अगर घर में किसी की मृत्यु हो गई हो तो उस वर्ष नवरात्रि करनी चाहिएं ? (If someone dies in the house, should Navratri be celebrated that year)
हिंदू धर्म में अनेंक देवी-देवताओं की पूजा की जाती है. किसी विशेष समय पर किसी विशेष देवता की पूजा करने का फल भी विशेष मिलता है. नवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है. नवरात्रि शब्द का अर्थ होता है, 9 रातें. 9 राते तथा 10 दिनों तक माता शक्ति की पूजा की जाती है. 9 दिन माता की अलग अलग रूपों में पूजा की जाती है. जिसका मां के भक्तों को विशेष फल मिलता है.
लेकिन यदि दुर्भाग्य से अगर घर में किसी की मृत्यु हो जाती है, तो क्या उस वर्ष नवरात्रि की पूजा करनी चाहिए या नहीं इस सवाल की बात है, तो उस वर्ष में तो नवरात्रि की पूजा की जा सकती है. लेकिन अगर उस समय आपके परिवार में सूतक चल रहा है, तो उस दौरान नवरात्रि की पूजा नहीं की जा सकती है. घऱ में किसी के जन्म या मत्यु दोनों को सूतक शब्द से जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि सूतक के समय में कर्म-धर्म के कार्य वर्जित होते हैं.
सूतक को राजस्थान में सावड़ भी कहा जाता है तथा महाराष्ट्र में इसके लिए वृद्धि शब्द का प्रयोग किया जाता है. उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश तथा हरियाणा की बात करें, तो इसे सूतक के नाम से ही आमतौर पर जाना जाता है. सूतक को पातक भी कहा जाता है. गरूण पुराण में सूतक की जगह पातक शब्द का प्रयोग किया गया है.
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ऐसा माना जाता है कि सूतक की अवधि पूरी होने के बाद हवन कराया जाता है. जिसके बाद ही दोबारा से कर्म और पूजा के कार्य आरंभ किए जाते हैं. लेकिन अगर घऱ में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके तुरंत बाद नवरात्रि की पूजा करना उचित नहीं माना जाता है.
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