जानियें, बीजेपी की गाड़ी बंगाल में क्यों अटकती है?

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जानियें, बीजेपी की गाड़ी बंगाल में क्यों अटकती है?
जानियें, बीजेपी की गाड़ी बंगाल में क्यों अटकती है?

सोलहवीं लोकसभा चुनाव से पूरे देश में बीजेपी और मोदी लहर दिखाई देती है, लेकिन देश का एक ऐसा राज्य है, जहाँ न मोदी लहर काम आता है और न ही अमित शाह की आंधी। जी हाँ, हम बात कर रहे है, बंगाल की। बंगाल ही एक ऐसा राज्य है, जहाँ बीजेपी के तमाम दांव-पेंच खोखले साबित हो जाते है। सोहलवीं लोकसभा यानि 2014 में हुए चुनाव में देश की राजनीति में एक बड़ा बदलाव आया था। इस चुनाव के बाद बीजेपी-बीजेपी और सिर्फ बीजेपी की ही लहर दिखाई दे रही है, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर बंगाल में ऐसा क्या, जहाँ बीजेपी की तेज रफ्तार वाली गाड़ी पर ब्रेक लग जाता है।

भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज से दिग्गज नेता ममता के सामने क्यों नहीं टिक पाते है, यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा होता है, बीजेपी में चाहें मोदी लहर हो या शाह का मैजिक कोई क्यों काम नहीं करता है बंगाल में। बीजेपी की आंधी आखिरी बंगाल में आकर हर बार क्यों थम जाती है? अमित शाह की अगुवाई में बीजेपी पिछले कुछ समय से यहां पैर जमाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए है, लेकिन सात म्युनिसिपल कारपोरेशन में चुनावों में जिस तरह तृणमूल ने सबका सूपड़ा साफ कर दिया, उससे साफ है कि बंगाल में अभी ममता बनर्जी की पकड़ बहुत मजबूत है। आपको बता दें कि सात नगर पालिकाओं में कुल 148 वार्डों में चुनाव हुए और 140 सीटें तृणमूल को मिलीं, हालांकि ये बात अलग है कि इन चुनावों में भाजपा दूसरे नंबर पर रही, लेकिन यहल फासला बहुत बड़ा रहा। इस चुनाव में बीजेपी को केवल छह सीटें मिलीं,लेकिन वाम मोर्चे और कांग्रेस का तो सफाया ही हो गया।

बीजेपी की जीत की गाड़ी बंगाल में कब नहीं रूकेगी, यह तो खैक वक्त ही बताएगा, लेकिन यह बात तो साफ की बंगाल की ममता सरकार बंगाल में अपनी पकड़ को मजबूत रखने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है। चुनाव के नतीजें से यह भी साफ होता है कि बीजेपी के लिए, यह नतीजा शुभ नहीं माना सकता है, वो भी तब जब 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी 360 से ज्यादा के सीटों का दावा करती हुई नजर आ रही है। चुनाव के यह नतीजे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की नींदों को उड़ा कर रख दिया होगा।