वर्तमान समय में क्यों बढ़ जाता है होली के त्योहार का महत्व ?

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होली
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होली का त्योहार भारत में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है. इस बार होलिका दहन 28 मार्च को रविवार के दिन होगा. होली के त्योहार का महत्व वैसे तो प्राचीन समय से ही रहा है तथा लोग इस त्योहार को मनाते आए हैं. लेकिन वर्तमान समय की बात करें, तो होली के त्योहार का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है.

होली

वर्तमान समय को तकनीक के समय के तौर पर देखा जाता है. जब लोगों के पास तरह तरह की तकनीक हैं. इसके साथ ही बच्चों के खेलने के तरीकों में बदलाव आया है. पहले के समय में बच्चे आस-पास के दोस्तों के साथ तरह-तरह के खेल खेलते थे. लेकिन वर्तमान समय की बात करें, तो बच्चे फोन में Online खेलना ज्यादा पसंद करते हैं. जिससे सामाजिक तौर पर उनका उतना विकास नहीं हो पाता है, जितना पहले के समय में होता था.

होली

होली के त्योहार पर एक-दूसरे से मिलना तथा एक दूसरे को रंग लगाने से आपसी प्यार-प्रेम बढ़ता है, जो वर्तमान समय की सबसे ज्यादा जरूरत है. इस कारण से होली के त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. होली के त्योहार पर बच्चे Online दुनिया से निकलकर वास्तविक दुनिया में आपने दोस्तों के साथ कुछ समय बिताते हैं.

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इसके अलावा होली के त्योहार को बुराई पर अच्छाई के जीत के तौर पर भी देखा जाता है. जिसमें पौराणिक कथा है कि राजा हिरण्यकश्यप अपने पुत्र पह्लाद के भगवान की पूजा करने से बहुत गुस्से में था. वह नहीं चाहता था कि पह्लाद भगवान की पूजा करे. लेकिन पह्लाद बहुत बड़ा भक्त था. इसी कारण हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने की बहुत कोशिस की. जिसमें हर बार वह असफल हुआ. इसके बाद उसकी बहन होलिका उसको गोद में लेकर आग में बैठ जाती है. इसमें भक्त पह्लाद बच जाता है तथा होलिका जल जाती है. इससे भी वर्तमान में युवाओं को सीख मिलती है कि सचाई के रस्ते पर चलते हुए अंत में जीत सच्चाई की ही होती है.