कबीर दास जी सबसे ज्यादा कौन से भगवान की पूजा करते थे ? ( Which God did Kabir Das ji worship )
कबीर दास जी भारत में जन्में एक महान् संत थे. जिनका जन्म लगभग 15 वीं शताब्दी के मध्य में हुआ था. इनका जन्म काशी ( वाराणसी ) , उत्तरप्रदेश में हुआ था. ऐसा बताया जाता है कि उनकी माँ एक धर्मनिष्ट ब्राह्मण विधवा थी. एक बार वह अपने पिता के साथ एक प्रसिद्ध तपस्वी के तीर्थ यात्रा पर गई थी.
उनके समर्पण से खुश होकर, तपस्वी ने उनको आशीर्वाद दिया कि वह जल्द ही एक बेटे को प्राप्त करेगी. बेटे का जन्म होने के बाद बदनामी की डर ने उनकी माँ ने कबीर दास जी को त्याग दिया. इसके बाद उनको एक मुस्लीम बुनकर की पत्नि नीमा ने गोद ले लिया. कबीर दास जी खुद को जुलाहा और कोरी कहते हैं. दोनों शब्दों का अर्थ बुनकर या जो निचली जाति का से है. उन्होंने कभी भी खुद को हिंदू या मुस्लमान से कभी नहीं जोड़ा.
कबीर जी सबसे ज्याद किस भगवान की पूजा –
कबीर दास जी ने अपनी रचनाओं में राम नाम का प्रयोग किया है. उदाहरण के तौर पर “कबीरा तू ही कबीरू , तू तोरे नाम कबीर , राम रतन तब पाइ , जड़ पहिले तजहि सरिर” इसका अर्थ है कि आप महान् हैं, आप वहीं है, आपका नाम कबीर है. राम तभी मिलते हैं, जब शारीरिक लगाव त्याग दिया जाता है. लेकिन हमें यह ध्यान रखना जरूरी है कि कबीर दास से राम शब्द का प्रयोग कर रहें हैं, वो राम अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र नहीं हैं. कबीर दास जी निर्गुण राम की बात बात करते हैं. कबीर दास जी के राम किसी धर्म , जाति , समुदाय या देश की सीमाओं में कैद नहीं थे. उनके राम नाम साधना के प्रतीक थे.
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कबीर दास जी नें समाज में फैली बुराईयों पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने हिंदू या मुस्लिम सब धर्मों से ऊपर उठकर लोगों को देखा तथा जिस भी धर्म में जो बुराई थी. उसकी कड़े शब्दों में निंदा की.
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