ईश्वर और भक्त का रिश्ता काफी अनूठा होता है। जब भक्त सच्चे मन से अपने ईश्वर की आराधना करता है , खुद को पूरी तरह ईश्वर की श्रद्धा , उपसना में समर्पित कर देता है तो ईश्वर भी भक्त के अधीन हो जाता है और हर दुःख , तकलीफ से अपनी सच्चे भक्त को सुरक्षित रखता है। ऐसी ही एक सच्चे भक्ति के मिसाल है महायोगी बामा खेपा जिन्होंने अपना पूरा जीवन तारापीठ की मां तारा को समर्पित कर दिया। देवी काली मां के रूप तारा मां की चमत्कारी शक्तियां और अपने भक्त के प्रति प्रेम अपरंपार था। तारा का अर्थ है आंख और पीठ का अर्थ है स्थल। बामा खेपा खुद को तारा माँ से इतना जोड़ा मानते थे की वो प्यार से तारा माँ को बोड़ो (बड़ी) माँ बोलते थे और अपनी माँ को छोटो (छोटी ) माँ कहते थे।
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महायोगी बामा खेपा का पूरा नाम बामा चरण चट्टोपाध्याय था। उनका जन्म पश्चिम बंगाल के तारापीठ के समीप आटला गांव में1838 ई. में हुआ था। लोग प्यार से और सम्मानपूर्वक उनको बामा खेपा बोलते थे। बंगाली में खेपा का मतलब पागल होता है। उनका पागलपन अपनी मां तारा (मां काली का श्मशान स्वरुप) के लिए था। वो अपनी बड़ी मां तारा के लिए जीते थे और उन्ही के लिए उनका पूरा जीवन समर्पित था। देवी काली मां के हर रूप का ही महत्व अलग-अलग है। आज हम बात करेंगे तारा मां के बारे में। तारा का अर्थ है आंख और पीठ का अर्थ है स्थल
वामाखेपा बचपन से ही मां तारा की भक्ति में लीन रहते थे। उनके गांव के पास नदी पार मां तारा का एक सिद्ध शक्तिपीठ था जिसे तारापीठ के नाम से विश्वभर में प्रख्यात था। बामा छोटी आयो में ही में ही एक दिन अचानक तारापीठ पहुंच गए और वहां उन्हें कैलाशपति बाबा द्वारा सानिध्य प्राप्त हुई। कैलाशपति बाबा ने उन्हें तंत्र, योग और भक्ति के ज्ञान से अवगत कराया। अपने गुरु के आशीर्वाद स्वरुप वो शीघ्र ही मां तारा की भक्ति को इस स्तर पर प्राप्त करने में सफल हो गए जिसकी कल्पना भी बड़े- बड़े भक्त नहीं कर सकते हैं।
ऐसा माना जाता है की वामाखेपा को माँ तारा के दर्शन होते थे। माता तारा उनके साथ खाना खाती थी। माँ के भांति अपनी गोद में वामाखेपा को सुलाती थी। वामाखेपा और माता तारा एक दूसरे से बात -चित करते और यहाँ तक की माँ तारा बामाखेपा के अलावा किसी और के हाथ से लगया भोग ग्रहण नहीं करती थी। बामाखेपा ने अपना पूरा जीवन तारापीठ में व्यतीत किया और 1922 में उनका निधन हो गया। वामा को आज भी मां तारा के भक्तों में वो स्थान हासिल है। जिसकी कल्पना भी कोई नहीं कर सकता।