योगी-नीतीश में क्यों ठनी? गंडक में यूपी के चैनल निर्माण से क्यों घबराए हैं बिहार वाले, ग्राउंड रिपोर्ट में समझें रियलिटी

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योगी-नीतीश में क्यों ठनी? गंडक में यूपी के चैनल निर्माण से क्यों घबराए हैं बिहार वाले, ग्राउंड रिपोर्ट में समझें रियलिटी

योगी-नीतीश में क्यों ठनी? गंडक में यूपी के चैनल निर्माण से क्यों घबराए हैं बिहार वाले, ग्राउंड रिपोर्ट में समझें रियलिटी

हाइलाइट्स:

  • गंडक नदी में चैनल के निर्माण को लेकर यूपी और बिहार सरकार आमने-सामने
  • नीतीश सरकार ने यूपी की ओर से कराए जा रहे चैनल के निर्माण कार्य को रोका
  • पायलट चैनल निर्माण से बीजेपी विधायक विनय बिहारी खफा, दी धमकी
  • कहा- अगर निर्माण कार्य रोका नहीं गया तो विधानसभा की सदस्यता त्याग देंगे

नागेंद्र नारायण, पश्चिम चंपारण
पश्चिम चंपारण के ठकराहा प्रखंड के हरपुर पंचायत में गंडक नदी में चैनल के निर्माण को लेकर उत्तर प्रदेश और बिहार सरकार आमने-सामने है। दो राज्यों के इस विवाद पर पूरे देश की नजर है। लोगों को यह बात अचंभित कर रही है कि उत्तर प्रदेश और बिहार दोनों जगहों पर बीजेपी सत्ता में है तो आखिर विवाद की वजह क्या है। बिहार सरकार ने यूपी की ओर से कराए जा रहे चैनल के निर्माण कार्य को तत्काल रोक दिया है। इतना ही नहीं चोरी-छिपे चैनल का काम कराया ना जा सके इसकी निगरानी रखने के लिए बिहार सरकार ने वहां एक मजिट्रेट की नियुक्ति कर दी है। इस खबर को सोशल मीडिया पर लोग पोस्ट करते हुए यह जानने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं कि आखिर इस विवाद की असली वजह क्या है। पाठकों की इसी जिज्ञासा को शांत करने के लिए नवभारत टाइम्स.कॉम ने अपने संवाददाता को मौके का मुआयना करने भेजा और समझने की कोशिश की कि आखिर विवाद की वजह क्या है।

बिहार के स्थानीय लोगों ने बताई यूपी के चैनल से परेशानी
स्थानीय लोगों ने इस मसले पर खुलकर बात रखी, लेकिन दो राज्यों के बीच विवाद का मसला है इसलिए उन्होंने फिलहाल नाम सार्वजनिक नहीं करने का अनुरोध किया है। पश्चिम चंपारण के हरपुर पंचायत के लोगों ने कहा कि इस चैनल के बनने से इलाके के करीब 70 हजार लोगों का जनजीवन प्रभावित होगा।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें डर सता रहा है कि पायलट चैनल के निर्माण के बाद जिस तबाही से अभी उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती गांवों के लोग जूझ रहे हैं, वही तबाही अब बिहार के लोगों को झेलनी पड़ेगी। लिहाजा पायलट चैनल के निर्माण को लेकर गंडक किनारे बसे बिहार के गांवों के लोग गोलबंद होने लगे हैं। जिन इलाकों में तबाही मचने की आशंका है उनमें ज्यादातर लौरिया विधानसभा क्षेत्र के लोग हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि इस चैनल के बनने से तय है कि बिहार के करीब 10 पंचायत में बाढ़ की तबाही होगी। दोनों राज्यों की सरकारों को बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की जरूरत है।

ग्रामीण इसलिए कर रहे विरोध
एक स्थानीय निवासी ने कहा, ‘मेरे पंचायत का दुर्भाग्य कहिए कि 2006 से हमारे गांव में कटाव शुरू हुआ। कटाव 2011 में फाइनल हो गया। लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं था। ईश्वर की कृपा कहिए की 2008-2009 में नदी का मुंह खोलने का काम किया गया। जिससे नदी पूर्ण रूप से भर गया जिससे हमें कुछ राहत मिली। अब यूपी सरकार नदी को चीर रही है, जिससे जगलपुर खटोनिया, श्रीनगर, सिसवा मंगलपुर, चमुखा, बैरिया समेत अन्य इलाकों पर खतरा है। अभी अगर इसको नहीं रोका गया तो फिर से जो गांव बसना शुरू हुआ है वह बह जाएगा। हम इसको रोकने के लिए धरना देंगे।

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एक अन्य स्थानीय नागरिक ने कहा, ‘1999 में कुछ अपराधियों ने हमारे यहां के बैसिया के पश्चिम में के तटबंध को काट दिया। काटने के बाद गंडक नदी यहां घुस गई। इससे इतना कटाव हुआ कि करीब 5 हजार घर और 20 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए। तबाह होने में चमुखा, सिसवा मंगलपुर, मधातापुर, बैसिया, श्रीनगर, जरलपुर, कुजहां समेत कई गांव कटकर गंडक में बह गए। उसके बाद 2008 में इस गंडक को चिरवाकर ठकनाहा गंडक में मिलाया गया। वहां मिलने के बाद इलाके के लोगों को राहत मिली। इससे यह गंडक भर गई। अब यूपी सरकार बिहार में आकर अम्वा से लेकर भरथाट्टी में नदी को मिला रहे हैं। इसकी लंबाई लोग 180 मीटर बता रहे हैं। इतनी दूर अगर नदी को चीरा जाएगा तो कई गांव इस गंडक में विलीन हो जाएंगे। कोरोना काल में लोगों के पास विकल्प नहीं है कि वह कहीं और जाकर बसेंगे।

यूपी के चैनल से बिहार के दर्जनों गांव होंगे तबाह: मुखिया आशा देवी
प्रखंड योगापट्टी के मंगल पुर पंचायत की मुखिया आशा देवी ने कहा, ‘हमारे यहां 2001 से कटाव की समस्या हो रही है। ईश्वर की कृपा से नदी ने यहां से रास्ता बदल लिया। लेकिन यूपी सरकार अब बिहार के हिस्से वाले गंडक में खुदाई करवा रही है, जिससे हम लोगों का जिसमें चौमुखा, नौतन इलाकों के दर्जनों गांव विलीन हो गए। यूपी सरकार जो चैनल बनवा रही है यह हमलोगों के ऊपर अन्याय है। इसके लिए हम लोग पीछे नहीं हटेंगे। जो भी होगा, जहां भी चलना होगा हम जाएंगे। सरकार इसपर ध्यान दे और इसे तत्काल रोके।’

बीजेपी विधायक विनय बिहारी

BJP विधायक विनय बिहारी ने इस्तीफे की धमकी दी
योगापट्टी प्रखंड के सिसवा मंगलपुर स्थित गंडक नदी तट पर छाड़न नदी किनारे हो रहे पायलट चैनल निर्माण से बीजेपी विधायक विनय बिहारी खफा हैं। लौरिया विधानसभा क्षेत्र के विधायक विनय बिहारी ने एक वीडियो संदेश जारी कर स्थानीय डीएम कुंदन कुमार से मांग की थी कि इस चैनल का निर्माण कार्य रोका जाए। विनय बिहारी ने वीडियो संदेश में धमकी दी थी कि अगर निर्माण कार्य रोका नहीं गया तो वह जनता के साथ खड़े हो जाएंगे और विधानसभा की सदस्यता त्याग देंगे। विधायक विनय बिहारी ने कहा- ‘उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से चैनल का निर्माण कराया जा रहा है उससे उनके क्षेत्र की जनता तबाह हो जायेगी। जब जनता ही तबाह होगी तो वे विधायक रह कर क्या करेंगे।

इसलिए बिहार के लोग कर रहे यूपी का विरोध
विधायक विनय बिहारी का क्षेत्र उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। यहां की सरकार रोहुआ नदी को गंडक से जोड़ने के लिए चैनल का निर्माण करा रही है। इसका एक किनारा बिहार के लौरिया से लगता है तो दूसरा किनारा उत्तर प्रदेश से। बीच में दियारा का इलाका भी है। गंडक नदी के कटाव और बाढ़ के कारण उत्तर प्रदेश के कई गांवों में हर साल तबाही आती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार गंडक दियारे में मृतप्राय छाड़न नदी में पायलट चैनल का निर्माण करा रही है। इस पायलट चैनल के निर्माण के बाद गंडक नदी की धारा यूपी सीमा से सटकर बहने के बजाय बिहार की ओर आकर बहेगी।

यूपी का चैनल निर्माण रोकने के लिए मंत्री संजय झा का ट्वीट
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने सोमवार को अपने आधिकरिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर इसकी जानकारी देते हुए लिखा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पश्चिम चंपारण के ठकराहा प्रखंड के हरपुर पंचायत में गंडक नदी में चैनल का निर्माण कराया जा रहा था। जिस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तुरंत स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद उन्होंने इस काम पर रोक लगा दी है।’

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘जल संसाधन विभाग बिहार के अभियंताओं की टीम ने रविवार को स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और उत्तर प्रदेश सरकार के अभियंताओं के साथ स्थल का निरीक्षण किया। टीम ने पाया कि चैनल का निर्माण संरेखण से हट कर कराया जा रहा था। इस कार्य के लिए विभाग ने अभी एनओसी नहीं दिया है।’

जलसंसाधन मंत्री ने कहा, ‘बिहार भू-भाग में चैनल निर्माण पर जल संसाधन विभाग ने पिछले 30 अप्रैल को ही रोक लगा दिया था। इस दौरान संवेदक की ओर से रात में जाकर कार्य कराये जाने की शिकायत मिल रही थी। अब इस कार्य पर पूरी तरह रोक लगाने के साथ ही स्थल की निगरानी के लिए वहां मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी गई है।’

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