जीएसटी से पांच लाख कर पेशेवरों को मिलेगा रोजगार ।

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जीएसटी से पांच लाख कर पेशेवरों को मिलेगा रोजगार ।'

वस्तु एवं सेवा कर लागू होने से देशभर में व्यापारी वर्ग से पांच लाख युवा कर पेशेवरों को रोजगार मिलेगा । व्यापर संघो के मुताबिक़, मजबूरी में सभी व्यापारियों को ऐसा करना होगा क्योंकि चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी की सेवा लेना सबके बस की बात नहीं है । ऐसे में जीएसटी, खाताबही और कम्प्यूटर की अच्छी समझ रखने वाले युवाओं को मौका मिलेगा । बीस लाख से ज्यादा टर्न ओवर वाले व्यापारियों को हर माह जीएसटी की प्रक्रिया निभानी होगी ।
अभी तक जीएसटी नेटवर्क में करीब 70 लाख व्यापारी पंजीकरण करा चुके है । कंफंडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स संघ के परवीन खंडेलवाल के मुताबिक़ जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों की सबसे बड़ी जरूरत अच्छे कर पेशेवर है ।

बीस से पचास लाख तक का व्यापर करने वाले दो या तीन व्यपारी साझा कर एक या दो पेशेवरों को रखेंगे । इससे ऊपर व्यापर करने वालो के लिए एक ऐसे पेशेवर को रखना होगा जो हर माह खरीद-बिक्री और फिर रिटर्न की जिम्मेदारी भी संभाल सके । खंडेलवाल ने कहा कि व्यापारी ऐसे पेशेवरों को प्राथमिकता देंगे जो जीएसटी ही नहीं, खाताबही और कम्प्यूटर के बारे में भी अच्छी समझ रखता हो । सितंबर तक करीब पांच लाख ऐसे पेशेवरों की जरूरत व्यापारियों को पड़ेगी क्योंकि पहला रिटर्न तभी भरा जाना है । हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि बड़ी तादाद में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड और उत्तराखंड समेत कई राज्यों में व्यापारियों ने जीएसटी लागू होने से पहले ही पेशेवरों को रखा है ।

जीएसटी से कर पेशेवरों को रोजगार मिलने के मुद्दे पर भारतीय उद्योग व्यापर मंडल के उपाध्यक्ष बालकिशन अग्रवाल ने कहा कि यह तो मजबूरी है । बेवजह गलतियों के झमेले में कौन व्यापारी पड़ना चाहेगा। ऐसे में लाखो व्यापारियों को कर पेशेवरों को रखना ही पड़ेगा क्योंकि चार्टर्ड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रटरी कि तुलना में वह उचित वेतन या मेहनताना लेगा ।