हिंदू धर्म में पवन पुत्र हनुमान का विशेष महत्व है. भगवान राम के प्रति स्वामी भक्ति का ऐसा उदाहरण शायद ही कहीं देखने को मिले. रामायण में हनुमान ने जिस सेवा भाव से भगवान राम की सेवा की वो स्वामी भक्ति के लिए एक मिसाल की तरह है. हनुमान जी के अनेंक नाम हैं. उनमें बजरंगबली उनका बहुत ही प्रसिद्ध नाम है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनका नाम बजरंगबली क्यों पड़ा ?
हनुमान जी का नाम बजरंगबली होने के पीछे बहुत ही रोचक घटना है. ऐसा बताया जाता है कि एक बार देवी माता सीता को सिंदूर लगाते देखकर हनुमानजी ने उनसे पूछा कि “वह सिंदूर क्यों लगाती है”. इस पर देवी सीता ने जवाब दिया कि “चूंकि श्रीराम उनके पति हैं अतः मैं उनकी लम्बी उम्र की कामना के लिए सिंदूर लगाती हूँ” यह सुनकर हनुमानजी ने सोचा कि अगर देवी सीता द्वारा थोड़ा सिंदूर लगाने से श्रीराम की उम्र लम्बी हो सकती है तो अगर मैं पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लूँ तो श्रीराम की उम्र कई गुना बढ़ जाएगी.
ऐसा सोचकर उन्होंने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया. सिंदूर को “बजरंग” भी कहा जाता है इसी कारण से उस दिन के बाद से हनुमानजी को “बजरंगबली” भी कहा जाने लगा और यही कारण है कि जब भी उनकी पूजा होती है तो उन्हें सिंदूर चढ़ाया जाता है.
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मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है. मंगलवार को ही हनुमान जी को खुश करने के लिए व्रत रखा जाता है. भारत में कुश्ति का एक खेल के तौर पर विशेष महत्व है. जहाँ अखाड़े में पहलवानी करने वालों के बीच हनुमान जी की बहुत अधिक मान्यता है. ज्यादातर पहलवान हनुमान जी को अपना इष्ट देव मानते हैं. हनुमान जी के द्वारा अपने सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी की जाती हैं.