बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव की नाराजगी बरकरार है। उन्होंने ट्वीट कर रविवार को अपनी चुप्पी तोड़ी है । शरद यादव ने बिहार में नई सरकार के गठन पर तो कुछ कहा नहीं, पर केंद्र की नीतियों पर निशाना साधा।
राज्यसभा सांसद शरद यादव ने कहा कि विदेशों में जमा कालाधन भारत नहीं लाया गया है। यह चुनाव के वक़्त सत्ताधारी पार्टी का मुख्य स्लोगन था इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगो के पनामा पेपर्स में नाम है, उन्हें भी नहीं पकड़ा गया है। शुक्रवार को भी शरद यादव ने कई सेवाओं के नाम पर जनता से काफी सेस अर्जित करती है। पर फिर भी देश में किसी भी क्षेत्र में सुधार नहीं दिख रहा है। इससे पहले शरद यादव ने फसल बीमा योजना को असफल करार देते हुए कहा था कि इससे केवल प्राइवेट बीमा कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया है।
Although Govt collects number of cesses in d name of different services from public, yet don’t see any improvement in any area in d country.
— SHARAD YADAV (@SharadYadavMP) July 29, 2017
डी राजा बोले, दुखी है यादव
भाजपा नेता डी राजा ने रविवार को शरद यादव से मुलाकात के बाद दावा किया कि नितीश के महागठबंधन तोड़ने और भाजपा के साथ सरकार बनाने से शरद सहमत नहीं है। वह इससे निराश और परेशान है। राजा ने कहा, लगता है कि शरद यादव को इस फैसले से दूर रखा गया।
लालू का दावा
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रविवार को दवा किया जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव भाजपा के साथ नहीं जा सकते। लालू प्रसाद यादव ने शरद से अपील की कि साम्प्रदायिक ताकतों को परास्त करने के लिए वह पूरे देश का भ्रमण करें तथा इसमें अपनी पूरी शक्ति लगा दे ।