दीपक जाइशी के परिजनों को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. जब उन्हें उसके कोलकाता (Kolkata) की जेल में बंद होने का पता चला तब उन्होंने नेपाल सरकार (Nepal Government) से संपर्क किया. नेपाली नागरिक को रिहा कराने के लिए साल की शुरुआत में याचिका दायर की गई थी.
परिजनों ने नेपाल सरकार से किया संपर्क
जाइशी के परिजनों को उसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी और जब उन्हें उसके कोलकाता (Kolkata) की जेल में बंद होने का पता चला तब उन्होंने नेपाल सरकार (Nepal Government) से संपर्क किया. जाइशी के जेल में होने से संबंधित खबरों का संज्ञान लेते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने एक वकील से याचिका दायर करने को कहा.
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हाई कोर्ट ने कराई घर वापसी
जाइशी को रिहा करने के लिए साल की शुरुआत में याचिका दायर की गई थी. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के वकील जयंत नारायण चटर्जी ने कहा कि जाइशी अपना मानसिक संतुलन खो बैठा है और उसे नेपाल स्थित अपने घर की याद नहीं है. लेकिन हाई कोर्ट के फैसले के बाद उसकी रिहाई संभव हो सकी.