Schools Fees : पीलीभीत में स्कूलों की मनमानी फीस से अभिभावक परेशान | Pilibhit schools arbitrarily increased fees Parents upset | Patrika News h3>
Schools Fees स्कूलों की फीस से अभिभावक परेशान हैं। पीलीभीत में अभिभावकों का आरोप है कि, निजी स्कूल फीस और कोर्स की किताबों को लेकर मनमानी कर रहे हैं। सरकार के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए एनसीआरटी की किताबें की जगह निजी प्रकाशन की किताबों कोर्स में शामिल कर रहे हैं।
लखनऊ
Published: April 19, 2022 06:13:14 pm
महंगाई ने आम जनता को बुरी तरह से तोड़ दिया है। उस पर स्कूलों की फीस से अभिभावक परेशान हैं। पीलीभीत में अभिभावकों का आरोप है कि, निजी स्कूल फीस और कोर्स की किताबों को लेकर मनमानी कर रहे हैं। सरकार के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए एनसीआरटी की किताबें की जगह निजी प्रकाशन की किताबों कोर्स में शामिल कर रहे हैं। फीस की मनमानी बढोत्तरी से अभिभावक परेशान हैं।
Schools Fees : पीलीभीत में स्कूलों की मनमानी फीस से अभिभावक परेशान
निजी स्कूल वसूल रहे हैं मनमानी फीस सरकार के कड़े निर्देशों के बावजूद भी निजी स्कूलों फीस वसूली में मनमानी कर रहे हैं। साथ ही निजी प्रकाशन की पुस्तकें पाठ्यक्रम में संचालित करने की वजह से अभिभावकों की जेब खाली हो जा रही है। वैसे तो सरकार के निर्देश हैं कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में एनसीआरटी की किताबों से पढ़ाई हो पर निजी स्कूल ऐसा नहीं करते हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहाकि, शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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स्कूल की मनमानी से अभिभावक दुखी अजय राठौर का बताते हैं कि, एक बेटी निजी स्कूल में पढ़ती है। इस स्कूल में फीस मनमानी तरीके से बढ़ा दिया गया है। निजी प्रकाशन की कोर्स की किताबों की कीमत भी लगभग 8500 रुपए है। वहीं दूसरी बेटी केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 7 में पढती है। उसकी कोर्स की पुस्तके सिर्फ एक हजार रूपए में मिल गई। स्कूलों की मनमानी फीस और कोर्स के रवैये को लेकर अधिकारियों से लेकर शासन स्तर तक शिकायत की गई पर कोई कार्रवाई होती नजर नही आती है।
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सरकारी स्कूलों को और बेहतर बनाए सरकार अभिभावक सुमित जैसवार का आरोप है कि, सरकार के नियमों के विरूद्ध मनमानी फीस वसूली की जा रही है। साथ ही निजी प्रकाशन की किताबों के नाम पर मोटे कमीशन के लालच में लूट मचा रखी है। सरकार को हमारी गुहार सुनना चाहिए। ताकि नियमों के अनुसार, गरीब मध्यम वर्गीय बच्चों को स्कूलों में बेहतर शिक्षा मिल सके। सरकारी स्कूलों में अगर बेहतर सुविधा हो जाए तो बच्चे कहीं न जाएंगे।
मनमानी फीस वसूली पर होगी कार्रवाई जिला विद्यालय निरीक्षक ओम प्रकाश वर्मा का बताते हैं कि, नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। प्रवेश प्रक्रिया भी जारी है। सरकार का कोई ऐसा निर्देश और नियम नहीं है कि निजी स्कूल में मनमानी पुस्तकें संचालित की जाए। या फिर किसी निर्धारित दुकान से क्रय की जाए। अगर इस तरह का कोई निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली से जुड़ा कोई मामला संज्ञान में आता है तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।
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Schools Fees स्कूलों की फीस से अभिभावक परेशान हैं। पीलीभीत में अभिभावकों का आरोप है कि, निजी स्कूल फीस और कोर्स की किताबों को लेकर मनमानी कर रहे हैं। सरकार के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए एनसीआरटी की किताबें की जगह निजी प्रकाशन की किताबों कोर्स में शामिल कर रहे हैं।
लखनऊ
Published: April 19, 2022 06:13:14 pm
महंगाई ने आम जनता को बुरी तरह से तोड़ दिया है। उस पर स्कूलों की फीस से अभिभावक परेशान हैं। पीलीभीत में अभिभावकों का आरोप है कि, निजी स्कूल फीस और कोर्स की किताबों को लेकर मनमानी कर रहे हैं। सरकार के नियमों को ठेंगा दिखाते हुए एनसीआरटी की किताबें की जगह निजी प्रकाशन की किताबों कोर्स में शामिल कर रहे हैं। फीस की मनमानी बढोत्तरी से अभिभावक परेशान हैं।
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निजी स्कूल वसूल रहे हैं मनमानी फीस सरकार के कड़े निर्देशों के बावजूद भी निजी स्कूलों फीस वसूली में मनमानी कर रहे हैं। साथ ही निजी प्रकाशन की पुस्तकें पाठ्यक्रम में संचालित करने की वजह से अभिभावकों की जेब खाली हो जा रही है। वैसे तो सरकार के निर्देश हैं कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में एनसीआरटी की किताबों से पढ़ाई हो पर निजी स्कूल ऐसा नहीं करते हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक ने कहाकि, शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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स्कूल की मनमानी से अभिभावक दुखी अजय राठौर का बताते हैं कि, एक बेटी निजी स्कूल में पढ़ती है। इस स्कूल में फीस मनमानी तरीके से बढ़ा दिया गया है। निजी प्रकाशन की कोर्स की किताबों की कीमत भी लगभग 8500 रुपए है। वहीं दूसरी बेटी केंद्रीय विद्यालय में कक्षा 7 में पढती है। उसकी कोर्स की पुस्तके सिर्फ एक हजार रूपए में मिल गई। स्कूलों की मनमानी फीस और कोर्स के रवैये को लेकर अधिकारियों से लेकर शासन स्तर तक शिकायत की गई पर कोई कार्रवाई होती नजर नही आती है।
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सरकारी स्कूलों को और बेहतर बनाए सरकार अभिभावक सुमित जैसवार का आरोप है कि, सरकार के नियमों के विरूद्ध मनमानी फीस वसूली की जा रही है। साथ ही निजी प्रकाशन की किताबों के नाम पर मोटे कमीशन के लालच में लूट मचा रखी है। सरकार को हमारी गुहार सुनना चाहिए। ताकि नियमों के अनुसार, गरीब मध्यम वर्गीय बच्चों को स्कूलों में बेहतर शिक्षा मिल सके। सरकारी स्कूलों में अगर बेहतर सुविधा हो जाए तो बच्चे कहीं न जाएंगे।
मनमानी फीस वसूली पर होगी कार्रवाई जिला विद्यालय निरीक्षक ओम प्रकाश वर्मा का बताते हैं कि, नए सत्र की पढ़ाई शुरू हो चुकी है। प्रवेश प्रक्रिया भी जारी है। सरकार का कोई ऐसा निर्देश और नियम नहीं है कि निजी स्कूल में मनमानी पुस्तकें संचालित की जाए। या फिर किसी निर्धारित दुकान से क्रय की जाए। अगर इस तरह का कोई निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली से जुड़ा कोई मामला संज्ञान में आता है तो निश्चित ही कार्रवाई की जाएगी।
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