Oxford की कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में क्यों रोकना पड़ा?

493
news
Oxford की कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल अंतिम चरण में क्यों रोकना पड़ा?

कोरोना वायरस महमारी से निपटने के प्रयासों को बड़ा झटका लगा है। कोरोना वायरस के खात्‍मे के लिए सबसे ज्‍यादा उम्‍मीद जगा रही ऑक्‍सफर्ड की वैक्‍सीन AZD1222 के तीसरे और अंतिम चरण के ट्रायल को रोक दिया गया है। बताया जा रहा है कि ब्रिटेन में एक व्‍यक्ति को ऑक्‍सफर्ड की कोरोना वायरस वैक्‍सीन लगाई गई थी और उसके शरीर में गंभीर दुष्‍प्रभाव देखे गए। इसके बाद कोरोना वैक्‍सीन के तीसरे चरण के ट्रायल को रोक दिया गया है।

ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनिका की यह वैक्‍सीन पूरी दुनिया के लिए उम्‍मीद का किरण बन गई थी और भारत में भी इस वैक्‍सीन का ट्रायल शुरू हो गया था। इस वैक्‍सीन को ब्रिटेन में तीसरे चरण के ट्रायल के दौरान एक शख्‍स को लगाया गया था लेकिन उसके अंदर गंभीर दुष्‍प्रभाव देखे गए हैं। गंभीर दुष्‍प्रभाव से आशय यह है कि वैक्‍सीन या दवा के देने के बाद मरीज को अस्‍पताल ले जाना पड़ा है और यह जानलेवा या बेहद घातक दुष्‍प्रभाव होता है।

यह अभी तक स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है कि मरीज में किस तरह का दुष्‍प्रभाव देखा गया है लेकिन इस पूरे मामले से जुड़े एक व्‍यक्ति ने बताया कि मरीज के जल्‍द ही ठीक होने की उम्‍मीद है। वैक्‍सीन के ट्रायल के दौरान उसे रोका जाना कोई नई बात नहीं है लेकिन इससे दुनियाभर में जल्‍द से जल्‍द कोरोना वायरस वैक्‍सीन म‍िलने के प्रयासों को बड़ा झटका लगा है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनिका की यह वैक्‍सीन रेस में सबसे आगे चल रही थी।

यह भी पढ़ें : भाजपा जेडीयू का गठबंधन सबसे पहले कब हुआ था ?

ब्रिटेन के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मैट हैकांक ने पिछले हफ्ते आशा जताई थी कि वर्ष 2021 के शुरुआती महीनों में यह वैक्‍सीन आ जाएगी। भारत समेत दुनियाभर से इस वैक्‍सीन के लिए बड़े-बडे़ ऑर्डर आने शुरू हो गए थे। कोरोना वायरस से अब तक दुनियाभर में 8,94,000 लोग मारे गए हैं और करोड़ों लोग बेरोजगार हो गए हैं। एस्ट्राजेनिका के एक प्रवक्‍ता ने ताजा घटनाक्रम पर कहा कि यह सामान्‍य कार्रवाई है और अब मरीज के बीमार होने के कारणों का पता लगाया जाएगा ताकि ट्रायल की सत्‍यनिष्‍ठा बनी रहे।