कालेधन के धंधेबाज हैं सुशील मोदी – तेजस्वी यादव

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बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सुशील मोदी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सुशील मोदी अपने भाई आरके मोदी की फर्जी कंपनियों के माध्यम से कालेधन को सफेद करने का धंधा चला रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि आरके मोदी ने 2005 में सुमो के बिहार का वित्त मंत्री बनने के बाद रियल स्टेट में कालेधन का निवेश किया और 1000 करोड़ की संपत्ति का मालिक बन गए। तेजस्वी ने इस मामले में सुमो के दो भतीजे का भी नाम लिया उन्होंने कहा मयंक और रोहित की फर्जी कंपनियों के माध्यम से काले को सफेद करने का धंधा करते हैं मोदी।

 

 

अपने भाई के हस्ताक्षर पर खरीदा फ्लैट

शुक्रवार को सुशील मोदी के खिलाफ खुलासा करते हुए बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 में सुशील मोदी ने अपने भाई की कंपनी साकेत स्टेट प्राइवेट लिमिटेड के जरिए यूपी के गाजियाबाद में एक फ्लैट खरीदा लेकिन उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि फ्लैट का भुगदान कैश में किया गया या चेक से। इस मौके पर फ्लैट का पता भी बताया गया जो इस प्रकार है- A 207, 7th फ्लोर, प्लॉट नंबर 14, वैशाली, साहिबाबाद, गाजियाबाद है। तेजस्वी ने कहा कि सुमो ने इस फ्लैट के दस्तावेज पर अपने भाई का दस्तखत करवाया और उन्हें पावर ऑफ अटॉर्नी दे दिया।

 

फ्लैट में लगाया सृजन घोटाले का पैसा

आगे आरोप लगाया कि इस फ्लैट को 21 मई 2015 में सुशील मोदी ने एक नितिन गुप्ता नाम के व्यक्ति को 85 लाख रुपए में बेचा और नितिन गुप्ता ने इसकी कीमत का भुगतान चेक से किया। तेजस्वी ने सवाल उठाया कि जिस वक्त सुशील मोदी ने यह फ्लैट अपने भाई के जरिए खरीदा उस वक्त विक्रय पत्र में इस बात का जिक्र नहीं था कि आखिर सुशील मोदी ने पैसे का भुगतान कैसे किया, कैश या फिर चेक से ? मगर जिस वक्त इस फ्लैट को बेचा गया उस वक्त विक्रय पत्र में इस बात का जिक्र था कि उन्हें चेक से भुगतान किया गया है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि 2004 और 2005 के बीच जब सुशील मोदी भागलपुर से सांसद थे तो उसी दौरान उन्होंने सृजन घोटाले के पैसे का इस्तेमाल बेनामी संपत्ति खरीदने में किया।

 

भतीजों के माध्यम से खरीदा फ्लैट

इसी प्रकार एक और खुलासा करते हुए तेजस्वी ने कहा कि 2010 में सुशील मोदी ने अपने भाई आरके मोदी की कंपनी आशियाना होम्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में 36 लाख 37 हजार रुपये में एक फ्लैट खरीदा और उस विक्रय पत्र में भी इस बात का जिक्र नहीं किया गया कि इस फ्लैट का भुगतान उन्होंने कैश में किया या फिर चेक से ? तेजस्वी ने कहा कि इस फ्लैट को भी सुशील मोदी ने खुद ना खरीदकर अपने भतीजे मयंक और रोहित को दिए गए पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए खरीदा।

 

पीएम को पत्र लिखेंगे तेजस्वी

इस मौके पर तेजस्वी ने साफ-साफ कहा कि हम इस घटाले को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे कि इस मामले का जांच करवाया जाए। साथ ही आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई को भी पत्र लिखकर इस घोटाले की जानकारी देंगे।

लगता है तेजस्वी इन 20 महीनों में सरकार में रहकर काफी कुछ सीख चुके हैं और हो ना हो यही कारण रहा हो कि तेजस्वी की चालाकी को देखते हुए नीतश कुमार ने बेहतर समझा हो कि हमारा पुराना साथी ही अच्छा था, जहां कोई रुकावट और रोक-टोक नहीं था और भेद खुलने का भी कोई डर नहीं था। लेकिन सवाल ये ही है कि जब तक तेजस्वी सरकार में थे तब तक इस प्रकार के घोटाले सामने क्यों नहीं आ रहे थे? अब सरकार से अलग होते ही ये सब होना शुरू हो गया।