कौन-कौन सा पड़ोसी देश पेट्रोल, डीजल एवं जेट इंधन के लिए भारत पर निर्भर है ? ( Which neighboring country is dependent on India for petrol, diesel and jet fuel ? )
पैट्रोल और डीजल के दामों में हो रही बढ़ोत्तरी से लोगों की जेब पर सीधा असर पड़ रहा है. काफी बार सुनने में भी आता है कि हमारा देश अपने पडोसी देशों को बहुत सस्ते में पैट्रोल और डीजल भेजता है. जिसके कारण लोगों को इस बात पर विश्वास करना मुश्किल हो जाता है कि क्या यह बात सच है. जिसके वजह से इससे संबंधित लोगों के मन में कई तरह के सवाल पैदा होते हैं. ऐसा ही एक सवाल जो आमतौर पर लोगों द्वारा पूछा जाता है कि कौन-कौन सा पड़ोसी देश पेट्रोल, डीजल एवं जेट इंधन के लिए भारत पर निर्भर है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.
भारत कौन से देशों को पेट्रोल और डीजल बेचता है-
दरअसल, जब मध्ययूरोप के देशों से कच्चा तेल निकलता है, तो वह सीधा प्रयोग करने लायक नहीं होता है. पहले उसको रिफाइन या साफ किया जाता है. जिसके बाद उसमें से कई तरह की श्रेणियों का तेल निकलता है. इसमें से ही जेट इंधन , पेट्रोल और डीजल भी निकलते हैं. भारत में तेल को रिफाइन करना सस्ता पड़ता है. जिसके कारण इस क्षेत्र में भारत एक सुपरपॅावर की तरह है. बड़े बड़े देश हमारे देश से रिफाइन किया हुआ तेल खऱीदते हैं. इसी कारण भारत अपने पड़ोसी देशों को भी पेट्रोल और डीजल बेचता है. जबकि आपको जानकार हैरानी होगी कि हमारे देश में मिलने वाले तेल की तुलना में पड़ोसी देशों को बहुत सस्ते में यह तेल उपलब्ध हो जाता है.
वर्ष 2018 में एक RTI लगाई गई. उसमें मिली सूचना के आधार पर पता चलता है कि उस समय भारत 15 देशों को 34 रूपये लीटर की दर से पेट्रोल तथा 29 देशों को 37 रूपये लीटर की दर से डीजल बेचता है. हालांकि यह जानकारी सबको चौका सकती है. लेकिन भारत अपने आस-पास के पड़ोसी देशों को भारतीय बाजार में मिलने वाले घरेलू मूल्य से बहुत कम में दूसरे देशों को निर्यात करता है. इसके अलावा अगर जेट इंधन की बात करें, तो वह भी भारत कई देशों को निर्यात करता है. श्रीलंका , नेपाल जैसे हमारी पड़ोसी देश भारत से ही जेट इंधन खरीदते हैं.
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इसके बाद मन में यह सवाल आना स्वभाविक है कि जब हम दूसरे देशों को सस्ता तेल निर्यात करते हैं, तो फिर हमारे देश में तेल की कीमते इतनी ज्यादा क्यों हैं. दरअसल, हमारे देश में केंद्र सरकार तथा राज्य सरकारों की तरफ से इतने बड़े स्तर पर टैक्स लगाया जाता है कि जब यह तेल आम उपभोक्ताओं तक पहुँचता है, तो कभी कभी इसकी कीमते 100 के पार भी चली जाती है. तेल रिफाइनरी के क्षेत्र में अच्छी पकड़ होने के कारण हमारे देश को आय भी होती है तथा इसके साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं.
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