School Admission in MP- तीन साल पहले यदि आपके बच्चे पहली में थे तो इस बार भी पहली में ही पढऩा होगा | Know when will the admission 2022-23 process be in MP schools | Patrika News h3>
इस बार कोरोनाकाल में प्रदेश में बंद हुए 1200 निजी स्कूलों में आरटीई से पढ़ रहे 11 हजार बच्चों को भी मौका मिलेगा। लेकिन वे अधिकतम पहली कक्षा में ही प्रवेश ले पाएंगे। यानी, बंद हुए स्कूलों में सत्र 2019-20 में केजी-1 या केजी-2 में पढऩे वाले छात्रों को इस साल क्रमश: दूसरी व तीसरी कक्षा में जाना था, लेकिन वे आरटीई के तहत पहली कक्षा में ही प्रवेश ले सकेंगे।
दस्तावेजों के सत्यापन के बाद जुलाई के पहले सप्ताह में कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से लॉटरी निकाली जाएगी। बताते हैं, उक्त स्कूलों में दो लाख से अधिक सीटें हैं। इनमें डेढ़ लाख सीटें ही अभिभावकों के पसंद की हैं। बाकी 60 हजार सीटें ऐसे स्कूलों की हैं, जो प्राथमिकता में नहीं रहतीं।
इस तरह होगी प्रक्रिया
: 15 जून से शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया।
: मूल दस्तावेजों के आधार पर जन शिक्षा केंद्रों पर आवेदनों का सत्यापन होगा।
: 15 दिन ऑनलाइन आवेदन के लिए मिलेंगे।
: कोई भी छात्र किसी भी जन शिक्षा केंद्र पर प्रक्रिया कर सकता है।
यदि आपका लाड़ला 2019-20 में पहली कक्षा में था…
बंद हुए निजी स्कूलों में सत्र 2019-20 में पहली कक्षा में आरटीई से प्रवेश पाने वाले छात्र नए सत्र 2022-23 में चौथी में जाएंगे। लेकिन विभाग ऐसे बच्चों को बड़ी कक्षा में प्रवेश नहीं दे सकेगा।
यदि आपका लाड़ला 2020-21 में केजी-2 में था…
बंद हुए निजी स्कूलों में सत्र 2020-21 में कोई छात्र केजी-2 में पढ़ रहा था तो उसे सत्र 2022-23 में तीसरी कक्षा में पढऩा है। लेकिन ऐसे बच्चों को भी आगे की कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा।
देरी का यह है कारण
प्रवेश में देरी के लिए राज्य शिक्षा केंद्र एनआईसी को जिम्मेदार ठहरा रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र का कहना है कि आरटीई प्रवेश ऐप और पोर्टल के अपडेशन संबंधी काम समय पर पूरे नहीं किए। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने विभिन्न तरह के तकनीकी कार्य मैपआईटी को हैंडओवर किए हैं, इसे अब सिस्टम समझने में समय लग रहा है।
बंद हुए 1200 स्कूलों के छात्रों के लिए विशेष प्रावधान, फिर भी बड़ी राहत नहीं
को रोनाकाल के दो साल सत्र 2019-20 और 2020-21 के दरमियान प्रदेश में 1200 निजी स्कूल बंद हो गए। इनमें आरटीई के तहत नर्सरी, केजी-1, केजी-2 व पहली कक्षा में 11 हजार से अधिक बच्चे दर्ज थे। शासन बंद स्कूलों के बच्चों को अनमैप्ड करवा रहा है, ताकि वे सत्र 2022-23 की प्रक्रिया में शामिल हो सकें। इस विशेष प्रावधान के बाद भी ऐसे बच्चों को खास राहत नहीं मिलेगी। उन्हें पहली कक्षा से आगे की कक्षा में दाखिला नहीं मिलेगा।
ऑनलाइन आवेदन
ऑनलाइन आवेदन लोक सेवा केंद्र, एमपी ऑनलाइन, कियोस्क सेंटर से किए जा सकते हैं। ऐप या मोबाइल से भी प्रक्रिया होगी। अपने वार्ड या पास के निजी स्कूल चुनें। पड़ोस से दूर वाले स्कूलों का चयन भी किया जा सकता है। प्राथमिकता में 10 स्कूलों के विकल्प दे सकते हैं।
आरटीई की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। कोरोनाकाल में बंद हो चुके स्कूलों में आरटीई के तहत पढऩे वाले बच्चे भी इसमें भाग ले सकते हैं। नियमानुसार, दाखिले की अधिकतम कक्षा पहली है। सत्र 2019 से 21 तक के छात्र भी यदि चाहें तो कक्षा-1 के लिए आवेदन कर सकते हैं।
– डॉ. रमाशंकर तिवारी, नियंत्रक, आरटीई, राज्य शिक्षा केंद्र
इस बार कोरोनाकाल में प्रदेश में बंद हुए 1200 निजी स्कूलों में आरटीई से पढ़ रहे 11 हजार बच्चों को भी मौका मिलेगा। लेकिन वे अधिकतम पहली कक्षा में ही प्रवेश ले पाएंगे। यानी, बंद हुए स्कूलों में सत्र 2019-20 में केजी-1 या केजी-2 में पढऩे वाले छात्रों को इस साल क्रमश: दूसरी व तीसरी कक्षा में जाना था, लेकिन वे आरटीई के तहत पहली कक्षा में ही प्रवेश ले सकेंगे।
दस्तावेजों के सत्यापन के बाद जुलाई के पहले सप्ताह में कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से लॉटरी निकाली जाएगी। बताते हैं, उक्त स्कूलों में दो लाख से अधिक सीटें हैं। इनमें डेढ़ लाख सीटें ही अभिभावकों के पसंद की हैं। बाकी 60 हजार सीटें ऐसे स्कूलों की हैं, जो प्राथमिकता में नहीं रहतीं।
इस तरह होगी प्रक्रिया
: 15 जून से शुरू होगी प्रवेश प्रक्रिया।
: मूल दस्तावेजों के आधार पर जन शिक्षा केंद्रों पर आवेदनों का सत्यापन होगा।
: 15 दिन ऑनलाइन आवेदन के लिए मिलेंगे।
: कोई भी छात्र किसी भी जन शिक्षा केंद्र पर प्रक्रिया कर सकता है।
यदि आपका लाड़ला 2019-20 में पहली कक्षा में था…
बंद हुए निजी स्कूलों में सत्र 2019-20 में पहली कक्षा में आरटीई से प्रवेश पाने वाले छात्र नए सत्र 2022-23 में चौथी में जाएंगे। लेकिन विभाग ऐसे बच्चों को बड़ी कक्षा में प्रवेश नहीं दे सकेगा।
यदि आपका लाड़ला 2020-21 में केजी-2 में था…
बंद हुए निजी स्कूलों में सत्र 2020-21 में कोई छात्र केजी-2 में पढ़ रहा था तो उसे सत्र 2022-23 में तीसरी कक्षा में पढऩा है। लेकिन ऐसे बच्चों को भी आगे की कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा।
देरी का यह है कारण
प्रवेश में देरी के लिए राज्य शिक्षा केंद्र एनआईसी को जिम्मेदार ठहरा रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र का कहना है कि आरटीई प्रवेश ऐप और पोर्टल के अपडेशन संबंधी काम समय पर पूरे नहीं किए। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने विभिन्न तरह के तकनीकी कार्य मैपआईटी को हैंडओवर किए हैं, इसे अब सिस्टम समझने में समय लग रहा है।
बंद हुए 1200 स्कूलों के छात्रों के लिए विशेष प्रावधान, फिर भी बड़ी राहत नहीं
को रोनाकाल के दो साल सत्र 2019-20 और 2020-21 के दरमियान प्रदेश में 1200 निजी स्कूल बंद हो गए। इनमें आरटीई के तहत नर्सरी, केजी-1, केजी-2 व पहली कक्षा में 11 हजार से अधिक बच्चे दर्ज थे। शासन बंद स्कूलों के बच्चों को अनमैप्ड करवा रहा है, ताकि वे सत्र 2022-23 की प्रक्रिया में शामिल हो सकें। इस विशेष प्रावधान के बाद भी ऐसे बच्चों को खास राहत नहीं मिलेगी। उन्हें पहली कक्षा से आगे की कक्षा में दाखिला नहीं मिलेगा।
ऑनलाइन आवेदन
ऑनलाइन आवेदन लोक सेवा केंद्र, एमपी ऑनलाइन, कियोस्क सेंटर से किए जा सकते हैं। ऐप या मोबाइल से भी प्रक्रिया होगी। अपने वार्ड या पास के निजी स्कूल चुनें। पड़ोस से दूर वाले स्कूलों का चयन भी किया जा सकता है। प्राथमिकता में 10 स्कूलों के विकल्प दे सकते हैं।
आरटीई की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। कोरोनाकाल में बंद हो चुके स्कूलों में आरटीई के तहत पढऩे वाले बच्चे भी इसमें भाग ले सकते हैं। नियमानुसार, दाखिले की अधिकतम कक्षा पहली है। सत्र 2019 से 21 तक के छात्र भी यदि चाहें तो कक्षा-1 के लिए आवेदन कर सकते हैं।
– डॉ. रमाशंकर तिवारी, नियंत्रक, आरटीई, राज्य शिक्षा केंद्र