उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा गांव कौन सा है?

2108
news

गहमर को एशिया का सबसे बड़ा गांव कहा जाता है। यहां की पॉपुलेशन करीब 1 लाख 20 हजार से ऊपर है। गांव की सबसे बड़ी खासियत है- यहां हर घर से कोई न कोई सेना में है। बताया जाता है- 1530 में ये गांव बसा था।

शहर से 40 KM दूर है से गांव…

  • गाजीपुर जिले से 40 किमी दूरी पर यह गांव स्थित है। गहमर में एक रेलवे स्टेशन है, जो पटना और मुगलसराय से जुड़ा है।
  • गांव के 12 हजार फौजी भारतीय सेना में जवान से कर्नल तक पदों पर हैं, जबकि 15 हज़ार से अधिक भूतपूर्व सैनिक हैं। कई ऐसे परिवार भी हैं, जिसमें दादा भूतपूर्व सैनिक हैं तो बेटा सेना का जवान। वहीं, पोता सैनिक बनने की जी तोड़ कोशिश में लगा है।
  • बिहार-उत्तर प्रदेश की सीमा पर बसा ये गांव करीब 8 वर्गमील में फैला है। लगभग 1 लाख 20 हज़ार आबादी वाला यह गांव 22 पट्टी या टोले में बंटा हुआ है। प्रत्येक पट्टी किसी न किसी प्रसिद्ध व्यक्ति के नाम पर है।

विश्व युद्ध से लेकर कारगिल में लिया था भाग

  • प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध हो या 1965 या फिर 1971 का युद्ध या कारगिल की लड़ाई, यहां के फौजियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। विश्वयुद्ध के समय में अंग्रेजों की फौज में गहमर के 228 सैनिक शामिल थे। जिनमें 21 मारे गए थे। इनकी याद में गांव में एक शिलालेख लगा है।
  • गहमर के भूतपूर्व सैनिकों ने पूर्व सैनिक सेवा समिति नामक संस्था बनाई है। गांव के युवक कुछ दूरी पर गंगा तट पर सुबह-शाम सेना की तैयारी करते नजर जाते हैं। यहां के युवकों की फौज में जाने की परंपरा के कारण ही सेना गहमर में ही भर्ती शिविर लगाया करती थी।
  • 1986 में इस परंपरा को बंद कर दिया गया और अब यहां के लड़कों को सेना में भर्ती होने के लिए लखनऊ, रूड़की, सिकंदराबाद जाना पड़ता है। भारतीय सेना ने गहमर गांव के लोगों के लिए सैनिक कैंटीन की भी सुविधा उपलब्ध कराई थी।
  • जिसके लिए वाराणसी आर्मी कैंटीन से सामान हर महीने गहमर गांव भेजा जाता था, लेकिन पिछले कई सालों से यह सेवा बंद है।

गांव में है सारी सुविधा

  • गांव में शहर जैसी सारी सुविधाएं हैं। गांव में टेलीफोन एक्सचेंज, डिग्री कॉलेज, इंटर कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्र हैं। युद्ध हो या प्राकृतिक विपदा, यहां की महिलाएं पुरुषों को वहां जाने के लिए प्रोत्साहित करती हैं।

यह भी पढ़े:दिल्ली के wifi हॉटस्पॉट एरिया लिस्ट इन हिंदी?