दिल्ली के सरकारी हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए दिल्ली वाला होने का क्या-क्या प्रूफ देना होता है?

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दिल्ली के सरकारी हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए दिल्ली वाला होने का क्या-क्या प्रूफ देना होता है?

दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एक आदेश जारी किया है. इस सरकारी आदेश के मुताबिक दिल्लीवासियों को कोरोना के इलाज के लिए अस्पताल में कुछ दस्तावेज दिखाने होंगे, जिसके बाद ही इलाज किया जाएगा. दिल्ली में दिल्ली सरकार के अस्पताल और निजी अस्पताल अब केवल दिल्ली के निवासियों का ही इलाज कर सकेंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसका ऐलान कर चुके हैं. इसके बाद दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने अब इससे जुड़ा विस्तृत आदेश जारी कर दिया है.

दिल्ली सरकार के अस्पताल और निजी अस्पताल में सिर्फ दिल्ली वालों का इलाज होगा. हालांकि इन अस्पतालों में बाहर के लोगों के लिए भी ट्रांसप्लांटेशन, ओनकोलॉजी, न्यूरोसर्जरी जैसे स्पेशलाइज्ड ट्रीटमेंट की सुविधा जारी रहेगी. इसके अलावा सड़क दुर्घटना और एसिड अटैक आदि में घायल दिल्ली से बाहर के लोग भी इन अस्पतालों में इलाज करा सकेंगे.देश की राजधानी के निजी या सरकारी अस्पताल में अगर दिल्ली के लोग इलाज कराना चाहते हैं तो उन्हें कुछ दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी.

कोरोना का इलाज कराने के लिए उन्हें कुछ प्रमाण पत्र दिखाने होंगे.सीएम केजरीवाल ने खुद भी अपनी इस योजना को सफल बताया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमा के अंदर अगर किसी का भी एक्सीडेंट या बर्न इंजरी होती है तो उसका तुरंत इलाज दिल्ली के किसी भी अस्पताल में मुफ्त होता है. ये योजना काफी सफल रही.सीएम केजरीवाल का कहना है कि इस योजना के तहत फरवरी 2018 से अप्रैल 2019 के बीच इन 14 महीनों में 2501 लोगों की जान बचाई गई.

हालांकि कुछ मामले ऐसे भी सामने आए, जिसमें प्राइवेट अस्पताल वाले आनाकानी करते हुए दिखाई दिए. इन दस्तावेजों में वोटर आईडी, बैंक/किसान/पोस्ट ऑफिस का करंट पासबुक, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस या इनकम टैक्स रिटर्न आदि के कागजात हो सकते हैं.

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