मंगलवार को गुजरात दंगो के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. दंगो के दौरान दुष्कर्म का शिकार हुई बिलकिस याकूब रसूल को 50 लाख रूपये का मुआवजा और पुनर्वास कराने के आदेश दिए हैं. 21 साल की उम्र में गुजरात दंगो के दौरान सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई बिलकिस बानो को लम्बे समय से न्याय की उम्मीद थी.
प्रधान न्यायधीस वाली पीठ ने बिलकिस बानो की हालत जानकर चिंता ज़ाहिर की. मालूम हो कि इतने सालों से पीड़िता खानाबदोश का जीवन जी रही थी और अपना जीवन निर्वाह चैरिटी पर कर रही थीं. अदालत ने उनके लिए एक राज्य सरकार की नौकरी और उनके पसंदीदा स्थान पर घर उपलब्ध कराने का आदेश ज़ारी किया है.
मालूम हो कि इसके पहले राज्य सरकार की ओर से उन्हें 5 लाख का मुआवजा देने का एलान किया गया था लेकिन बिलकिस बानो ने उस मुआवजे को लेने से इनकार कर दिया था. इसके अलावा गुजरात सरकार के वकील की तरफ से 50 लाख का मुआवजा बहुत अधिक बताते हुए इसे 10 लाख प्रस्तावित किया गया था लेकिन इसको भी सुप्रीम कोर्ट ने नकार दिया.
मालूम हो इस मामले में चूक करने वाले अफसरों के लिए भी सजा का एलान करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने 4 अफसरों की पेंशन रोक दी है तथा एक अफसर को अपनी रैंक से 2 पड़ नीचे की रैंक पर पदानावत कर दिया है.