UPSC Success Story : तस्करों के लिए खौफ का दूसरा नाम रहे स्वप्न शर्मा IPS, अब खालिस्तानी Amritpal Singh से सामना

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UPSC Success Story : तस्करों के लिए खौफ का दूसरा नाम रहे स्वप्न शर्मा IPS, अब खालिस्तानी Amritpal Singh से सामना

UPSC Success Story : तस्करों के लिए खौफ का दूसरा नाम रहे स्वप्न शर्मा IPS, अब खालिस्तानी Amritpal Singh से सामना

चंडीगढ़: जब भी जांबाज आईपीएस अफसरों का नाम लिया जाता है तो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के स्वप्न शर्मा का नाम जरूर आता है। आईपीएस स्वप्न शर्मा ने वर्दी की असली ताकत दिखाते हुए पंजाब में शराब तस्करों और गैंगस्टरों के मन में यमदूत की छवि बनाई है। अब उनका सामना खालिस्तानी समर्थक और ‘पंजाब दे वारिस’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह से है। स्वप्न शर्मा दो महीने पहले ही पंजाब पुलिस में डीआईजी बने। डीआईजी बनने के दो महीने बाद ही उन्हें अमृतपाल सिंह को पकड़ने का बड़ा ऑपरेशन मिला है।

कौन हैं स्वप्न शर्मा
डीआईजी स्वप्न शर्मा सेवानिवृत्त कर्नल महेश शर्मा और समाज सेविका बीना शर्मा के बेटे हैं। स्वप्न शर्मा जन्म 10 अक्तूबर, 1980 को ग्राम डोहग जिला कांगड़ा में हुआ। बठिंडा से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद वर्ष 2008 में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण की और पहली नियुक्ति जिला शिमला के चौपाल में विकास खंड अधिकारी के रूप में हुई। उन्होंने वर्ष यूपीएससी 2009 में भारतीय पुलिस सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण की।
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मुख्यमंत्री की सिक्योरिटी में भी रहे
आईपीएस की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद स्वपन शर्मा ने पंजाब कैडर चुना। ट्रेनिंग के बाद वह राजपुरा, लुधियाना और दूसरे कई शहरों में तैनात रहे। वह दस महीने पंजाब के मुख्यमंत्री की सिक्योरिटी में भी रहे। उत्कृष्ट सेवा के लिए पंजाब पुलिस के DGP ने 4 बार उन्हें डिस्क अवार्ड से सम्मानित किया।
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पंजाब सरकार ने डीआईजी के पद पर प्रमोट किया
पंजाब सरकार ने 24 जनवरी 2023 को स्वप्न शर्मा को DIG के पद पर प्रमोट किया। अलग-अलग पदों पर रहने के दौरान उन्होंने कई जटिल केस सुलझाए। उन्होंने धोखाधड़ी के मामलों की जांच भी की। वह दो बार AIG काउंटर इंटेलिजेंस के पद पर तैनात किया जिसमें उन्होंने देश-विदेश के आतंकियों की गतिविधियों का पता लगाया। वह फाजिल्का और बठिंडा जिलों में तैनात रहे।

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अमृतपाल सिंह को पकड़ने की चुनौती
जालंधर पुलिस के डीआईजी स्वपन शर्मा के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती खालिस्तानी अमृतपाल सिंह को पकड़ने की है। वो इसमें कामयाब भी होने वाले थे, लेकिन कुछ ऐसा हुई कि अमृतपाल उनके हाथों से निकल गया। उन्होंने खुद बताया कि कैसे अमृतपाल सिंह उनके हाथ आते-आते निकल गया। उन्होनें बताया कि अमृतपाल सिंह ने पीछा करने के दौरान कई बार रूट बदले और 12 से 13 किमी लंबी एक लेन की लिंक रोड पर पहुंच गया। अमृतपाल सिंह को पकड़ने के लिए हमें निर्देश दिए गए थे। पीछा करते हुए वह हमसे आगे एक लेन की लिंक रोड पर आ गया था। हमसे आगे निकलने के दौरान वह 5-6 मोटरसाइकिल सवारों से टकरा गया, इनमें से कुछ हमें पीछा करने से रोकने के मकसद से थे। कार में अमृतपाल सिंह समेत चार लोग सवार थे और सभी का कोई अता-पता नहीं है। अमृतपाल सिंह को पहले शाहकोट एरिया में देखा गया। जब उसके काफिले को पहली बार रोका गया तो वह यू-टर्न लेकर एक लेन वाली लिंक रोड की ओर जाने वाले फ्लाईओवर के नीचे भाग गया।

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