satna: जनपद चुनावों में जमकर चली गईं चालें और खूब हुई दुरभि संधियां | satna: 8 out of 7 janpad presidents of BJP | Patrika News

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satna: जनपद चुनावों में जमकर चली गईं चालें और खूब  हुई दुरभि संधियां | satna: 8 out of 7 janpad presidents of BJP | Patrika News


satna: जनपद चुनावों में जमकर चली गईं चालें और खूब हुई दुरभि संधियां | satna: 8 out of 7 janpad presidents of BJP | Patrika News

अमरपाटन में विधायक विक्की की गुगली से भाजपा जीती, मंत्री खेमा चित्त
जनपद पंचायत अमरपाटन में अध्यक्ष पद के लिये गजब की चालें चली गई। इस खेल में शुरुआती दौर में दो खिलाड़ी थे। अध्यक्ष पद के लिये एक पैनल राज्य मंत्री रामखेलावन का था जिससे मनोज पटेल दावेदार थे तो दूसरा पैनल पूर्व विस उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह का था, जिसके दावेदार उनके खास माने जाने वाले विष्णु प्रताप सिंह थे। लेकिन अचानक से इस खेल में रामपुर विधायक की बैकडोर से साइलेंट इंट्री हुई और भाजपा को शानदार जीत मिल गई लेकिन राज्य मंत्री के मोहरे खेत रहे। वहीं पूर्व विस उपाध्यक्ष का खेमा सभी प्यादे लेकर भी मात खा गया। यहां 11 मत पाकर माया विनीत पाण्डेय अध्यक्ष निर्वाचित हुईं। वहीं अध्यक्ष पद हारने के बाद उपाध्यक्ष पद का पर्चा दाखिल करके मनोज पटेल ने जीत हासिल कर अपनी स्थिति संभाली।

अमरपाटन जनपद अध्यक्ष का पद अनारक्षित था। लेकिन राज्य मंत्री ने यहां सजातीय मनोज पटेल पर अपना दांव लगाया। इसके लिये उनके खेमे ने तैयारी भी कर ली थी। दूसरी ओर विस उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह खेमे ने विष्णुप्रताप सिंह मुन्ना पर अध्यक्ष पद के लिये भरोसा किया। कल रात तक चली गई चालों का नतीजा यह रहा कि गुरुवार की सुबह राजेन्द्र सिंह के निज निवास शांति निकेतन में ज्यादातर सदस्य अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके थे। मतदान प्रक्रिया के ठीक पहले विष्णुप्रताप सिंह 14 सदस्यों को लेकर जनपद कार्यालय पहुंचे। उधर मनोज पटेल के साथ 8 लोग पहुंचे। संख्याबल देख कर लग रहा था कि कांग्रेस अपना अध्यक्ष आसानी से बना लेगी। लेकिन जब नतीजे सामने आए तो वे अप्रत्याशित थे। एक अप्रत्याशित चेहरे माया विनीत पाण्डेय को 11 वोट, मनोज पटेल और विष्णुप्रताप सिंह को 7-7 मत मिले। इसमें यह तथ्य भी सामने आया कि माया विनीत पाण्डेय रामपुर बाघेलान विधायक विक्रम सिंह के खेमे से हैं।

इस तरह विक्रम ने की सेंधमारी जानकारो के अनुसार सुबह लगभग 14 सदस्य पूर्व विस उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह के यहां थे। यहीं से सभी सदस्य एक साथ विष्णु प्रताप सिंह के साथ मतदान स्थल पर पहुंचे थे। लेकिन इसी बीच यहां पर जातीय समीकरणों का खेल शुरू हो चुका था। 8 ब्राह्मण सदस्य थे और दो क्षत्रिय, दो पटेल, दो लोनी और दो दाहिया सदस्य थे। जिसमें से 4 बाह्मणों का सपोर्ट राजेन्द्र सिंह खेमे को दिख रहा था। पर्चा भरने के ठीक पहले इसी समीकरण को आधार बनाते हुए एक नया फ्रंट खोल दिया जाता है। इस फ्रंट के सूत्रधार राज्य मंत्री के धुर विरोधी रुपेन्द्र पटेल बताये जा रहे हैं। उन्होंने अपने संपर्क के गैर पटेल पिछड़ा वर्ग सदस्यों का एक धड़ा बनाते हुए रामपुर क्षेत्र के सदस्यों के लिये विधायक विक्रम सिंह से मदद मांगी। विक्रम सिंह ने देखा कि इस समीकरण से भाजपा का अध्यक्ष बनना आसान हो जाएगा। लिहाजा उन्होंने इसमें मदद कर दी। नतीजा यह रहा कि बाजी कांग्रेस के हाथ से निकल कर नये बने धड़े के हाथ में थी। इसके साथ ही आनन फानन में विक्रम सिंह समर्थित माया विनीत पाण्डेय से पर्चा दाखिल करवाया गया और यही चेहरा विजयी होकर बाहर आया।

मनोज ने हार के बाद उपाध्यक्ष का भरा पर्चा अध्यक्ष पद की हार के बाद मनोज पटेल ने उपाध्यक्ष पद के लिये पर्चा भरा और उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। उपाध्यक्ष पद के लिये कुल 5 आवेदन आए थे। जिसमें आशा दहायत ने पर्चा भरने के बाद अपना पर्चा वापस ले लिया। शेष चार के लिये वोटिंग हुई। जिसमें मनोज कुमार पटेल को सर्वाधिक 9 वोट मिले और वे उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए। सीता प्रसाद मांझी को 8, प्रदीप कुमार चौरसिया को 7, शिवभूषण लोनी को 1 वोट मिला।

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मैहर में भाजपाई को हराकर नारायण ने जीत भाजपा की झोली में डाली
मैहर जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिये होने जा रहे चुनाव पर पूरे जिले की नजर थी। यहां भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी का खेमा उनके पुत्र विकास के नेतृत्व में चुनाव मैदान में रहा। इनके खेमे से आकांक्षा विनोद लोधी वहीं अघोषित तौर पर भाजपा की प्रत्याशी सीमा तोषण पटेल मानी जा रही थी। परिणाम सामने आने पर नारायण खेमे की आकांक्षा 14 वोट पाकर अध्यक्ष निर्वाचित घोषित हुई। हालांकि बाद में नारायण ने इन्हें भाजपा की जीत बताते हुए विजयश्री भाजपा की झोली में डाल दी। उधर उपाध्यक्ष पद पर नारायण के बेटे विकास त्रिपाठी निर्विरोध उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं।

सुबह से ही जनपद चुनाव को लेकर मैहर में गहमा गहमी का माहौल था। मतदान स्थल के बाहर भारी भीड़ जमा थी और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात था। इसी दौरान अचानक नारायण त्रिपाठी के बेटे विकास एक बस में अपने समर्थित प्रत्याशियों को लेकर पहुंचे और मतदान स्थल के अंदर पहुंच गए। यहां एक ओर रखी कुर्सियों में विकास सहित 14 सदस्य बैठ गए, इनके साथ अध्यक्ष प्रत्याशी आकांक्षा भी बैठी थीं। वहीं दूसरा खेमा जो भाजपा समर्थित बताया जा रहा था वह दूसरी ओर की कुर्सियों में सीमा पटेल के साथ बैठा था। जब वोटिंग हुई तो परिणाम भी कुर्सियों में बैठी संख्या के अनुरूप रहा और आकांक्षा ने तीन वोट से सीमा को हराते हुए अध्यक्ष निर्वाचित हुई। सीमा को 11 वोट मिले।

रात में बदला समीकरण नारायण खेमे के लोगों की माने तो पहले अध्यक्ष पद की दावेदार किरण वीरेन्द्र यादव थी। लेकिन अचानक से नारायण खेमे ने मतदान के ठीक पहले रात को अपने अध्यक्ष के प्रत्याशी में बदलाव करते हुए गुरुवार को आकांक्षा का नाम बढ़ा दिया।

और विकास निर्विरोध इधर अध्यक्ष के निर्वाचन के ठीक पहले तक मणिदीप कुलदीप तिवारी के उपाध्यक्ष के दावेदारी की खबरें आ रही थी। लेकिन जैसे ही अध्यक्ष का परिणाम आया उपाध्यक्ष के लिये उनकी ओर से कोई पर्चा दाखिल नहीं हुआ। इधर विकास त्रिपाठी का इकलौता पर्चा दाखिल हुआ और वे निर्विरोध उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किये गये।

नारायण ने कहा भाजपा की जीत इधर जब परिणाम सामने आने लगे तो यहां नारायण त्रिपाठी के पक्ष में जिंदाबाद के नारे लगे तो जय-जय विन्ध्य प्रदेश की नारेबाजी के साथ इसे पृथक विन्ध्य की जीत बताया गया। लेकिन कुछ घंटे बाद विधायक नारायण त्रिपाठी का वीडियो वायरल हुआ जिसमें उन्होंने आकांक्षा की जीत को भाजपा की जीत बताया।

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रामपुर में विधायक समर्थित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जीते, पटवारी बाहर
जनपद पंचायत रामपुर बाघेलान में अध्यक्ष पद के लिये रावेन्द्र पटवारी और रावेन्द्र सिंह छोटू के बीच सीधा मुकाबला था। दोनों दावेदार अपनी ओर से पूरी ताकत लगाए हुए थे। इधर रावेन्द्र सिंह छोटू के लिये राह बनाने का काम भाजपा विधायक विक्रम सिंह कर रहे थे तो बसपा नेता रावेन्द्र पटवारी खुद ही अपना मोर्चा संभाले हुए थे। इन्हें सांसद का करीबी माना जाता है। गुरुवार को जब परिणाम सामने आए तो 15 मत पाकर रावेन्द्र सिंह छोटू अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वहीं उपाध्यक्ष पद में भी विधायक के करीबी माने जाने वाले अखिलेश शर्मा 16 मत पाकर उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित हुए।

मिली जानकारी के अनुसार जनपद सदस्य निर्वाचन के बाद से ही रावेन्द्र पटवारी ने अध्यक्ष पद के लिये अपनी दावेदारी शुरू कर दी थी। भले ही वे बसपा नेता माने जाते हैं लेकिन सांसद के करीबियों में इनकी गिनती होती है, ऐसे में विधायक खेमा किसी भी स्थिति में इन्हें अध्यक्ष नहीं बनने देने के लिये नये खेल की तैयारी कर दिया। चूंकि सदस्यों में पटेल वर्ग का संख्या बल काफी ज्यादा था ऐसे में विधायक खेमे ने रावेन्द्र सिंह छोटू को अध्यक्ष पद के लिये तैयार किया और विधायक विक्रम सिंह ने उनकी जीत का मार्ग प्रशस्त करने की जिम्मेदारी अपने कंधे ले ली। उधर यह पूर्व विधायक रह चुके रामलखन का खेमा भी पटवारी को अध्यक्ष बनाने के पक्ष में नहीं था लिहाजा दोनों खेमे वर्तमान विधायक के नेतृत्व में एक ही छतरी के नीचे आ गए। इसके बाद जोड़ तोड़ का खेल शुरू हुआ। बुधवार की रात तक पटवारी खेमा और विधायक खेमा दोनों ने अपने-अपने अंतिम दाव खेले। सुबह विधायक खेमा काफी मजबूत नजर आया। बहुसंख्यक सदस्य विधायक निवास पर देखे गए। इसके बाद एक दर्जन से ज्यादा सदस्य अलग अलग वाहनों से विधायक के करीबियों के साथ मतदान स्थल पर पहुंचे। इसके बाद रावेन्द्र पटवारी के समर्थक सदस्य भी एक साथ पहुंचते नजर आए।

और प्रशान्त अकेले रह गये विधायक के मोर्चा संभालने से पहले पूर्व सदस्य कमलेन्द्र सिंह कमलू ने भी पटवारी को रोकने के लिये समीकरण तैयार किया था। इसमें उन्होंने प्रशांत सिंह की दावेदारी में लगभग आधा दर्जन सदस्यों से बात की थी। लेकिन बाद में यह समीकरण फिट नहीं बैठा तो यह गेंद भी विधायक के पाले में दे दी गई। उधर नामांकन के दौरान जब रावेन्द्र पटवारी और रावेन्द्र सिंह छोटू ने अपने पर्चे दाखिल कर दिये तो कुछ देर के लिए प्रशांत सिंह बाहर आए और उसके बाद लौट कर उन्होंने अंदर पर्चा दाखिल कर दिया।

और विधायक की मेहनत साकार नजर आई अध्यक्ष पद का जब परिणाम सामने आया तो रावेन्द्र सिंह छोटू को 15 मत, रावेन्द्र पटवारी को 9 मत, प्रशांत सिंह को 1 मत मिला। इस तरह से रावेन्द्र सिंह छोटू अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किये गये। अध्यक्ष निर्वाचन के बाद विधायक विक्रम सिंह जनपद परिसर तक पहुंचे और जीत की बधाई दी। हालांकि बाद में इनके साथ जुलूस में कांग्रेस विस प्रत्याशी रहे रमाकांत पसासी भी नजर आए। इसको लेकर सोशल मीडिया में जमकर फोटो वायरल हुईं। हालांकि एक बयान बाद में रावेन्द्र सिंह छोटू का सामने आया जिसमें उन्होंने खुद को किसी पार्टी का सदस्य नहीं होना बताया। लेकिन विधायक के समर्थन से इंकार नहीं किया।

उपाध्यक्ष पर भी विधायक खेमा भारी पड़ा उपाध्यक्ष पद के लिये दो प्रत्याशी मैदान में थे। कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी की ओर से पूर्व विधायक प्रभाकर सिंह के परिवार की सदस्य इंदू सिंह थी। इनके लिये लॉबिग उनके बेटे रोहितकांत कर रहे थे। उधर विधायक खेमे से अखिलेश शर्मा प्रत्याशी थे। 16 वोट पाकर अखिलेश शर्मा ने एकतरफा जीत हासिल की। वहीं इंदू सिंह को 9 वोट मिले।

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रामनगर में एक वोट के अंतर से कांग्रेस ने बना लिया अपना अध्यक्ष
रामनगर जनपद पंचायत राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल के विधानसभा में आती है। यहां पर कांग्रेस अपना अध्यक्ष बनाने में कामयाब रही। हालांकि उपाध्यक्ष पद के लिये एन वक्त पर प्रत्याशी बदलना कांग्रेस को भारी पड़ गया और उपाध्यक्ष का पद भाजपा के पाले में चला गया। यहां 9 वोट पाकर कांग्रेस समर्थित मुन्नी चंद्रिका साकेत अध्यक्ष निर्वाचित हुईं। वहीं उपाध्यक्ष पद में 9 वोट के साथ इंजी. प्रियंका पटेल निर्वाचित घोषित की गई। यहां कांग्रेस की कमान पूर्व विस उपाध्यक्ष राजेन्द्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह गिनी के हाथ में थी तो मंत्री के हाथ में भाजपा की कमान मानी जा रही थी।

रामनगर में अध्यक्ष के लिये राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल और पूर्व विस उपाध्यक्ष डॉ राजेन्द्र सिंह की साख का मामला देखा जा रहा था। कांग्रेस की ओर से पूर्व विस उपाध्यक्ष के बेटे विक्रमादित्य सिंह और पूर्व जनपद अध्यक्ष मनोज सिंह गुड्डू मैनेजमेंट देख रहे थे। निर्वाचन के दिन विक्रमादित्य के नेतृत्व में कांग्रेस खेमे के 11 सदस्य मतदान स्थल तक काफिले के साथ पहुंचे। इनके सदस्य जब अंदर चले गये तभी मंत्री के करीबी कालिका पटेल अपनी बहू जो जनपद सदस्य हैं उन्हें लेकर अंदर जाने लगे तो यहां हंगामे की स्थिति बन गई। माहौल बिगड़ता देख यहां मौजूद भारी पुलिस बल अलर्ट मोड में आ गई। आंसू गैस के गोले तैयार कर लिये गये। लेकिन पुलिस ने ही मामला समझाइश के साथ शांत करवा दिया।

अध्यक्ष का कश्मकश भरा मुकाबला जिस तरीके से कांग्रेस खेमे से 11 सदस्य पहुंचे थे उसे देखते हुए यह माना जा रहा था कि कांग्रेस यहां आसानी से जीत जाएगी। लेकिन सदस्यों के अंदर पहुंचते ही हालात बदल चुके थे। यहां कांग्रेस समर्थित मुन्नी चंद्रिका साकेत ने पर्चा दाखिल किया और भाजपा समर्थित सोनू बृजलाल बुनकर मैदान में उतरे। परिणाम जब सामने आए तो 9 वोट मुन्नी चंद्रिका साकेत को और 8 वोट सोनू को मिले। इस तरह महज एक वोट से कांग्रेस समर्थित मुन्नी अध्यक्ष निर्वाचित हुईँ। यहां पर कांग्रेस खेमे को दो वोट भाजपा के पाले में चले गए थे।

और भारी पड़ा प्रत्याशी बदलना उपाध्यक्ष पद के लिये भाजपा खेमे से इंजी प्रियंका सिंह ने पर्चा दाखिल किया था तो कांग्रेस खेमे से प्रदीप गौतम सामने थे। इसी दौरान कांग्रेस खेमे के ही राजेन्द्र सिंह पैपखरा पर्चा दाखिल करने के लिए अड़ गए। बात कांग्रेस के फ्लोर मैनेजरों तक पहुंची। राजेन्द्र की जिद को देखते हुए गौतम को वापस लौटने का निर्णय सुनाया गया। इस तरह राजेन्द्र मैदान में कांग्रेस की ओर से खड़े हुए। जब मतगणना में परिणाम सामने आए तो अध्यक्षी की ठीक उलट भाजपा खेमे की प्रियंका को 9 वोट और राजेन्द्र को 8 वोट मिले। यहां पर कांग्रेस के पाले से स्पष्ट तौर पर क्रास वोटिंग होती नजर आई और उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस की जीत सीधे भाजपा के खाते में चली गई।

हम साथ-साथ हैं जीत के परिणामों के बाद नव निर्वाचित अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने राजनीति की खुशनुमा तस्वीर पेश की। दोनों के गले मिलकर एक दूसरे को बधाई देते हुए फोटो खिंचाकर विकास के मामले में कदम से कदम मिलाकर चलने की बात कही।





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