अगर मंदिर से दानपेटी या मंदिर के बाहर से भीखारी हटा दे तो कौन नाराज होगा भगवान या पुजारी ?

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अगर मंदिर से दानपेटी या मंदिर के बाहर से भीखारी हटा दे तो कौन नाराज होगा भगवान या पुजारी ?
अगर मंदिर से दानपेटी या मंदिर के बाहर से भीखारी हटा दे तो कौन नाराज होगा भगवान या पुजारी ?

अगर मंदिर से दानपेटी या मंदिर के बाहर से भीखारी हटा दे तो कौन नाराज होगा भगवान या पुजारी ? ( Who will be angry God or priest If removes the donation box from the temple or beggars from outside the temple? )

भारत एक विशाल देश है. इसकी सबसे बड़ी खुबशुरती इसकी विविधता है. इसमें विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं. कुछ लोग इस विचारधारा के भी होते हैं कि धर्मों के अंदर बहुत अधिक पाखंड आ चुका है. इसी कारण उनका विश्वास भगवान से उठ चुका है. जिसकी वजह से वो नास्तिक हो जाते हैं. कुछ लोग किसी भी काम को करने से पहले उसके पीछे के तर्कों पर विचार करते हैं. इसी कारण उनके मन में कई तरह के सवाल पैदा होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि अगर मंदिर से दानपेटी या मंदिर के बाहर से भीखारी हटा दे तो कौन नाराज होगा भगवान या पुजारी ? अगर आपके में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब खोजने की कोशिश करते हैं.

दान पेटी

मंदिर से दानपेटी या मंदिर के बाहर भीखारी –

अगर हम वर्तमान में किसी मंदिर में जाते हैं, तो वहां पर हमें काफी जगह दानपेटी देखने को मिल जाती है. दान पेटी का अर्थ होता है. आपको एक पेटी दिखाई देगी. जिसमें मंदिर को दान करने वाली लोग अपनी इच्छा से कुछ पैसा उसमें डाल सकते हैं. इसके साथ ही मंदिर के बाहर भिखारियों का दिखाई देना भी आम बात है. लोगों इस तरह के आस्था के विषय पर सवाल इसलिए भी नहीं उठाते हैं कि उनके मन में भय होता है कि कहीं भगवान हमारा बुरा ना कर दें. अगर भिखारियों की बात करें, यह एक सच्चाई है कि कड़वी सच्चाई है कि कुछ लोग भीख मांगते हैं , लेकिन कुछ बच्चों का अपहरण करके उनको अपाहिज बनाकर उनसे जबरदस्ती भीख मंगवाई जाती है. इसके साथ ही भगवान यह कभी पसंद नहीं करेगें कि उनके बच्चे भीख मांगें.

भीख

कौन नाराज होगा भगवान या पुजारी –

अगर इस सवाल की बात करें, तो इसका सीधा सा जवाब होगा कि इससे पुजारी ही नाराज हो सकता है, भगवान कभी नाराज नहीं होगें. विद्वान लोगों द्वारा कहा भी जाता है कि भगवान श्रद्धा और समर्पण का भूखा होता है, दानपेटी में डाले गए पैसों का नहीं. इसके अलावा भीखारी की बात करें, तो किसी भी देश के नागरिकों के लिए भीख पर जीवन निर्वाह करना उस देश की तरक्की में बाधक होता है. अगर आप दानपेटी में पैसा ना ड़ालें तथा भगवान के प्रति श्रद्धा और आस्था दिखाते हैं, तो भगवान आपसे कभी नाराज नहीं होगें. इसके अलावा अगर आप दानपेटी में लाखों का दान करते हैं तथा पीछे से किसी गरीब का शोषण करते हैं, तो भगवान आपसे कभी खुश नहीं हो सकते हैं. चाहे आप कुछ भी दान कर लें.

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इसके साथ ही भगवान में आस्था रखने वालों का मानना है कि हमारा सब कुछ भगवान का दिया हुआ है. हमें जिस चीज की आवश्यकता होती है, वह हम भगवान से ही तो मांगते हैं. फिर भगवान को आपके पैसों की क्या जरूरत हो गई ? इस बात पर गहराई से विचार करने की जरूरत है. भगवान भक्ति का भूखा होता है. ऐसा भी कहा जाता है कि भग्त के वश में भगवान होता है.

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