राजस्थान में बीजेपी की सरकार अपनी जमीन खो रही है। आपको बता दें की पिछले पांच सालों से बीजेपी राजस्थान में सत्ता पर काबिज है। लेकिन अबकी बार बीजेपी को राजस्थान में हार देखने को मिल रही है। हालांकि राजस्थान के बारे में कहा जाता है की इस राज्य में हर पांच साल में सरकारें बदल जाती है। लेकिन हम आज उन कारणों के बारे में बात करेंगे जिसकी वजह से बीजेपी राजस्थान में हार रही है।
बगावत
राजस्थान में बीजेपी के किले में पिछले कई सालों से बगावत और भीतरघात चल रहा था। अबकी बार धनश्याम तिवाड़ी और मानवेंद्र सिंह के रुप में बीजेपी को दो बड़े नेताओं नें पार्टी छोड़ दी है। टिकट कटने से नाराज जिला स्तर के कई नेताओं की बगावत नें राज्य में बीजेपी के हालत बिगाड़ दिए.
वसुंधरा राजे की छवि
राजस्थान में वसुंधरा राजे की छवि भी लोगों को पसंद नहीं आती है। आपको बता दें की राज्य में वसुंधरा राजे की छवि किसी महारानी से कम नहीं है। लोगों से वसुंधरा राजे कम जुडती है। जिसकी वजह से लोगों के बीच उनकी छवि ठीक नहीं है। लोग उनके बारे में यह भी कहते है की वह अपने कुछ खास लोगों के बीच ही रहना पसंद करती है। पार्टी के संगठन और कार्यकर्ताओं के साथ उनका भावनात्मक संबंध नहीं है।
राजपूतों का नाराज होना
राजस्थान में राजपूत हमेशा से ही बीजेपी का वोटबैंक रहा है। अबकी बार राजपूत समाज के लोग राजस्थान में बीजेपी से खासे नाराज रहे है। आपको बता दें की गैंगस्टर आनंदपाल सिहं रावणा राजपूत समाज से थे और उसके गैंग के लोग राजपूत समाज से थे। एक मुठभेड में उसकी हत्या हो गई थी, उसकी हत्या के बाद राजपूत समाज के लोगों में बीजेपी के ख़िलाफ़ नाराजगी थी।ॉ
सचिन पायलट और अशोक गहलोत की जोड़ी
राजस्थान में कांग्रेस की तरफ़ से सचिन पायलट और अशोक गहलोत की जोडी नें शानदार काम किया। सचिन पायलट नें कांग्रेस में नया जोश भरने का काम किया। उन्होंने युवाओं को अपने साथ जोड़ने का काम किया जबकि अशोक गहलोत नें राज्य में जातीय समीकरणों को को साधा।
पद्मावत का विरोध
संजय लीला भंसाली की फ़िल्म पद्मावत का राजपूत समाज नें पूरे देश में किया। पद्मावत का विरोध सबसे ज्यादा राजस्थान में हो रहा था। राजपूत समाज के लोगों नें इस फ़िल्म की शिकायत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी की थी। राजपूत समाज के लोगों नें इस फ़िल्म को रोकने के लिए अपील भी की थी, लेकिन फ़िल्म रुक नहीं पाई जिसके कारण राजपूत समाज के लोग नाराज हो गए।