पवन पुत्र हनुमान का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. मंगलवार का दिन बालाजी या हनुमान जी का दिन माना जाता है. जिस दिन लोग हनुमान जी की पूजा करते हैं तथा व्रत भी रखते हैं. हनुमान जी को ब्रह्मचारी माना जाता है. फिर उनको कैसे पुत्र हुआ ? अगर उनको पुत्र हुआ तो उसका नाम क्या था ? आज आपके इन सब प्रश्नों का उत्तर इस पोस्ट में मिल जाएगा.
ऐसी मानता है कि रामायण में हनुमान जी जब भगवान राम का संदेशा लेकर सीता माता को ढूंढते हुए लंका में जाते हैं, तो वहां पर रावण द्वारा हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने का आदेश दिया जाता है. जिसके बाद पवन पुत्र हनुमान जी ने पूरी लंका को जला दिया. ऐसा बताया जाता है कि जब वो लंका को जलाकर वापस आ रहे थे तो अपनी पूंछ और अपने शरीर को ठंडा करने के लिए उन्होंने समुंद्र में डुबकी लगाई. उसी समय उनके शरीर से पसीनें की एक बूँद निकलकर समुंद्र में गिर गई.
समुंद्र में गिरी इस बूँद को एक मछली निगल गई. उस मछली के पेट से एक पुत्र ने जन्म लिया जिसको भगवान हनुमान जी का पुत्र माना जाता है. हनुमान जी के पुत्र का नाम “मकरध्वज” था. इसी तरह ब्रह्मचारी रहते हुए भी हनुमान जी को एक पुत्र था.
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इसके अलावा महाभारत काल में पांडव पुत्र भीम को हनुमान जी का भाई माना जाता है क्योंकि भीम की प्राप्ति पवन देवता के द्वारा ही हुई थी. इसके लिए तथा हनुमान जी को पवन का पुत्र माना जाता है. इसी आधार पर यह मानता भी है कि हनुमान जी और कुंति पुत्र भीम दोनों भाई थे. पवन पुत्र हनुमान की कलयुग के समय में भी बहुत अधिक मान्यता है, ऐसा भी माना जाता है कि कलयुग के समय सबसे अधिक प्रभावशाली देवता हनुमान जी ही हैं.