Delhi Metro Phase-4: छतरपुर मंदिर के पास बन रहा है नया मेट्रो स्टेशन, इस रूट के यात्रियों को होगी सुविधा
नई दिल्ली: मेट्रो के फेज-4 में बन रही नई सिल्वर लाइन छतरपुर मंदिर जाने वालों की राह और आसान बनाने वाली है। तुगलकाबाद से एयरोसिटी के बीच बन रही इस नई लाइन का एक अंडरग्राउंड स्टेशन इस मंदिर के ठीक बगल में बन रहा है। इस स्टेशन का एक गेट मंदिर के मुख्य द्वार के बिल्कुल नजदीक होगा, जहां से निकलकर लोग चंद कदम चलकर सीधे मंदिर के अंदर प्रवेश कर सकेंगे। वहीं दूसरा गेट सड़क के दूसरी तरफ पार्किंग एरिया के नजदीक होगा।
इस स्टेशन के बनने से न केवल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को, बल्कि आस-पास की तमाम कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को भी फायदा होगा। यह पूरा इलाका बेहद घनी आबादी वाला है। अभी यहां के लोगों को मेट्रो सेवा का इस्तेमाल करने के लिए ई-रिक्शा, ऑटो, टेंपो या कोई अन्य साधन लेकर महरौली-गुड़गांव रोड स्थित येलो लाइन के छतरपुर स्टेशन तक जाना पड़ता है। इस स्टेशन का एंट्री-एग्जिट गेट रोड के दूसरी तरफ गुड़गांव से दिल्ली की तरफ आने वाले रूट के किनारे बना हुआ है। ऐसे में सीडीआर चौक पर उतरकर लोगों को पहले पहले फुट ओवरब्रिज पर चढ़ना पड़ता है और वहां से होकर वो मेट्रो स्टेशन में प्रवेश कर पाते हैं, लेकिन नए मेट्रो स्टेशन बनने से लोगों को घर के नजदीक ही मेट्रो की सुविधा मिल जाएगी।
मंदिर में दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु: दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में स्थित श्री आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ की गिनती दिल्ली के प्रमुख धार्मिक स्थलों में होती है। वैसे तो यहां पूरे साल हर रोज ही भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्र समेत कुछ अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों के अवसर पर यहां का अलग ही माहौल रहता है और रोज लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शक्ति पीठ के आस-पास बने कुछ अन्य मंदिर भी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। खासकर, यहां खुले आसमान के नीचे स्थापित हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा देखने के लिए भी दूर-दूर से लोग आते हैं। यह इलाका देश-दुनिया से दिल्ली आने वाले टूरिस्टों के भी आकर्षण का केंद्र है। ऐसे में अब मंदिर के ठीक बगल में मेट्रो स्टेशन बन जाने से यहां आने-जाने वाले लोगों को आसानी होगी। उन्हें येलो लाइन के छतरपुर स्टेशन पर उतरकर मंदिर तक पहुंचने में मशक्कत करने के बजाए छतरपुर पर बन रहे इंटरचेंज स्टेशन से सिल्वर लाइन की ट्रेन लेकर वे सीधे छतरपुर मंदिर तक पहुंच सकेंगे।
मंदिर के नजदीक ही इंटरचेंज की भी सुविधा: छतरपुर मंदिर पर बन रहा प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन एक अंडरग्राउंड स्टेशन होगा। छतरपुर मंदिर से इसकी दूरी महज 100-150 मीटर होगी, जबकि येलो लाइन का छतरपुर मेट्रो स्टेशन यहां से करीब 700-800 मीटर दूर है। नया स्टेशन जमीन से करीब 19 मीटर की गहराई पर बनेगा। इसमें केवल दो लेवल होंगे – कोनकोर्स और प्लेटफॉर्म। स्टेशन के दो एंट्री-एग्जिट गेट होंगे। एक गेट मंदिर के ठीक बगल में होगा और दूसरा मेन छतरपुर रोड के दूसरी तरफ बनेगा। इस नए स्टेशन के निर्माण के साथ ही डीएमआरसी फेज-4 में येलो लाइन के छतरपुर स्टेशन को भी एक इंटरचेंज स्टेशन के रूप में तब्दील करने जा रही है। ऐसे में अब दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए भी मेट्रो से छतरपुर मंदिर आना-जाना बेहद आसान हो जाएगा।
तीन साल में बनकर हो जाएगा तैयार: फेज-4 में बन रहे 23.88 किमी लंबे एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर पर कुल 15 नए मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिनमें से केवल 4 स्टेशन एलिवेटेड होंगे। बाकी के 11 स्टेशनों में से एक स्टेशन छतरपुर मंदिर का भी होगा। इस कॉरिडोर पर नई मेट्रो लाइन और मेट्रो स्टेशनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जो तीन साल में पूरा हो जाएगा। ऐसे में सितंबर 2025 तक छतरपुर मंदिर और छतरपुर इंटरचेंज स्टेशन यात्रियों की आवाजाही के लिए खुलने की उम्मीद है।
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इस स्टेशन के बनने से न केवल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को, बल्कि आस-पास की तमाम कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को भी फायदा होगा। यह पूरा इलाका बेहद घनी आबादी वाला है। अभी यहां के लोगों को मेट्रो सेवा का इस्तेमाल करने के लिए ई-रिक्शा, ऑटो, टेंपो या कोई अन्य साधन लेकर महरौली-गुड़गांव रोड स्थित येलो लाइन के छतरपुर स्टेशन तक जाना पड़ता है। इस स्टेशन का एंट्री-एग्जिट गेट रोड के दूसरी तरफ गुड़गांव से दिल्ली की तरफ आने वाले रूट के किनारे बना हुआ है। ऐसे में सीडीआर चौक पर उतरकर लोगों को पहले पहले फुट ओवरब्रिज पर चढ़ना पड़ता है और वहां से होकर वो मेट्रो स्टेशन में प्रवेश कर पाते हैं, लेकिन नए मेट्रो स्टेशन बनने से लोगों को घर के नजदीक ही मेट्रो की सुविधा मिल जाएगी।
मंदिर में दूर-दूर से आते हैं श्रद्धालु: दक्षिणी दिल्ली के छतरपुर इलाके में स्थित श्री आद्या कात्यायनी शक्ति पीठ की गिनती दिल्ली के प्रमुख धार्मिक स्थलों में होती है। वैसे तो यहां पूरे साल हर रोज ही भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्र समेत कुछ अन्य महत्वपूर्ण त्योहारों के अवसर पर यहां का अलग ही माहौल रहता है और रोज लाखों की संख्या में लोग दर्शन के लिए पहुंचते हैं। शक्ति पीठ के आस-पास बने कुछ अन्य मंदिर भी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र हैं। खासकर, यहां खुले आसमान के नीचे स्थापित हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा देखने के लिए भी दूर-दूर से लोग आते हैं। यह इलाका देश-दुनिया से दिल्ली आने वाले टूरिस्टों के भी आकर्षण का केंद्र है। ऐसे में अब मंदिर के ठीक बगल में मेट्रो स्टेशन बन जाने से यहां आने-जाने वाले लोगों को आसानी होगी। उन्हें येलो लाइन के छतरपुर स्टेशन पर उतरकर मंदिर तक पहुंचने में मशक्कत करने के बजाए छतरपुर पर बन रहे इंटरचेंज स्टेशन से सिल्वर लाइन की ट्रेन लेकर वे सीधे छतरपुर मंदिर तक पहुंच सकेंगे।
मंदिर के नजदीक ही इंटरचेंज की भी सुविधा: छतरपुर मंदिर पर बन रहा प्रस्तावित मेट्रो स्टेशन एक अंडरग्राउंड स्टेशन होगा। छतरपुर मंदिर से इसकी दूरी महज 100-150 मीटर होगी, जबकि येलो लाइन का छतरपुर मेट्रो स्टेशन यहां से करीब 700-800 मीटर दूर है। नया स्टेशन जमीन से करीब 19 मीटर की गहराई पर बनेगा। इसमें केवल दो लेवल होंगे – कोनकोर्स और प्लेटफॉर्म। स्टेशन के दो एंट्री-एग्जिट गेट होंगे। एक गेट मंदिर के ठीक बगल में होगा और दूसरा मेन छतरपुर रोड के दूसरी तरफ बनेगा। इस नए स्टेशन के निर्माण के साथ ही डीएमआरसी फेज-4 में येलो लाइन के छतरपुर स्टेशन को भी एक इंटरचेंज स्टेशन के रूप में तब्दील करने जा रही है। ऐसे में अब दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए भी मेट्रो से छतरपुर मंदिर आना-जाना बेहद आसान हो जाएगा।
तीन साल में बनकर हो जाएगा तैयार: फेज-4 में बन रहे 23.88 किमी लंबे एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर पर कुल 15 नए मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिनमें से केवल 4 स्टेशन एलिवेटेड होंगे। बाकी के 11 स्टेशनों में से एक स्टेशन छतरपुर मंदिर का भी होगा। इस कॉरिडोर पर नई मेट्रो लाइन और मेट्रो स्टेशनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जो तीन साल में पूरा हो जाएगा। ऐसे में सितंबर 2025 तक छतरपुर मंदिर और छतरपुर इंटरचेंज स्टेशन यात्रियों की आवाजाही के लिए खुलने की उम्मीद है।