UGC विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस से जुड़े नियम जल्द जारी करेगा

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UGC विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस से जुड़े नियम जल्द जारी करेगा

UGC विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस से जुड़े नियम जल्द जारी करेगा

नई दिल्ली:विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विदेशी यूनिवर्सिटीज के भारत में कैंपस स्थापित करने को लेकर नियम तैयार किए हैं। नियमों को लेकर RBI और कॉमर्स मंत्रालय से भी चर्चा की जा रही है। जल्द ही ये नियम जारी कर दिए जाएंगे। नियम जारी होने के बाद विदेशी यूनिवर्सिटी के आवेदन करने की प्रक्रिया शुरू होगी और नियमों के साथ ही ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया जाएगा। वहीं, भारतीय संस्थानों के विदेशों में कैंपस को लेकर भी रेगुलेशंस तैयार किए गए हैं।

UGC के अध्यक्ष प्रो. एम. जगदीश कुमार ने बताया कि विदेशी यूनिवर्सिटीज के भारत में कैंपस स्थापित करने के नियमों को फाइनल करने से पहले RBI और कॉमर्स मंत्रालय के साथ भी बातचीत चल रही है। RBI और कॉमर्स मंत्रालय के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा और ग्रीन सिग्नल मिलने के बाद ही फाइनल नियम जारी होंगे। एक महीने के अंदर नियम जारी किए जाएंगे।

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UGC अध्यक्ष ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के मुताबिक, आयोग ने भारतीय हायर एजुकेशन प्रणाली के अंतरराष्ट्रीयकरण की दिशा में सभी जरूरी कदम उठाए हैं। विदेशी और भारतीय संस्थानों के बीच जॉइंट डिग्री प्रोग्राम, ड्यूल डिग्री प्रोग्राम, ट्विनिंग प्रोग्राम को लेकर बातचीत चल रही है। MoU साइन किए जा रहे हैं। अभी तक 50 यूनिवर्सिटीज के बीच MoU साइन होने की संभावना है। यह संख्या बढ़ेगी। जब फाइनल नियम जारी होंगे तो फिर विदेशी यूनिवर्सिटीज आवेदन कर सकेंगी। UGC की ओर से ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है। रेगुलेशंस जारी किए जाने के साथ ही पोर्टल को शुरू किया जाएगा और इसके बाद ही आवेदन आना शुरू होंगे।

डिस्टेन्स टीचिंग नहीं, ऑफलाइन चलेंगे कोर्स

UGC नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि भारत में अपना कैंपस स्थापित करने वाली विदेशी यूनिवर्सिटी ऑनलाइन या डिस्टेन्स टीचिंग के माध्यम से कोर्स नहीं चला सकते। इन कैंपस में ऑफलाइन मोड में पढ़ाई होगी और छात्र कैंपस में आएंगे। ऑनलाइन कोर्स नहीं चलाए जा सकते। बहुत से देशों की यूनिवर्सिटी भारत में कैंपस शुरू करना चाहती हैं। भारत में 12वीं पास करने वाले छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा है। इस नियम से यूनिवर्सिटी, छात्रों और पैरंट्स को काफी फायदा होगा। जो छात्र विदेशों में जाकर पढ़ना चाहते हैं, वे उन यूनिवर्सिटीज के भारतीय कैंपस में पढ़ सकेंगे। इससे पढ़ाई पर खर्चा कम होगा। वहीं, विदेशी यूनिवर्सिटीज में बहुत सारे भारतीय उच्च पदों पर हैं। वाइस चांसलर, डीन, प्रेजिडेंट हैं और वे भारतीय यूनिवर्सिटी से भी पढ़े हैं। ऐसे में वे लोग भारत में आकर कुछ समय पढ़ा सकते हैं, भारतीय छात्रों की रिसर्च प्रोजेक्ट में मदद कर सकते है। इससे रिसर्च इको सिस्टम में सुधार होगा। वहीं साउथ ईस्ट एशिया, अफ्रीका और कुछ खाड़ी देशों में भारतीय कैंपस भी शुरू करने की भी संभावना है।

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