संग्रहणी रोग क्या है और इसका आयुर्वेदिक इलाज ?

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संग्रहणी रोग क्या है और इसका आयुर्वेदिक इलाज ?
संग्रहणी रोग क्या है और इसका आयुर्वेदिक इलाज ?

संग्रहणी रोग क्या है और इसका आयुर्वेदिक इलाज ? ( What is sangrahani and its Ayurvedic treatment? )

वर्तमान समय में हमें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जिसके लिए वैसे तो बाजार में कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं. लेकिन देखने को मिलता है कि लोगों का भरोसा बाजार में मिलने वाली दवाओं के बजाय आयुर्वेदिक इलाज की पद्दति पर बढ़ता जा रहा है. आयुर्वेद भारत में इलाज की प्राचीनतम पद्दति है. इसी कारण किसी भी बीमारी के आयुर्वेदिक इलाज के बारे में लोगों के मन में कई तरह के सवाल होते हैं. इसी तरह का एक सवाल जो आमतौर पर पूछा जाता है कि संग्रहणी रोग क्या है और इसका आयुर्वेदिक इलाज ? अगर आपके मन में भी ऐसा ही सवाल है, तो इस पोस्ट में इसी सवाल का जवाब जानते हैं.

संग्रहणी रोग

संग्रहणी रोग –

किसी भी बीमारी के इलाज से पहले हमें यह जान लेना चाहिएं कि यह रोग होता क्या है. इसके क्या लक्षण हैं. लक्षण हमें किसी भी बीमारी को समझने में मद्द करते हैं. अगर संग्रहणी रोग की बात करें, तो इसे श्वेतातिसार रोग भी कहा जाता है. इसमें सुबह बिना दर्द के हल्का और फेनदार खडि़या मिट्टी (रंग का) पानी के समान दस्त आता है. इसके साथ ही जब यह बीमारी बढ़ती है, तो शाम को खाना खाने तुरंत बाद भी दस्त लगता है. इस रोग की वजह से रोगी को वैसे कोई शारीरिक कष्ट तो नहीं होता है. लेकिन इनमें पेट फूलना , बदहजमी इत्यादी लक्षण जरूर देखने को मिलते हैं.

संग्रहणी रोग

संग्रहणी रोग आयुर्वेदिक इलाज –

अगर इस बीमारी के इलाज की बात करें, तो इमली की छाल का चूर्ण तथा थोड़ी सी ताजा हल्दी चाटने से इसमें बहुत आराम मिलता है. इसके साथ ही अगर हम 2 ग्राम भांग को भूनकर 3 ग्राम शहद में मिलाकर चाटते हैं, तो इससे हमें शीघ्र ही आराम मिलता है. इसके अलावा अगर हम 50 ग्राम मीठे आम के रस में मीठी दही 10 से 20 ग्राम तथा 1 चम्मच अदरक का रस रोज दिन में 2-3 बार लगातार प्रयोग करते हैं, तो इससे हमें बहुत ही अद्भूत परिणाम मिलता है. इससे हमारी बीमारी ठीक हो जाती है.

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इसके अलावा बड़ी इलायची के दाने 10 ग्राम, सौंफ साठ ग्राम, नौसादर 20 ग्राम लेकर इन सभी को तवे पर भून लेना चाहिएं. इसके बाद इनका 1-1 ग्राम की मात्रा में प्रय़ोग करना चाहिएं. इसके साथ ही यह बात भी ध्यान देने की है कि अगर आपको सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो डॅाक्टर की परामर्श से इनका प्रय़ोग कर सकते हैं. अगर इनके प्रयोग करने से समस्या का समाधान नहीं होता है या फिर समस्या बढ़ती हुई नजर आती है, तो बिना लापरवाही के तुरंत डॅाक्टर से संपर्क करना चाहिएं.

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. News4social इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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