Satna में पहली बार 15 अगस्त की शाम फहराया गया था तिरंगा, पंखुड़ी जान ने गाया था वंदेमातरम | The Tiranga was hoisted on the evening of 15 August First time in Satn | Patrika News

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Satna में पहली बार 15 अगस्त की शाम फहराया गया था तिरंगा, पंखुड़ी जान ने गाया था वंदेमातरम | The Tiranga was hoisted on the evening of 15 August First time in Satn | Patrika News


Satna में पहली बार 15 अगस्त की शाम फहराया गया था तिरंगा, पंखुड़ी जान ने गाया था वंदेमातरम | The Tiranga was hoisted on the evening of 15 August First time in Satn | Patrika News

यहां से निकला था जुलूस
सतना के वरिष्ठ साहित्यकार चिंतामणि मिश्रा बताते हैं कि शहर में स्वतंत्रता का पहला समारोह शाम को आयोजित किया गया था। 15 अगस्त 1947 को सतना में आजाद मैदान में आजादी का पहला तिरंगा लहराया था। तिरंगा फहराने का सौभाग्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व बाद में विंध्यप्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष रहे शिवानंद को मिला था। सात मीटर के वजनी झंडे को पकड़कर रामदास हलवाई, बुग्गी महाराज, स्वामी प्रसाद दीक्षित थाम कर चल रहे थे। आजादी का जुलूस सतना शहर के चौक बाजार, लालता चौक, शास्त्री चौक से होकर निकला था।

IMAGE CREDIT: Patrika
बाजार में लगाए गए थे दो दर्जन लाउड स्पीकर
14 अगस्त 1947 के दिन ही स्वतंत्रता की घोषणा हो गई थी। स्वतंत्रता के भाषणों का रात 12 बजे रेडियो में प्रसारण सतना में भी हुआ था। लाउड स्पीकर की व्यवस्था सरदार ग्रामाफोन हाउस ने कराई थी। उनके दर्जनों लाउड स्पीकर सतना बाजार में लगाए गए थे। लोग पूरी रात जागकर जवाहर लाल नेहरू के भाषण सुन रहे थे।
Ajad Park Satna
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पंखुड़ी जान ने पहली बार गाया था वंदेमातरम
चिंतामणि मिश्रा की मानें तो 15 अगस्त 1947 को समारोह में राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम गायन के लिए कोई आगे नहीं आया तो गुलाबी पंखुडी जान ने राष्ट्रीय गीत गाया था। उसकी देशभक्ति के आगे सभी लोग बेहद उत्साहित हुए थे और आजाद मैदान तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा था। लोगों ने पंखुड़ी जान के स्वर में स्वर मिलाकर गीत गाया था।





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