“इंडियाज़ मोस्ट वांटेड” के पत्रकार सोहैब इलयासी को पत्नी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद

638

टीवी शो ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ के होस्ट सुहैब इलियासी को पत्नी की हत्या के 17 साल पुराने मामले में दिल्‍ली की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने इस मामले में इलियासी को 17 दिसंबर को दोषी करार दिया था.

ये है पूरा मामला

11 जनवरी, 2000 को अंजू इलियासी की संदिग्ध परिस्थितयों में मौत हो गई थी. उनके शरीर पर चाकू से वार किए जाने के जख्म थे. शुरुआत में अंजू की मौत को खुदकुशी समझा गया. लेकिन कुछ महीने बाद अंजू की मां और बहन ने एसडीएम के समक्ष बयान दिया कि सुहैब ने अंजू को खुदकुशी के लिए मजबूर किया. इलियासी को शुरू में अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने (जो उसकी मौत का कारण बना) के आरोप में गिरफ्तार किया गया. हालांकि सुहैब ने इसका पुरज़ोर तरीके से खंडन किया था. उनके ऊपर मौत के आरोप उस वक्त लगे जब साल 2000 में इंडियाज मोस्ट वांटेड शो को को लेकर इलियासी का करियर पूरे शबाब पर था.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये साफ़ नहीं हो पाया कि अंजू ने खुदकुशी की थी या उनकी हत्या हुई थी. चाकू पर उँगलियों के निशान भी ठीक तरह से मैच नही हो पाए थे. मामले में नया मोड़ तब आ गया जब अंजू की मां ने सुहैब पर हत्या का केस चलाये जाने की मांग की. हालांकि ट्रायल कोर्ट ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया था, लेकिन 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि सुहैब पर मर्डर का केस चलाया जाए. 3 साल तक चली कार्यवाही के बाद 17 देसमेबेर को कोर्ट ने सोहैब को दोषी करार दिया और आज उन्हें उम्रक़ैद की सज़ा मुक़र्रर की.

कौन हैं सोहैब इलियासी

90 के दशक में अपने शो के जरिये अपराधियों की नींद उड़ाने वाले और टीवी शो ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ के होस्ट के रूप में प्रसिद्धि पाने वाले सुहैब इलियासी एक ऐसे पत्रकार के रूप में जाने जाते रहे हैं, जिन्होंने क्राइम पत्रकारिता को एक नये मुकाम पर पहुंचा दिया और खोजी पत्रकारिता का एक नया मानक स्थापित किया. एक समय था, जब इनके शो को देखकर अपराधी खौफ खाया करते थे.

ये थी शो की लोकप्रियता की वजह

दरअस, इंडियाज मोस्ट वांटेड फेम सुहैब इलियासी उस वक्त इतने मशहूर इसलिए भी हो गये थे क्योंकि यह टीवी शो भगोड़े अपराधियों पर आधारित था और यह देश का इस तरह का पहला टीवी शो था. इनके शो से पुलिस को केस समझने में भी काफी आसानी होती थी. कई बार पुलिस इनके शोज़ देखकर अपराधियों को पकड़ती थी. सुहैब का शो देखने के बाद लगभग 30 अपराधियों को पकड़ा गया.

Suhaib Ilyasi -

 

ऐसी रही निजी ज़िंदगी

सुहैब इलियासी का जन्म 15 नवंबर 1966 को हुआ था. उनके पिता जमील इलियासी ऑल इंडिया इमाम संगठन के प्रमुख और केंद्रीय दिल्ली के कस्तुरबा गांधी मस्जिद के इमाम थे और वो यहीं पर रहा करते थे. सुहैब इलियासी की पढ़ाई जामिया मिल्लिया विश्वविद्याल से हुई है. यहां से उन्होंने 1989 में पत्राकारिता की पढ़ाई पूरी की. पढ़ाई के दौरान ही सुहैब अंजू से मिले थे. अंजू भूमिहार परिवार से ताल्लुक रखती थीं. जामिया में मास कम्यूनिकेशन रिसर्च सेंटर से पढ़ाई पूरी करने के बाद सुहैब लंदन चले गए जहां उन्होंने 1991 में टीवी एशिया में काम किया. जल्द ही वो इस चैनल के प्रोग्राम प्रोड्यूसर बन गए. इसी बीच 1993 में सुहैब और अंजू ने स्पेशल कोर्ट मैरिज एक्ट के तहत लन्दन में शादी रचा ली. 1995 में पत्नी अंजू के साथ मिलकर सुहैब ने क्राइम शो बनाया, मगर इंडिया में सभी चैनलों ने उसे दिखाने से इनकार कर दिया. नब्बे के दशक में कोई भी टीवी चैनल इस तरह के शो को दिखाने के लिए तैयार नहीं था. मगर बाद में काफी मान-मनौव्वल के बाद ज़ी टीवी उनके शो को प्रसारित करने के लिए तैयार हो गया. इस शो की खासियत ये थी जिस अपराधी पर इसे फीचर्ड किया जाता था, उसके बारे में काफी पुख्ता और गहन जानकारी इकट्ठा की जाती थी. इनकी खोजी पत्रकारिता का असर ऐसा होता था कि कभी-कभी पुलिस इनके सबूतों के आधार पर भी कार्रवाईयों को अंजाम देती थी. मगर बाद में इलियासी को अपराधियों से धमकियां भी मिलने लगीं और उन्होंने सिक्योरिटी की भी मांग की थी.

सिर्फ पत्रकार नहीं हैं सुहैब

सुहैब ने 1999 में फिल्म फिर भी दिल है हिंदुस्तानी में स्वयं का रोल भी किया है. उन्होंने 2004 में ‘कामयाब रास्ता’ फिल्म का निर्माण, निर्देशन और अभिनय भी किया. इतना ही नहीं, उनके फिल्मों की लिस्ट में ‘498 ए द वेडिंग गिफ्ट’ भी शामिल है. इसके बाद 2009 में वो उन्होंने ब्यूरोक्रेसी टूडे नामक एक पत्रिका शुरू कर दी और उसके संपादक बन गये. इलियासी ने दूरदर्शन के लिए भी काम किया है.

2000 में पहली पत्नी अंजू की मौत के बाद उन्होंने 2006 में साहेबजादी सौम्या खान से दूसरी शादी कर ली. उनकी पहली पत्नी अंजू से एक बेटी भी है जिसका नाम आलिया है.