलें के लिए पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। आपको बता दें कि बेटे के फांसी लगाने के बाद आत्माराम वर्मा ने पुलिस पर आरोप लगाए कि उनके बेटे को पकड़ने के लिए पुलिस उनके घर आई और जमकर तोड़फोड़ की।
इतना ही नहीं परिजनों का यह भी कहना है कि बेटी के हाथ से मोबाइल छीन लिया और उसकी मार्कशीट तक ले गए। पुलिस की इस हरकत की जानकारी विवेक को हुई तो वह दहशत में आ गया और फांसी लगा कर सुसाइड कर ली। साथ ही परिजनों का यह भी कहना है कि घटना के बाद यह बात भी सामने आई कि मारपीट छेड़छाड़ को लेकर हुई थी, जिसमें विवेक का कोई लेना-देना नहीं था। मामलें से गुस्साएं मृतक के परिजन दो थानेदारों को सस्पेंड करने की मांग कर रहे है।
हालांकि पुलिस ने अपना बचाव करते हुए कहा है कि मृतक के परिजनों के सभी आरोप झूठे है, विवेक के घर पर कोई तोड़फोड़ नहीं की गई थी। बहरहाल, परिजनों के आरोप पर गौर किया जाए तो पुलिस को ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए, पुलिस जनता की सेवा करने के लिए होती है, लेकिन यूपी की पुलिस तो जनता को धमकियां देती है। अगर आरोप सही साबित हुए तो यह यूपी पुलिस के लिए बड़े ही शर्म की बात होगी।