विकलांग बच्चों के लिए कैसा स्कूल होना चाहिए उसमें कौन कौन सी सुविधाएं होनी चाहिए ? ( What kind of school should be for disabled children, what facilities should be there? )
हमारा देश एक लोकतात्रिक देश है. हमारे देश का शासन संविधान के अनुसार चलता है. हमारे संविधान के अनुसार शिक्षा हमारा मौलिक अधिकार है. भारत सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह देश के वंचित बच्चों को शिक्षा प्रदान करवाएं. इसके लिए सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाएं भी लागू की गई. इसका का इतना महत्व होने के कारण इसके बारे में लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर लोगों के मन में होता है कि विकलांग बच्चों के लिए कैसा स्कूल होना चाहिए उसमें कौन कौन सी सुविधाएं होनी चाहिए ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.
विकलांग बच्चों के लिए कौन सी सुविधाएं –
विकलांग बच्चों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए उनके ऊपर विशेषतौर पर ध्यान देने की आवश्यकता है. इसके लिए कई तरह के उपाय किए जा सकते हैं. विकलांग बच्चों के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार विशेष शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिएं. इसके अलावा स्कूल में प्रवेश के लिए अगर दूसरी या ऊपर की मंजिल पर क्लास लगती हैं, तो उनके लिए लिफ्ट जैसी व्यवस्था होनी चाहिएं. इसके अलावा क्लास रूम में भी उनकी सुविधा के अनुसार उनके बैठने की व्यवस्था की जानी चाहिएं. स्कूल या कक्षा को इस तरह से डिजाइन किया जाना चाहिएं जिससे विकलांग बच्चों को वहां पर किसी तरह की परेशानी ना हो. इसके साथ ही उनकी असमर्थता के अनुसार उनको उपकरण उपलब्ध करवाए जाने चाहिएं.
इसके साथ ही अध्यापकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनके साथ अच्छे से व्यवहार करें. इसके साथ ही यह भी बहुत महत्व पूर्ण है कि विकलांग बच्चों के लिए स्कूल में व्यक्तिगत शिक्षा पर भी बल देने की आवश्यकता है. उसके लिए व्यक्तिगततौर पर ही शिक्षण सामग्री तैयार करनी चाहिेएं. उस स्कूल में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करना चाहिएं. इसके साथ ही स्कूल में ऐसा वातावरण तैयार किया जाना चाहिेएं . जहां विकलांगों के प्रति रूढीवादी सोच को दूर करना तथा सकारात्मक सोच का निर्माण होना चाहिएं.
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इसके साथ ही विकलांग बच्चों को उस स्कूल में अपनी क्षमता दिखाने का पूरा मौका मिलना चाहिएं. विकलांगता के कारण उसको पीछे नहीं छोड़ना चाहिएं. इसके अलावा विकलांग बच्चों के दाखिले में उनके लिए कुछ सीट रिजर्व भी होनी चाहिएं. इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि विकलांग बच्चों को उनकी क्षमता के अनुसार किसी विशेष कौशल भी सिखाना चाहिएं. जिससे पढ़ाई पूरी करने के बाद उनको रोजगार के अवसर भी मिल सकें.
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