विश्व में कौन से देशों में जल की कमी है ?

1244
विश्व में कौन से देशों में जल की कमी है ? ( Which countries in the world have water scarcity? )
विश्व में कौन से देशों में जल की कमी है ? ( Which countries in the world have water scarcity? )

विश्व में कौन से देशों में जल की कमी है ? ( Which countries in the world have water scarcity? )

जलसंकट – पानी हमारे जीवन का आधार है. क्या आपने कभी सोचा है कि हमें पीने के लिए पानी ही ना मिले तो क्या होगा. क्या हमारा अस्तित्व बच पाएगा. कुछ लोग सोचते हैं कि पानी की कमी कैसे हो सकती है. जबकि संमुंद्रों में इतना पानी होता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, संमुंद्र का पानी पीने योग्य नहीं होता है.

अगर हम संमुंद्र का पानी ही पीते हैं, तो इससे हमारी मौत भी हो सकती है. यहीं कारण है कि जल संकट के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा जागरूकता अभियान चलाएं जाते हैं.

इसी कारण लोगों के मन में जल से संबंधित कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि विश्व में कौन से देशों में जल की कमी है ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

जल की कमी
जलसंकट

कौन से देशों में पानी की कमी –

अगर हम पानी की कमी की बात करें, तो पानी का गंभीर संकट झेलने वाले 17 प्रमुख देश अपने क्रम के अनुसार क्रमशः कतर, इज़राइल, लेबनान, ईरान, जॉर्डन, लीबिया, कुवैत, सऊदी अरब, इरिट्रिया, यूएई, सैन मैरिनो, बहरीन, भारत, पाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ओमान और बोत्सवाना है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि WRI के अनुसार इन सभी देशों को जीरो डे की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. अगर ऐसा होता है, तो वहां रहने वाले लोगों के लिए जीवन यापन करने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है. अगर पानी का संकट पैदा होता है, तो इससे ना सिर्फ इंसानों पर बल्कि बाकि जानवरों के साथ साथ खेती के लिए भी संकट पैदा हो जाता है.

जल
जल संकट

क्या होता है डे जीरो –

जब भी जल संकट की बात आती है , तो काफी बार आपने सुना होगा कि डे जीरों की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. काफी लोगों को इसका अर्थ समझ नहीं आता है कि आखिर ये डे जीरों होता क्या है. दरअसल, इसके पीछे एक इतिहास है. अगर साधारण भाषा में समझे तो डे जीरों एक ऐसी स्थिति हैं.

जब किसी शहर का जमीन के नीचे का पानी खत्म हो जाता है या फिर 13.5 फिसदी से भी कम हो जाता है. ऐसी स्थिति में गंभीर संकट पैदा हो जाता है. इस शब्द का प्रचलन उस समय से शुरू हुआ जब 2018 में अफ्रीका का केप टाउन शहर अपने इतिहास के सबसे बुरे जल संकट के दौर से गुजर रहा था. वहीं अगर हमारे देश भारत की बात करें, तो यह जल संकट के 13 वें पायदान पर आता है. जिससे हमें भी जागरूक होने की बहुत अधिक आवश्यकता है. यह स्थिति भारत में भी पैदा हो सकती है.

यह भी पढ़ें : क्या रक्तदान करने से शरीर में खून की कमी हो जाती है ?

एक रिपोर्ट के अनुसार जहां 2030 तक देश की लगभग 40 फीसदी आबादी के लिए जल उपलब्ध नहीं होगा. अगर ऐसा होता है, तो यह सिर्फ इन्हीं क्षेत्र के लिए खतरा नही होगा. इसका कारण यह है कि वर्तमान में हम पूरी दुनिया एक परिवार की तरह है.

अगर किसी एक क्षेत्र में कोई समस्या आती है, तो इसका सीधा सा अर्थ है कि वह दूसरे क्षेत्र को भी प्रभावित करती है. इसी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 22 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व जल दिवस भी मनाया जाता है.

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.