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‘भूराबाल साफ करो’ का नारा क्यों लगा था?

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‘भूराबाल साफ करो’ का नारा क्यों लगा था?

‘भूराबाल साफ करो’ ऐसा नारा है जिस पर तीन दशकों के बाद भी चर्चा जारी है. बिहार से निकले इस नारे ने देश का ध्यान अपनी ओर खूब खींचा. दिलचस्प तो ये है कि जिस शख्स पर इस नारे को देने का आरोप लगा उसने इसे कभी माना नहीं.जिन्हें नहीं मालूम उन्हें बता दें कि ‘भूराबाल साफ करो’ से मतलब था सवर्ण जातियों को खत्म करो. भूराबाल शब्द का भू भूमिहार से आया था, रा राजपूत से, बा का मतलब ब्राह्मण था और ल का अर्थ था लाला यानि कायस्थ.

दरअसल, साल 1990 का दशक पिछड़ी जातियों के उभार का दौर था. इसी दौरान लालू प्रसाद यादव ने अगड़ी जातियों के विरुद्ध ‘भूरा बाल (भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण, लाला) साफ करो’ का नारा दिया था. इसने बिहार में जातिगत घृणा की राजनीति को पूरी हवा दी और इसका बिहारी जनमानस पर गहरा असर पड़ा था.बिहार की सियासत से जिनका परिचय है उन्हें पता है कि ये नारा नब्बे के दशक में हर चुनाव को प्रभावित करता था.

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ये वो दौर था जब बिहार जातिवादी हिंसा की आग में जल रहा था. बिहारी राजनीति के वर्तमान शीर्षपुरूष तब वर्चस्व की जंग में जाति का आधार मज़बूत करने की कवायद में रोज़ नारे बनाते-बिगाड़ते थे. सामाजिक न्याय की लड़ाई में कई बार नेताओं की लाइन-लेंथ बिगड़ी तो ऐसे नारों का निर्माण हुआ. लालू प्रसाद यादव ही वो नेता थे जिन पर ये नारा देने का इल्ज़ाम लगा लेकिन जब भी उनसे इसके बारे में पूछा गया वो मुकरते ही दिखे.

हालांकि, लालू यादव की इसी राजनीति को जेडीयू और बीजेपी जैसे अन्य दलों ने अपने लिए कैश किया और आरजेडी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया. सीएम नीतीश कुमार ने साल 2005 से बिहार में विकास की राजनीति को परवान चढ़ाया और बिहारी राजनीति की परिभाषा बदलने का प्रयास किया.जिस भूरा बाल का विरोध कर सत्ता पर काबिज हुए लालू प्रसाद आज उसी राह पर राजद के तेजस्वी भी चल पड़े हैं। पहले चरण के मतदान से पहले नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है।

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इसी बीच मुंगेर सांसद ललन सिंह ने कहा है कि तेजस्वी लालू राज को फिर से दोहराना चाहते हैं और एकबार फिर से लालू के कारनामे को करेंगे। लालू का नारा था भूरा बाल साफ करो, इसी कहावत को तेजस्वी आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता समझ चुकी है कि तेजस्वी ने विकास का सिर्फ मुखौटा लगा रखा है। उन्होंने मुंगेर में होने वाले चुनाव पर कहा कि हमारे क्षेत्र में राम-रावण की लड़ाई है और जीत हमेशा राम की होती है। एनडीए इस बार 200 से अधिक सीट पर जीत हासिल करेगी.

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