Reliance-Future-Amazon dispute: बिग बाजार पर क्यों किया था रातोंरात ‘कब्जा’, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बताई वजह

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Reliance-Future-Amazon dispute: बिग बाजार पर क्यों किया था रातोंरात ‘कब्जा’, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बताई वजह

Reliance-Future-Amazon dispute: बिग बाजार पर क्यों किया था रातोंरात ‘कब्जा’, मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बताई वजह

नई दिल्ली: भारत के 900 अरब डॉलर के रिटेल सेक्टर में दबदबा कायम करने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी ऐमजॉन (Amazonरिल) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के बीच घमासान चल रहा है। देश की सबसे बड़ी रिटेलर रिलायंस ने हाल में रातोंरात फ्यूचर रिटेल (Future Retail) के कई स्टोर्स (Big Bazar) का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। कंपनी ने अपनी इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा है कि फ्यूचर के भविष्य और उसके साथ अपनी डील को बचाने के लिए उसे यह कदम उठाना पड़ा।

कर्ज में डूबे किशोर बियाणी की कंपनी फ्यूचर ग्रुप के रिटेल बिजनस पर कब्जे के लिए रिलायंस और एमेजॉन के बीच पिछले कई महीने से कानूनी जंग चल रही है। रिलायंस ने 25 फरवरी की रात अचानक फ्यूचर ग्रुप के कई स्टोर्स का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था। कंपनी का कहना था कि इन स्टोर्स के लीज का भुगतान नहीं किया गया था। रिलायंस की इस हरकत ने फ्यूचर को ही नहीं बल्कि ऐमजॉन को भी सकते में डाल दिया था।
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क्या कहा कंपनी ने
रिलायंस ने आठ मार्च के एक पत्र में पहली बार इस मामले में अपना रुख साफ किया है। कंपनी ने इस पत्र में कहा है कि फ्यूचर को नुकसान से बचाने के लिए उसने कई अहम कदम उठाए हैं। इनमें 48 अरब रुपये यानी 63.4 करोड़ डॉलर का फाइनेंशियल सपोर्ट शामिल है। इसमें 11 अरब रुपये लीज का पैसा चुकाने और 37 अरब रुपये वर्किंग कैपिटल के रूप में दिए गए। रिलायंस ने फ्यूचर के 1500 स्टोर्स में से 900 स्टोर्स की लीज अपने हाथ में ले ली थी और फ्यूचर को उन्होंने चलाने की अनुमति दी थी।

रिलायंस ने इस पत्र में कहा है कि फ्यूचर बकाये का भुगतान करने में नाकाम रही और इसके रिटेल बिजनस का घाटा बढ़ता गया। इस कारण रिलायंस को अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल करते हुए इन स्टोर्स को अपने हाथ में लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। रॉयटर्स ने इस पत्र को देखा है। इस बारे में रिलायंस और फ्यूचर ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।

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फ्यूचर का क्या कहना है
दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुके फ्यूचर ग्रुप ने रिलायंस की इस कार्रवाई को एकतरफा कदम बताया था। रिलायंस ने फ्यूचर के रिटेल बिजनस को खरीदने के लिए 2020 में 3.4 अरब डॉलर की एक डील की थी। लेकिन ऐमजॉन ने इसे चुनौती दी थी। रिलायंस ने जब फ्यूचर के स्टोर्स पर नियंत्रण किया था तो फ्यूचर ने दो मार्च को उसे एक पत्र लिखा। इसमें पूछा गया था कि क्या रिलायंस डील की शर्तों पर बनी रहेगी। इसके जवाब में रिलायंस ने फ्यूचर को जवाब दिया था। कंपनी का कहना था कि जब भी डील लागू होगी, वह शर्तों के मुताबिक होगी।

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