घाटी में आतंक के ‘भर्ती सेंटर’ का पर्दाफाश, सोशल मीडिया से युवाओं को बना रहे निशाना

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घाटी में आतंक के ‘भर्ती सेंटर’ का पर्दाफाश, सोशल मीडिया से युवाओं को बना रहे निशाना

जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police) ने 4 युवाओं को आतंकी रैंक में शामिल होने से बचाया है. ये चारों युवक सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन के संपर्क में आए.

पाकिस्तान के भर्ती हैंडलर ने उकसाया

जम्मू-कश्मीर पुलिस (Jammu Kashmir Police) ने मंगलवार को गांदरबल और बडगाम जिलों में चार युवकों को आतंकवादी रैंक में शामिल होने से बचा लिया. पुलिस ने एक बयान में कहा, ‘बडगाम में सूचना मिली थी कि दो लड़के 14 मार्च को अपने घर छोड़कर चले गए हैं. इसके बाद पुलिस टीमों का गठन किया गया, जिन्होंने अवंतीपोरा के त्राल क्षेत्र में दोनों युवकों पर नजर रखी. ये युवक सोशल मीडिया के जरिए आतंकवादियों के संपर्क में आए. इन्हें सोशल मीडिया हैंडल के जरिए से पाकिस्तान स्थित भर्ती हैंडलर द्वारा उकसाया गया था. दोनों युवाओं को पुलिस ने ढूंढ निकाला और गलत रास्ते को न चुनने के लिए समझाया. युवकों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है.

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पियां कैडर में होना था शामिल

इसके अलावा गांदरबल जिले में पुलिस ने दो युवकों को आतंकी गुटों में शामिल होने से बचाया, जो गांदरबल में बटविना और कुरहामा क्षेत्रों के निवासी हैं. ये दोनों युवक आतंकवादी रैंकों में शामिल होने के लिए अपना घर छोड़कर दक्षिण कश्मीर के शोपियां चले गए थे. अधिकारियों ने बताया कि जब वे करनगर-बटमालू एक्सिस पर पहुंचे, तो उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया. दोनों ने खुलासा किया कि आतंकवाद से जुड़ने के लिए उन्हें पाकिस्तान स्थित आतंकवादी कैंप चलाने वालों ने प्रेरित किया और उन्हें शोपियां जिले में उनके जमीनी कैडर के साथ संपर्क स्थापित करने के लिए कहा गया. पुलिस ने कहा कि उनके परिवारों ने समय पर कार्रवाई के लिए इन प्रयासों की सराहना की है.

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