RRTS Trail Run: पहली बार दौड़ी रैपिड रेल, कब से होगी शुरू और कितना हो चुका है काम, देखें…

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RRTS Trail Run: पहली बार दौड़ी रैपिड रेल, कब से होगी शुरू और कितना हो चुका है काम, देखें…

RRTS Trail Run: पहली बार दौड़ी रैपिड रेल, कब से होगी शुरू और कितना हो चुका है काम, देखें…

प्रमुख संवाददाता, गाजियाबाद: दुहाई डिपो में शनिवार को पहली बार रैपिड रेल को ट्रैक पर दौड़ाया गया। 700 मीटर के ट्रैक पर शाम को ट्रायल रन हुआ। 6 कोच की ट्रेन के सभी उपकरण सही से काम कर रहे थे। ट्रायल रन के दौरान देखा गया कि गेट तय वक्त पर खुल रहे या नहीं। एसी सही से चल रहे या नहीं। लाइट जलने में कोई समस्या तो नहीं। ओवरहेड इलेक्ट्रिक (OHE) लाइन से करंट सप्लाई भी चेक की गई। इस दौरान एलटीई संचार नेटवर्क का परीक्षण भी किया गया। ट्रायल रन के दौरान कहीं भी कोई खामी नहीं मिली। इस दौरान एनसीआरटीसी के एमडी विनय कुमार सिंह के अलावा दूसरे अधिकारी भी ट्रेन में मौजूद थे।

Video: पहली बार ट्रैक पर कुछ यूं सरपट दौड़ी देश की पहली रैपिड रेल, देखें वीडियो

RRTS Trail Run Video : पहली बार ट्रैक पर कुछ यूं सरपट दौड़ी देश की पहली रैपिड रेल, देखें वीडियो

​2023 में साहिबाबाद से दुहाई के बीच शुरू होगी

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) की टीम ने दिल्ली गाजियाबाद मेरठ कॉरिडोर के रूट को जल्द से जल्द आम लोगों के लिए खोलने की तैयारी की है। साहिबाबाद से दुहाई तक के रूट पर तेजी से काम चल रहा है। यहां सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है। अब स्टेशन बनाने का काम चल रहा है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिकल, सिग्नल के अलावा ट्रैक बिछाने का काम किया जा रहा है। फिलहाल एनसीआरटीसी दिसंबर तक प्राथमिकता खंड में ट्रायल रन शुरू किए जाने की तैयारी में है। मार्च 2023 तक साहिबाबाद से दुहाई के बीच ट्रेन के चलाने की तैयारी की जा रही है। मालूम हो कि सावली स्थित मैन्युफैक्चरिंग प्लांट से पहला आरआरटीएस ट्रेनसेट हाल ही में सड़क मार्ग से लाया गया है। ट्रायल रन से पहले यहां ट्रेनों की विभिन्न तरह की टेस्टिंग की जाएगी।

​10 किमी तक बिछा चुके हैं ट्रैक

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ट्रैक बिछाए जाने का काम तेजी के साथ किया जा रहा है। अभी 164 किमी के सापेक्ष केवल 10 किमी के एरिया में ही ट्रैक बिछाए जाने का काम पूरा किया जा सका है। अधिकारियों का कहना है कि अभी प्राथमिकता वाले खंड में ट्रैक बिछाने का काम किया जा रहा है। जल्द ही बाकी जगह पर भी इस काम को तेजी के साथ शुरू करवाया जाएगा।

सिग्नलिंग का काम हुआ तेज

दुहाई डिपो में ट्रैक और ओएचई लाइन के अलावा सिग्नलिंग का काम भी पूरा किया जा चुका है। अब प्राथमिकता खंड में 4 किमी से अधिक एरिया में सिग्नलिंग का काम पूरा किया जा चुका है। इस काम को अक्टूबर तक प्राथमिकता खंड में पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

सुरंग खोदने का काम शुरू

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आनंद विहार स्टेशन से लेकर साहिबाबाद की तरफ सुरंग खोदने का काम शुरू कर दिया गया है। दिल्ली में इस कॉरिडोर के 4 स्टेशन आते हैं। इसमें जंगपुरा, सरायकाले खां, न्यू अशोकनगर और आनंद विहार है। आनंद विहार स्टेशन एकमात्र स्टेशन भूमिगत स्टेशन है। इस स्टेशन से दिल्ली की और न्यू अशोक नगर और गाजियाबाद की दिशा में साहिबाबाद एलिवेटेड आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। 82 किमी के इस कॉरिडोर में 14 किमी का हिस्सा दिल्ली और 68 किमी का हिस्सा यूपी में आता है। पूरे कॉरिडोर में 70 किमी का एलिवेटेड सेक्शन है। 12 किमी का अंडरग्राउंड सेक्शन है।

​2400 यात्री एक साथ करेंगे सफर

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रैपिड के एक कोच में 400 यात्री सफर कर सकेंगे। 6 कोच वाली रैपिड में एक बार में 2400 यात्रियों के सफर करने की क्षमता है। डायनमिक ट्रायल में यात्रियों के भार बराबर रेत की बोरियां रखकर ट्रेन को परीक्षण किया जाएगा। इस दौरान सीट को हटा दिया जाता है। इस ट्रायल में स्टेशन पर ट्रेन का रुकना, यात्रियों का चढ़ना, उतरना सभी शामिल किया जाएगा। मार्च 2023 को उद्घाटन के साथ यात्रियों के लिए सेवा शुरू होगी।

​2 फेज में होता है ट्रायल

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रैपिड ट्रेन का ट्रायल 2 फेज में होता है। पहला स्टेटिक ट्रायल जो शुरू हो चुका है। यह ट्रायल डिपो के अंदर बनी पटरी पर ट्रेन को खड़ा करके किया जा रहा है। इसमें ट्रेन के अंदर के उपकरण से सही से काम कर रहे है या नहीं इसे चेक किया जाता है। दूसरे ट्रायल को डायनमिक ट्रायल कहते हैं। यह ट्रायल डिपो के भीतर और पूरे कॉरिडोर में ट्रेन चलाकर किया जाता है। रैपिड रेल का ट्रायल रन दिसंबर 2022 तक किए जाने की तैयारी की जा रही है। साहिबाबाद से दुहाई के बीच 17 किमी के कारिडोर पर 6 डिब्बे वाली यह रेल प्रतिदिन चलेगी।

​ये काम हो चुके हैं पूरे

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  • 11300 सेगमेंट का निर्माण किया जा चुका है।
  • 25 किमी तक वायडक्ट का काम हो चुका है पूरा
  • डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन बन कर तैयार हो चुकी है।
  • डिपो में 2 वर्कशॉप लाइन तैयार हो चुकी है।
  • डिपो में 3 इंटरनल बे लाइन तैयार हो चुकी है।
  • डिपो में एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग लाइन भी तैयार हो चुकी है।
  • दुहाई में प्रशासनिक भवन में शुरू हो चुका है काम।

(स्टेबलिंग लाइनों का प्रयोग ट्रेनों के खड़ा करने के लिए किया जाता है। वर्कशॉप लाइनों पर ट्रेनों के रख रखाव और तकनीकी खराबियों को ठीक किया जाता है। इंटरनल बे लाइन ट्रेनों की टेस्टिंग के लिए बनाई जाती हैं। हेवी इंटरनल क्लीनिंग लाइन पर ट्रेनों के भीतर की सफाई की जाती है।)

​इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग की होगी सुविधा

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आरआरटीएस के स्टेशन पर इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग की सुविधा शुरू किए जाने की तैयारी में एनसीआरटीसी के अधिकारी लगे हुए हैं। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बहुत अधिक बढ़ने वाली है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अपने घर से बाइक या कार से आता है तो वह स्टेशन में अपने इलेक्ट्रिक वाहन को पार्क करके चला जाएगा। इस दौरान यदि वह वाहन को चार्ज करना चाहता है तो वहां पर उसे वाहन को चार्जिंग की सुविधा मिलेगी। इसका एक फिक्स चार्ज लिया जाएगा।

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