केंद्र ने बुलाया था पर नहीं आए बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्‍याय, ऐक्‍शन लेने की तैयारी में DoPT

326
केंद्र ने बुलाया था पर नहीं आए बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्‍याय, ऐक्‍शन लेने की तैयारी में DoPT

केंद्र ने बुलाया था पर नहीं आए बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्‍याय, ऐक्‍शन लेने की तैयारी में DoPT

हाइलाइट्स:

  • दिल्‍ली आकर केंद्र को रिपोर्ट नहीं करेंगे बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अलपन बंदोपाध्‍याय
  • सीएम ममता बनर्जी से पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा, कहा- आदेश वापस ले केंद्र
  • ममता संग बैठक में शामिल होंगे बंदोपाध्‍याय, केंद्र ने आज सुबह 10 बजे की दी थी मोहलत
  • अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा- यह समय राज्‍यों से लड़ने का नहीं है

नई दिल्‍ली
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ अनुशासनात्‍मक कार्रवाई हो सकती है। केंद्र सरकार ने उन्‍हें 31 मई की सुबह 10 बजे पहले से रिपोर्ट करने को कहा था। मगर बंदोपाध्याय की जगह मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की चिट्ठी आई। ममता ने कहा कि ऐसे मुश्‍किल समय में पश्चिम बंगाल की सरकार अपने मुख्‍य सचिव को कार्यमुक्‍त नहीं कर सकती। विभिन्‍न मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ममता के इस रुख के बाद कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) बंदोपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।

सोमवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पत्र में ममता ने कहा कि वे मुख्‍य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्‍ली में रिपोर्ट करने से जुड़ा आदेश वापस ले लें। ममता ने कहा है कि वह केंद्र के इस ‘एकतरफा’ फैसले से हैरान हैं। बंदोपाध्याय को सोमवार को राज्‍य सचिवालय में मुख्‍यमंत्री की अध्‍यक्षता में होने वाली एक बैठक में शामिल होना है।

जापान की करेंसी क्‍या है? दीजिए ऐसे ही कुछ आसान सवालों के जवाब और जीतिए इनाम

पत्र में ममता बनर्जी ने क्‍या कहा?
ममता बनर्जी ने पत्र में कहा, ‘पश्चिम बंगाल सरकार ऐसी मुश्किल घड़ी में अपने मुख्य सचिव को रिहा नहीं कर सकती और न ही रिहा कर रही है।’ बनर्जी ने केंद्र के इस फैसले को वापस लेने, पुनर्विचार करने और आदेश को रद करने का अनुरोध किया। शनिवार को ममता ने कहा था, “उनकी (अलपन बंदोपाध्याय) क्या गलती है? मुख्य सचिव होने के नाते, मेरी सहायता करना उनका कर्तव्य है। उन्हें मेरे खिलाफ बहुत सारी शिकायतें हो सकती हैं और वे अलग-अलग तरीकों से मेरा अपमान कर रहे हैं। मैंने इसे स्वीकार कर लिया है, लेकिन उन्हें (बंदोपाध्याय) क्यों पीड़ित किया जा रहा है? वह ईमानदार हैं और चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।”

मोदी को खत लिख ममता ने सुना दिया अपना फैसला

केजरीवाल बोले, यह लड़ने का समय नहीं
इस पूरे विवाद पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को ट्वीट क‍िया। उन्‍होंने लिखा, “यह समय राज्य सरकारों से लड़ने का नहीं है, सबके साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का है। यह समय राज्य सरकारों की मदद करने का है, उन्हें टीके उपलब्ध कराने का है। यह सभी राज्य सरकारों को साथ लेकर टीम इंडिया बनकर काम करने का समय है। लड़ाई-झगड़े और राजनीति करने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है।” इस ट्वीट के साथ ही केजरीवाल ने एक खबर भी साझा की, जिसमें लिखा था कि चक्रवात और कोविड-19 के कारण बंद्योपाध्याय बतौर मुख्य सचिव अपनी सेवाएं जारी रख सकते हैं।

केंद्र ने कहा था, बंदोपाध्याय को तुरंत कार्यमुक्‍त करें ममता
पश्चिम बंगाल काडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 31 मई को रिटायर होने वाले थे। हालांकि, केंद्र से मंजूरी के बाद उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया था। सेवा विस्तार दिये जाने के सिर्फ चार दिन बाद ही केंद्र सरकार ने उनकी सेवाएं मांगी। राज्य सरकार से कहा गया कि अपने मुख्‍य सचिव को तुरंत कार्यमुक्त करे। राज्‍य में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने इस कदम को ‘‘जबरन प्रतिनियुक्ति’’ करार दिया।

इस कदम के पीछे चक्रवाती तूफान ‘यास’ को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की समीक्षा बैठक में हुआ वाकया भी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उस बैठक में देर से पहुंची और महज 15 मिनट में निपटाकर चली गईं। केंद्रीय मंत्रियों ने इसपर कड़ी आपत्ति जताई थी। फिर केंद्र के इस फैसले के बाद, कई विपक्षी दलों ने कहा कि यह संघीय ढांचे के खिलाफ है।

यह भी पढ़ें: पतंजलि दिव्य कांति लेप का प्रयोग और फायदा ?

Today latest news in hindi के लिए लिए हमे फेसबुक , ट्विटर और इंस्टाग्राम में फॉलो करे | Get all Breaking News in Hindi related to live update of politics News in hindi , sports hindi news , Bollywood Hindi News , technology and education etc.

Source link