भोजन में कंकड़ या पत्थर नहीं मिल रहें है कीड़े और बाल -हॉकी कोच की शिकायत

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अगर कोई हमसे पूछे कि हमारे देश भारत में खेलों की क्या अहमियत है तो हमारा यहीं जवाब होगा कि हमारे देश में खेलों की अहमियत हमारे खिलाडियों से ही पता चल जाती है |यह वहीँ देश है जहाँ एक खिलाडी को भगवान् तक का दर्जा दिया गया है ,और हम अहमियत की बात कर रहे है ?,

जहाँ एक तरफ खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ खेलों को बढ़ावा देने और उनकी दशा को सुधारने के लिए सोशल मिडिया पर प्रधानमंत्री से लेकर नेताओं -अभिनेताओं सब को फिटनेस चेलेंज दे रहे है |वहीं दूसरी तरफ देश का राष्ट्रीय खेल माना जाना वाले ” हॉकी” खिलाड़ियों को साफ़ -स्वच्छ और पौष्टिक भोजन भी नसीब नहीं| जिस देश में एक खेल को धर्म और खिलाड़ी को भगवान का दर्जा दिया जाता है उसी देश में देश के राष्ट्रिय खेल के खिलाड़ियों को भगवान का दर्जा तो दूर इंसानों की तरफ साफ़ खाना भी उपलब्ध नहीं कराया जाता |

इन खिलाड़ियों को कहाँ नसीब साफ़ -स्वच्छ खाना
भारत की नेशनल हॉकी टीम के खिलाड़ियों को कैंप में बेहद ख़राब खाना दिया जा रहा है |कैंप में परोसे जा रहें गंदे क्वालिटी के खाने से नाराज़ हो कर टीम के कोच हरेंद्र सिंह ने प्रशासन से शिकायत की है | उनका कहना है कि ,”साई में मिलने वाला खाना बेहद खराब क्वॉलिटी का है और हाइजीन का भी कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है| उन्होंने कहा कि खाने में कीड़े और बाल पाए गए थे| उन्होंने कहा कि, हॉकी खिलाड़ियों के लिए नॉनवेज भी खाने में मौजूद नहीं है| जो किसी भी खिलाड़ी की फिटनेस के लिए ज़रूरी होता है |

कोच हरेन्द्र सिंह ने प्रशासन को लिखा पत्र
आपको बता दें कि कोच हरेन्द्र सिंह ने प्रशासन को पत्र लिख कर यह शिकायत की ,उन्होंने पत्र में लिखा कि ,’साई के बेंगलुरू स्थित केंद्र में खिलाडिय़ों को परोसे जाने वाला खाना बेहद घटिया है| खाने में ज्यादा तेल और वसा का इस्तेमाल किया जाता है. साफ-सफाई का भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है| खाना पौष्टिक हो इसका भी कोई ध्यान नहीं दिया जाता है| उन्होंने खेल मंत्री के सब व्यवस्था दुरुस्त करने की बात पर सवाल उठाते हुए कहा कि ,”’गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों से पहले खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने भी साई सेंटर का दौरा कर 48 घंटे में सब व्यवस्था दुरुस्त करने की बात कही थी, लेकिन इसका भी कोई असर हीं हुआ है अब तक | हम चैंपियंस ट्रॉफी, एशियाई खेलों और पुरुष हॉकी विश्व कप की तैयारी में जुटे हैं| ऐसे में खिलाड़ियों के अच्छे प्रदर्शन के लिए उनके लिए बढ़िया और पौष्टिक खाना बेहद जरूरी है |

भारतीय ओलिंपिक संघ ने मुद्दे को गंभीरता से लिया
कोच की शिकायत को IOA (Indian Olympic association) के अध्यक्ष डॉ. नरिंदर बत्रा ने गंभीरता से लिया है| उन्होंने इस पात्र की एक -एक कॉपी खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, खेल सचिव राजीव भटनागर को भी भेजी है|आपको बता दें कि इस भारतीय हॉकी टीम के मार्गदर्शन का ज़िम्मा हरेन्द्र सिंह को सौपा गया है ,वही पिछली बार जब हरेन्द्र महिला टीम के कोच थे तब महिलाओं ने गोल्डकोस्ट में सेमीफाइनल तक का सफ़र तय किया था |वहीँ एशिया कप भी अपने नाम किया था |

देश में खेलों के साथ हो रहा दोगलापन

देश में खेलों के साथ हो रहा इस तरह का दोगलापन मन को कचौटता ,तकलीफ देता है |क्योंकि जिसे हम अपना राष्ट्र खेल मानते है ,जहाँ ध्यानचंद जैसे दिग्गज पैदा हुए है ,वहां इस खेल को ऐसे दिन देखने पड़ रहे है |