वॉशिंगटन: भारत और चीन (India-China) ने सीमा विवाद (Border Dispute) हल करने के लिए भले ही कई इलाकों से अपने सैनिकों को हटा लिया हो, लेकिन दोनों देशों में तनाव अभी भी बरकरार है. एक अमेरिकी इंटेलीजेंस रिपोर्ट (US Intelligence Report) में भारत-चीन के मौजूदा हालातों पर चिंता जाहिर की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पर टकराव वाले कुछ बिंदुओं से सेनाएं पीछे करने के बावजूद दोनों देशों के बीच भारी तनाव है. दशकों बाद नई दिल्ली और बीजिंग के बीच इस तरह के विस्फोटक हालात बने हैं.
कई Round की बातचीत हुई
अमेरिका के ‘ऑफिस ऑफ डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलीजेंस’ की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, भारत और चीन में कई दौर की बातचीत के बाद फरवरी के मध्य में कुछ स्थानों से सेनाएं पीछे हटी हैं, जो सकारात्मक बदलाव है लेकिन दोनों देशों में तनाव अभी भी बरकरार है. बता दें कि यह रिपोर्ट विश्वव्यापी खतरों का आकलन करने के लिए हर साल तैयार की जाती है और इस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति को अवगत कराया जाता है.
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Border Dispute काफी गंभीर
इस रिपोर्ट में पिछले साल मई से भारत-चीन सीमा पर पनपे विवाद और दोनों देशों के बीच 1975 के बाद हुई खूनी झड़प को काफी गंभीर मामला बताया गया है. रिपोर्ट में आंतरिक और अंतरदेशीय संघर्षों के कारण अमेरिकी नागरिकों और अमेरिकी हितों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष चुनौती मिलने की आशंका जताई गई है. साथ ही कई देशों में सिविल वॉर और अलगाववाद के कारण हिंसा भड़कने की बात कही गई है.
Pakistan को भी दी हिदायत
अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मई 2020 के बाद से चीन के कब्जे वाले सीमावर्ती इलाकों में तनाव जारी है. मध्य फरवरी तक कई दौर की बातचीत के बाद दोनों पक्ष विवादित सीमा के पास कुछ इलाकों से अपनी सेनाएं और उपकरण वापस बुला रहे हैं. वहीं, एक अन्य रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव का जिक्र किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ज्यादा बढ़ता है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में भारत के सैन्य कार्रवाई करने की संभावना ज्यादा है.
पड़ोसियों को ताकत दिखा रहा China
अमेरिकी इंटेलिजेंस कम्यूनिटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के पाकिस्तान की ओर से उकसावे वाली कार्रवाई का सैन्य जवाब देने की संभावना ज्यादा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका कम है, लेकिन संकट और ज्यादा बढ़ सकता है जिससे तनाव भी बढ़ सकता है. रिपोर्ट में परमाणु शक्तियों के बीच तनाव को दुनिया के लिए चिंता का विषय बताया गया है. साथ ही कहा गया है कि चीन सरकारी साधनों का इस्तेमाल करके अपने क्षेत्रीय पड़ोसियों के ऊपर ताकत दिखा रहा है, जिसमें ताइवान के ऊपर दावा ठोंकना शामिल है.