नीतीश के खिलाफ शरद यादव जाएंगे सुप्रीम कोर्ट?

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शरद यादव ने कहा है कि  अगर जरूरत पड़ी तो रिप्रजेंटेशन ऑफ पिपल एक्ट के 10वीं अनुसूची के उल्लंघन के तहत सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खट-खटाऊंगा। शरद यादव ने कहा कि नीतीश कुमार मेरी राज्यसभा सदस्यता खत्म नहीं कर सकते, ये उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। उन्होंने एक नीजी अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में कहा कि नीतीश कुमार ने खुद ही सिद्धांतों का उल्लंघन करके पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है। शरद यादव ने इस बाबत राज्य सभा के सभापति वेंकैया नायडू को पत्र लिखा है। शरद के इस पत्र को लेकर जेडीयू ने भी उनपर हमला बोला है।

पार्टी के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा राज्यसभा की सदस्यता बचाने के लिए झूठ बोल रहे हैं। शरद यादव ने इस बारे में कहा कि मुझे पद का मोह कभी भी नहीं रहा है। इससे पहले भी मैं दो बार नैतिकता के आधार पर अपनी सदस्यता त्याग चुका हूं।

शरद यादव ने कहा है कि चुनाव आयोग के आदेश 1968 के पैरा 15 के तहत आयोग से 25 अगस्त को आग्रह किया गया है कि पार्टी का बहुमत उनके साथ है इसलिए पार्टी का चुनाव चिन्ह उन्हें दिया जाए। इस मामले पर आयोग का फैसला आना बाकी है। उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार और उनके साथ खड़े नेता पूरी तरह से अवसरवादी हैं और उन्होंने बिहार के लोगों के पवित्र भरोसे को तोड़ा है।