आगे बढ़ने के लिए कौन से दो गुण हैं जरूरी?

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Secret of Success
आगे बढ़ने के लिए कौन से दो गुण हैं जरूरी?

आजकल कौन आगे नहीं बढ़ना चाहता, सब में  गे बढ़ने की होड़ सी लगी हो जैसे लेकिन क्या आप जानते है आगे बढ़ने वालों में दो गुण अवश्य होते हैं- निर्भयता और मौलिकता। निर्भयता और मौलिकता दो ऐसे गुण है जो आपको पूर्ण रूप से आगे बढ़ने में सहायक है। दोनों ही गुण अपने नाम की ही तरह अलग-अलग स्थितियों के अनुसार अलग-अलग भाव रखते है।

निर्भयता आपको अवरोधों और विषम परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति देती है और मौलिकता नव निर्माण के लिए प्रेरित करती हैं। निर्भयता के साथ आत्मविश्वास जुड़ा होता हैं, क्योंकि यही आत्मविश्वास अँधेरे में उजाले की लौ जलाए रखता है, वह समाज की उन्नति के लिए भी प्रयत्न करता हैं। मौलिकता वह आवश्यक शक्ति है, जो आपके अंदर ही छिपी है। आप बाहरी सहायता से सफल होंगे- यह भ्रम जितनी जल्दी दूर हो जाए,  उतना ही अच्छा है। दोनों ही गुण एक दूसरे से जुड़े है और दोनों गुण मिल कर ही मानव जीवन को सफल और संतुष्ट बनाते है।

बाहरी सफलता में कोरी प्रशंसा छिपी रहती है, जो मनुष्य को आत्मकेंद्रित बना देती है और एक बार ‘मैं’, ‘मुझे’ और ‘मेरा’ की लत लग जाए, तो फिर मनुष्य पतनगामी हो जाता है। जब अन्य गुण साथ छोड़ जाते है, तब निरंतर अपने काम पर अड़े रहना ही आप को आगे बढ़ाता है और व्यक्ति को विजयी बनता है। मौलिकता निरंतर अभ्यास से बानी रहती है। यही एक गुण है जो मानव को कर्मवादी बनाती है।