छत्तीसगढ़ में आज कल यही माहौल है, दुर्ग के धमधा में बीजेपी नेता के गोशाला में तथाकथित रूप से भूखी-प्सासी 200 गायों ने दम तोड़ दिया है। दुर्ग के धमधा के राजपुर इलाके के लोगों का दावा है कि गोशाला में 200 से ज्यादा गाय मारी गईं, जबकि प्रशासन ने तमाम दावों को खारिज करते हुए मात्र 30 गाय के मारे जाने की पुष्टि की है।
प्रशासन ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया है कि गायों की मौत भूख से हुई। बवाल मचने के बाद बीजेपी नेता हरीश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। उधर गायों को नयी गोशालाओं में भेजा जा रहा है, ताकि उनकी अच्छी देखभाल हो सके और उनकी जान बचाई जा सके। कहा जा रहा है कि राजपुर गांव के शगुर गोशाला में 250 गायों को रखने की व्यवस्था थी लेकिन यहां क्षमता से दो गुणा ज्यादा गायों को रखा गया था।
News24 Exclusive: Why VIP treatment to BJP neta, murderer of 250 cows? #CowKillerBJP #200cowsdie #Chattisgarh #c https://t.co/e85ZBOdIvZ pic.twitter.com/gnAgVer4Dm
— News24 (@news24tvchannel) August 19, 2017
बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2018 में विधानसभा चुनाव होना है ऐसे में विपक्ष के लिए इससे अच्छा मुद्दा क्या हो सकता है, और इससे बीजेपी को इससे नुकसान भी उठाना पड़ सकता है।
बीजेपी पूरे देश में जिस तरह से गोरक्षा के नाम पर आक्रामक राजनीति करती है। उसके विपरीत गाय के साथ ऐसा सलूक कहीं छत्तीसगढ़ में बीजेपी को भारी ना पड़ जाए।
बताया जा रहा है कि इस गोशाला में साढ़े छ सौ से ज्यादा गायों को रखा गया था। इतना ही नहीं, गायों को कभी कभार ही दाना पानी मिलता था। नतीजतन एक के बाद एक कई गाय मरती चली गई। दो-चार दिनों से बंद गोशाला की ओर जब स्थानीय ग्रामीणों की नजर पड़ी, तो उन्होंने गायों के मारे जाने की सूचना स्थानीय प्रशासन को दी। शिकायत के कई घंटो बाद प्रशासन हरकत में आया। बवाल मचने के बाद पुलिस और प्रशासन के आला अफसर ने इस गोशाला का दौरा किया। प्रशासन ने प्राथमिक जांच में पाया कि इस गोशाला में गायों की रक्षा और देखभाल के लिए कोई जिम्मेदार व्यक्ति तैनात नहीं था।
This must be the reason #Chattisgarh CM @drramansingh wants ambulance for cows..such a hypocrite are these BJP sangi FarziRastravadis pic.twitter.com/RgakqAPDlr
— Archan Gowda (@archansr) August 18, 2017
क्षमता से तीन गुनी ज्यादा गाय रखने के बावजूद गोशाला प्रबंधन ने मात्र तीन-चार व्यक्तियों को ही गायों की देखभाल के लिए रखा था। ये व्यक्ति भी कभी कभार इस गोशाला का रुख करते थे। गोशाला में ना गायों के लिए पीने का पानी था और ना ही खाने के लिए चारा। प्राथमिक जांच रिपोर्ट मिलते ही प्रशासन ने इस गोशाला के संचालक हरीश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
हरीश वर्मा बजेपी का कोई आम कार्यकर्ता नहीं, बल्कि भिलाई की जामुल नगर पालिका परिषद् का उपाध्यक्ष है। उसकी एक नहीं बल्कि तीन गोशालाएं है। उधर मामले के तूल पकड़ने के बाद मुख्यमंत्री रमन सिंह ने राज्य की सभी सरकारी अनुदान प्राप्त गोशालाओं का परीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने गोहत्या के इस मामले को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार की घेराबंदी शुरू कर दी है।